नोवल कोरोना वायरस के आने के बाद से प्रतिरक्षा या इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए लोग विभिन्न उपाय आजमा रहे है. लेकिन आपके घर के बगीचे या आसपास लगे गिलोय के पौधे पर शायद ही कभी आपका ध्यान गया होगा. वैसे तो रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए मार्केट में बहुत से प्रोड्क्ट उपलब्ध है, लेकिन आयुर्वेद में गिलोय सबसे कारगर साबित हुआ है. गिलोय एक ऐसी औषधी है, जो प्रतिरक्षा को तेजी से मजबूत करती है.
जीवन शैली में बदलाव और खानपान के कारण भी रोग प्रतिरोध क्षमता में कमी आ जाती है, इसके लिए गिलोय का उपयोग कर सकते है. यह मनुष्य की प्रतिरक्षा को बढ़ाकर अन्य छोटी-बड़ी बीमारी को ठीक करता है. गिलोय को गुडूची, अमृता आदि नाम से भी जाना जाता है. आयुर्वेद में इसे अमृत की तरह इस्तेमाल किया जाता है. हैदराबाद के आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. राज्यलक्ष्मी माधवम ने गिलोय के फायदे और उपयोग के बारे में ईटीवी भारत के माध्यम से जानकारी दी है.
गिलोय के फायदे
1.वात दोष: प्राकृतिक औषधी होने के कारण गिलोय का उपयोग वात दोष को कम करने के लिए किया जाता है. वहीं खून को साफ कर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है. गिलोय को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पियें.
2.मौसमी बीमारी: मानसून में होने वाली सर्दी, खांसी, मलेरिया, टाइफाइड, कफ आदि को ठीक करता है.
3.पेट संबंधी बीमारी: पेट दर्द, पेट में कीड़े, अपच, उल्टी, गैस आदि समस्या को दूर करता है. इसके लिए गिलोय का जूस बनाकर नियमित सेवन करें.
4.मधुमेह: गिलोय मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन के उत्पादन की कमी को पूरा करती है. खासकर टाइप-2 मधुमेह के रोगियों के खून में चीनी की मात्रा को नियंत्रित करती है. इसके लिए गिलोय के जूस का सेवन करें.
5.आमवातीय संधिशोथ/गठिया: गिलोय में एंटी ऑर्थराइटिक और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाये जाते हैं. इसके सेवन से गठिया के मरीज ठीक हो जाते है. इसके साथ ही गठिया से होने वाले दर्द को भी कम करती है. गिलोय को अदरक के साथ मिलाकर सेवन करें.
6.पीलिया: पीलिया रोगियों को गिलोय का पेस्ट बनाकर छांछ के साथ पीना चाहिए. यह पीलिया को ठीक करने के साथ शरीर में ताकत लाती है.
7.बुखार: सामान्य बुखार या डेंगू बुखार जैसे अन्य जानलेवा बीमारियों से लड़ने में सहायक होता है. इसके लिए गिलोय को शहद के साथ सेवन करें.
8.अस्थमा: सांस संबंधी रोग जैसे अस्थमा, पुरानी खांसी, कफ, सीने में दर्द आदि के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है.
9.बढ़ती उम्र: एक उम्र के बाद इंसान बुढ़ापे की तरफ बढ़ता है, लेकिन अगर समय से पहले बुढ़ापा दिखने लगे, तो गिलोय का नियमित सेवन करें. ये झुर्रियां, आंखों के नीचे कालापन जैसे लक्षणों को बढ़ने से रोकता है.
10.यौनेच्छा: गिलोय में एफ्रोडिजिक या यौनेच्छा बढ़ाने के गुण होते है. ये आपके यौन स्वास्थ्य और यौन जीवन को ठीक करने में मदद करता है. केमिकल दवाइयों के बजाय रोजाना गिलोय के जूस का सेवन करें.
डॉ. राज्यलक्ष्मी का कहना है कि गिलोय पर बहुत अनुसंधान किया गया है और कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी है. ऋग्वेद और अथर्ववेद में उल्लेख किया गया है कि नीम के पेड़ों पर उगने वाली गुडूची में बेहतर क्षमता होती है और यह बेहतर इम्युनोमोडायलेटरी प्रदान करती है.
उन्होंने जानकारी दी है कि सीएसआईआर (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के साथ आयुष मंत्रालय ने नोवल कोरोना वायरस से लड़ने में गुडुची और अन्य आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का परीक्षण कर नैदानिक परीक्षण शुरू किया है. उच्च एंटीऑक्सिडेंट के साथ, गुडूची प्रतिरक्षा को बढ़ाती है और मुक्त कणों से लड़ती है.