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अंतिम चरण के फेफड़ों के कैंसर में पांच मिनट की शारीरिक गतिविधि मूल्यवान हो सकती है: अध्ययन

पूरी दुनिया में कैंसर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में कैंसर से सालाना 7-8 लाख जान गंवाते हैं. इसी बीच एक ताजा सर्वे के आधार वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अंतिम चरण के फेफड़ों के कैंसर के मरीज अगर रोजाना शारीरिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं तो उनका लाइफ स्पैन बढ़ सकता है. पढ़ें पूरी खबर..lung cancer, Cancer In India, Cancer Patient Death In India.

Cancer Patient Death In India
फेफड़ों के कैंसर
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By ANI

Published : Dec 10, 2023, 7:42 PM IST

पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) : फेफड़ों का कैंसर किसी भी अन्य घातक बीमारी की तुलना में हर साल अधिक लोगों को प्रभावित करता है. कर्टिन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक नए अध्ययन से पता चला है कि इस बीमारी के असाध्य रूप वाले लोग यदि प्रतिदिन पांच मिनट से कम शारीरिक गतिविधि में संलग्न हों तो वे लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं.

उनके निदान के समय से, असाध्य फेफड़ों के कैंसर वाले 89 रोगियों की दैनिक गतिविधियों की निगरानी कर्टिन स्कूल ऑफ एलाइड हेल्थ, कर्टिन एनएबल इंस्टीट्यूट और अन्य शोध संस्थानों की एक टीम द्वारा की गई थी. फिर उन्होंने 12 महीनों के बाद मृत्यु दर की तुलना उन लोगों के बीच की जो कैंसर से पीड़ित थे. अधिक मध्यम-से-जोरदार शारीरिक गतिविधि (जैसे चलना) में और जो बड़े पैमाने पर निष्क्रिय थे. जिन लोगों ने प्रति दिन 4.6 मिनट से अधिक मध्यम-से-जोरदार शारीरिक गतिविधि पूरी की, उनमें कम सक्रिय समूह की तुलना में 12 महीने के बाद मृत्यु का जोखिम 60 प्रतिशत कम था.

अध्ययन के प्रमुख और पूर्व कैंसर काउंसिल डब्ल्यूए पोस्टडॉक्टोरल फेलो एसोसिएट प्रोफेसर विन कैवलहेरी ने कहा कि खासकर शुरुआती दौर में यह निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है.

उन्होंने कहा, 'हमने पहले दिखाया था कि निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोग अत्यधिक गतिहीन थे और उपचार शुरू होने से पहले मध्यम से जोरदार शारीरिक गतिविधि में न्यूनतम समय बिताते थे.' 'ये नए निष्कर्ष आगे संकेत देते हैं कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती प्रबंधन में किसी व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि के स्तर की जांच करनी चाहिए'

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पर्थ (ऑस्ट्रेलिया) : फेफड़ों का कैंसर किसी भी अन्य घातक बीमारी की तुलना में हर साल अधिक लोगों को प्रभावित करता है. कर्टिन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक नए अध्ययन से पता चला है कि इस बीमारी के असाध्य रूप वाले लोग यदि प्रतिदिन पांच मिनट से कम शारीरिक गतिविधि में संलग्न हों तो वे लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं.

उनके निदान के समय से, असाध्य फेफड़ों के कैंसर वाले 89 रोगियों की दैनिक गतिविधियों की निगरानी कर्टिन स्कूल ऑफ एलाइड हेल्थ, कर्टिन एनएबल इंस्टीट्यूट और अन्य शोध संस्थानों की एक टीम द्वारा की गई थी. फिर उन्होंने 12 महीनों के बाद मृत्यु दर की तुलना उन लोगों के बीच की जो कैंसर से पीड़ित थे. अधिक मध्यम-से-जोरदार शारीरिक गतिविधि (जैसे चलना) में और जो बड़े पैमाने पर निष्क्रिय थे. जिन लोगों ने प्रति दिन 4.6 मिनट से अधिक मध्यम-से-जोरदार शारीरिक गतिविधि पूरी की, उनमें कम सक्रिय समूह की तुलना में 12 महीने के बाद मृत्यु का जोखिम 60 प्रतिशत कम था.

अध्ययन के प्रमुख और पूर्व कैंसर काउंसिल डब्ल्यूए पोस्टडॉक्टोरल फेलो एसोसिएट प्रोफेसर विन कैवलहेरी ने कहा कि खासकर शुरुआती दौर में यह निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है.

उन्होंने कहा, 'हमने पहले दिखाया था कि निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित लोग अत्यधिक गतिहीन थे और उपचार शुरू होने से पहले मध्यम से जोरदार शारीरिक गतिविधि में न्यूनतम समय बिताते थे.' 'ये नए निष्कर्ष आगे संकेत देते हैं कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को निष्क्रिय फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती प्रबंधन में किसी व्यक्ति की शारीरिक गतिविधि के स्तर की जांच करनी चाहिए'

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