सैन फ्रांसिस्को : शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जल्दी खाना खाने से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा कम हो सकता है. नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने भोजन सेवन पैटर्न और हृदय रोग के बीच संबंधों का अध्ययन करने के लिए न्यूट्रीनेट-सांटे समूह में 1,03,389 प्रतिभागियों के डेटा का उपयोग किया गया. इनमें से 79 प्रतिशत महिलाएं थीं, जिनकी औसत आयु 42 वर्ष थी.
संभावित पूर्वाग्रह के जोखिम को कम करने के लिए शोधकर्ताओं ने बड़ी संख्या में भ्रमित करने वाले कारकों, विशेष रूप से सामाजिक जनसांख्यिकीय कारकों (उम्र, लिंग, पारिवारिक स्थिति, आदि) आहार पोषण गुणवत्ता, जीवन शैली और नींद चक्र को ध्यान में रखा.
निष्कर्षों से पता चला कि नाश्ता छोड़ने और दिन में पहला भोजन देर से करने में हृदय रोग का खतरा अधिक होता है, प्रति घंटे की देरी से जोखिम में 6 प्रतिशत की वृद्धि होती है.
अध्ययन में कहा गया, 'उदाहरण के लिए, जो व्यक्ति पहली बार सुबह 9 बजे खाता है, उसमें हृदय रोग विकसित होने की संभावना सुबह 8 बजे खाने वाले व्यक्ति की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक होती है. जब दिन के डिनर की बात आती है, तो रात 8 बजे से पहले खाने की तुलना में रात 9 बजे के बाद खाने से सेरेब्रोवास्कुलर रोग जैसे स्ट्रोक का खतरा 28 प्रतिशत बढ़ जाता है. खासकर महिलाओं में यह खतरा ज्यादा होता है.'
इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन के आखिरी भोजन और अगले दिन के पहले भोजन के बीच रात के समय के उपवास की लंबी अवधि सेरेब्रोवास्कुलर रोग के कम जोखिम से जुड़ी होती है, जो दिन में पहले और आखिरी भोजन को पहले खाने के विचार का समर्थन करता है.
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज अध्ययन के अनुसार, हृदय रोग दुनिया में मृत्यु का प्रमुख कारण है. साल 2019 में 18.6 मिलियन वार्षिक मौतें हुईं, जिनमें से लगभग 7.9 मौतें आहार के कारण हुईं. शोधकर्ताओं ने कहा, इसका मतलब है कि आहार इन बीमारियों के विकास और प्रगति में एक प्रमुख भूमिका निभाता है. पश्चिमी समाज की आधुनिक जीवनशैली ने खाने की विशिष्ट आदतों को जन्म दिया है, जैसे रात का खाना देर से खाना या नाश्ता न करना.
इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि लंबे समय तक रात के उपवास के साथ पहला और आखिरी भोजन जल्दी खाने की आदत अपनाने से हृदय रोग के खतरे को रोकने में मदद मिल सकती है.