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E-Cigarette: हमारे देश के 60 प्रतिशत से अधिक युवा आ सकते हैं चपेट में, एक अध्ययन में हुआ खुलासा

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Published : Jun 15, 2023, 1:30 PM IST

हमारे देश में ई-सिगरेट का चलन धीरे-धीरे बढ़ रहा है. एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर खुलासा हुआ है कि देश के 60 प्रतिशत से अधिक युवा इस चपेट में आ सकते हैं....

e cigarette impact in youths in India
भारत में ई सिगरेट

नई दिल्ली : भारत में 15 से 30 साल की उम्र के करीब 61 फीसदी युवा, जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया है, भविष्य में इसकी चपेट में आ सकते हैं. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, यह अध्ययन पूरे देश से 456 समेत 4,007 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया. वर्तमान या पिछले तम्बाकू उपयोग के बाद संवेदनशीलता पर दूसरे सबसे बड़े प्रभाव के रूप में ई-सिगरेट विज्ञापन के संपर्क की पहचान की.

रिपोर्ट के अनुसार, ई-सिगरेट विज्ञापन के संपर्क की पहचान की गई, जबकि कथित हानिकारकता ने संवेदनशीलता की संभावना को कम कर दिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मस्तिष्क के विकास पर निकोटीन के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों और उपकरणों में मौजूद अन्य रसायनों से संभावित नकारात्मक परिणामों के कारण युवा लोगों में ई-सिगरेट के उपयोग की संवेदनशीलता एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है.

e cigarette impact in youths in India
युवाओं में ई सिगरेट

भारत में संस्थान में सुधीर राज थाउट रिसर्च फेलो ने कहा कि इस बात की चिंता बढ़ रही है कि भारत में युवा ई-सिगरेट के उपयोग के लिए अतिसंवेदनशील होते जा रहे हैं. तत्काल हस्तक्षेप और ई-सिगरेट के उपयोग के जोखिम और प्रभाव को संबोधित करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान अनिवार्य हैं.

इसके अलावा, सर्वे में पता चला है कि भारत में 51 प्रतिशत लोग जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया था, उसके बारे उत्सुक थे. 49 प्रतिशत ने कहा कि अगर किसी दोस्त के द्वारा पेश की जाती है तो वह उसका इस्तेमाल करेंगे और 44 प्रतिशत का इरादा ई-सिगरेट का उपयोग अगले वर्ष करने का था.

e cigarette impact in youths in India
ई सिगरेट का उपयोग

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 47 प्रतिशत भारतीयों ने ई-सिगरेट का विज्ञापन देखा था. ये परिणाम यूके में 63 प्रतिशत, चीन में 51 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 30 प्रतिशत थे, जहां अध्ययन हुआ था. निष्कर्ष ड्रग एंड अल्कोहल डिपेंडेंस जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

अध्ययन में अधिकांश भारतीय उत्तरदायी अच्छे पढ़े लिखे थे और अमीर परिवार से थे. हालांकि, 66 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि ई-सिगरेट की लत लग सकती है और 66 प्रतिशत मानते हैं यह हानिकारक है. वहीं ऐसा सोचना वाले आस्ट्रेलिया युवाओं की संख्या 87 व 83 प्रतिशत है.

शोधकर्ताओं ने इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ ई-सिगरेट के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की है.

भारत में तंबाकू का बाजार दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लगभग 27 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग करती है.

--आईएएनएस

नई दिल्ली : भारत में 15 से 30 साल की उम्र के करीब 61 फीसदी युवा, जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया है, भविष्य में इसकी चपेट में आ सकते हैं. एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट के अनुसार, यह अध्ययन पूरे देश से 456 समेत 4,007 लोगों के एक अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया. वर्तमान या पिछले तम्बाकू उपयोग के बाद संवेदनशीलता पर दूसरे सबसे बड़े प्रभाव के रूप में ई-सिगरेट विज्ञापन के संपर्क की पहचान की.

रिपोर्ट के अनुसार, ई-सिगरेट विज्ञापन के संपर्क की पहचान की गई, जबकि कथित हानिकारकता ने संवेदनशीलता की संभावना को कम कर दिया. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मस्तिष्क के विकास पर निकोटीन के प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभावों और उपकरणों में मौजूद अन्य रसायनों से संभावित नकारात्मक परिणामों के कारण युवा लोगों में ई-सिगरेट के उपयोग की संवेदनशीलता एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता है.

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युवाओं में ई सिगरेट

भारत में संस्थान में सुधीर राज थाउट रिसर्च फेलो ने कहा कि इस बात की चिंता बढ़ रही है कि भारत में युवा ई-सिगरेट के उपयोग के लिए अतिसंवेदनशील होते जा रहे हैं. तत्काल हस्तक्षेप और ई-सिगरेट के उपयोग के जोखिम और प्रभाव को संबोधित करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान अनिवार्य हैं.

इसके अलावा, सर्वे में पता चला है कि भारत में 51 प्रतिशत लोग जिन्होंने पहले कभी ई-सिगरेट का इस्तेमाल नहीं किया था, उसके बारे उत्सुक थे. 49 प्रतिशत ने कहा कि अगर किसी दोस्त के द्वारा पेश की जाती है तो वह उसका इस्तेमाल करेंगे और 44 प्रतिशत का इरादा ई-सिगरेट का उपयोग अगले वर्ष करने का था.

e cigarette impact in youths in India
ई सिगरेट का उपयोग

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि सर्वे में हिस्सा लेने वाले 47 प्रतिशत भारतीयों ने ई-सिगरेट का विज्ञापन देखा था. ये परिणाम यूके में 63 प्रतिशत, चीन में 51 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 30 प्रतिशत थे, जहां अध्ययन हुआ था. निष्कर्ष ड्रग एंड अल्कोहल डिपेंडेंस जर्नल में प्रकाशित हुए हैं.

अध्ययन में अधिकांश भारतीय उत्तरदायी अच्छे पढ़े लिखे थे और अमीर परिवार से थे. हालांकि, 66 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि ई-सिगरेट की लत लग सकती है और 66 प्रतिशत मानते हैं यह हानिकारक है. वहीं ऐसा सोचना वाले आस्ट्रेलिया युवाओं की संख्या 87 व 83 प्रतिशत है.

शोधकर्ताओं ने इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ ई-सिगरेट के विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की है.

भारत में तंबाकू का बाजार दुनिया के सबसे बड़े बाजारों में से एक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लगभग 27 प्रतिशत भारतीय आबादी किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग करती है.

--आईएएनएस

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