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बच्चों में तेजी से फैल रही है डायबिटीज, मौत के आंकड़ों में भारत सबसे आगे - खानपान की आदतों का खतरा

हमारी लाइफस्टाइल के साथ-साथ खानपान की आदतों के कारण बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगा है. एक अध्ययन में ये जानकारी आयी है कि यहां मौतों की संख्या अधिक है...

Diabetes spreading rapidly in children Diabetes death figures in India
बच्चों में डायबिटीज का खतरा
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Published : Jul 7, 2023, 12:17 PM IST

नई दिल्ली : हमारी बदलती हुई लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों ने बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ा दिया है. अब हमारे देश में बच्चे भी टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के शिकार होते जा रहे हैं. वहीं ग्रामीण लोगों की अपेक्षा शहरों में डायबिटीज के मामले तेजी से फैल रहे हैं.

कहा जा रहा है कि अब बच्चों में भी युवावस्था में जाते ही डायबिटीज के लक्षण तक दिखाई देने लगते हैं. ऐसा तब होता है, जब उनका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है और इसी के कारण वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में डायबिटीज का बढ़ता हुआ खतरा दिखायी देने लगा है.

Diabetes spreading rapidly in children Diabetes death figures in India
बच्चों में डायबिटीज का खतरा

हमारे देश में 1990 से लेकर 2019 के बीच किए गए एक अध्ययन के दौरान मिले आंकड़ों में पता चला है कि बच्चों की सबसे अधिक मौत का कारण डायबिटीज दिखायी दे रहा है. इस बात का खुलासा जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क में प्रकाशित एक अध्ययन में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि इस अध्ययन में वैश्विक स्तर पर 2019 में डायबिटीज के कुल 2,27,580 मामले मिले, जिनमें से 5,390 की मौत हो गई थी. 1990 के बाद इस तरह के मामले में 39.4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

विशेषज्ञों ने बताया है कि उन्होंने इस अध्ययन के लिए 204 देशों का डाटा उपयोग में लाया, जिसमें भारत भी शामिल था. 1990 से लेकर 2019 तक के बच्चों की मौत से संबंधित जानकारियों का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि अधिकांश बच्चों में डायबिटीज की शिकायत थी. विश्लेषण में 14,49,897 बच्चों को शामिल किया गया था, जिसमें 7,35,923 लड़के और 7,10,984 लड़कियां शामिल थीं.

हाल में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीयों में 11.5 फीसदी लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2021 में 72,000 से अधिक बुजुर्गों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 45 से 59 साल की आयु वाले लोगों की तुलना में 60 साल से ऊपर वाले वरिष्ठ नागरिकों में डायबिटीज अधिक से अधिक पाई गई. 45 से 59 साल की आयु में यह आंकड़ा 9 फीसदी और 60 साल से ऊपर वाले वरिष्ठ नागरिकों में 14 फीसदी बताया जा रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में अधिक मरीज पाए गए हैं.

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नई दिल्ली : हमारी बदलती हुई लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों ने बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा बढ़ा दिया है. अब हमारे देश में बच्चे भी टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के शिकार होते जा रहे हैं. वहीं ग्रामीण लोगों की अपेक्षा शहरों में डायबिटीज के मामले तेजी से फैल रहे हैं.

कहा जा रहा है कि अब बच्चों में भी युवावस्था में जाते ही डायबिटीज के लक्षण तक दिखाई देने लगते हैं. ऐसा तब होता है, जब उनका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन बनाने में असमर्थ हो जाता है और इसी के कारण वयस्कों के साथ-साथ बच्चों में डायबिटीज का बढ़ता हुआ खतरा दिखायी देने लगा है.

Diabetes spreading rapidly in children Diabetes death figures in India
बच्चों में डायबिटीज का खतरा

हमारे देश में 1990 से लेकर 2019 के बीच किए गए एक अध्ययन के दौरान मिले आंकड़ों में पता चला है कि बच्चों की सबसे अधिक मौत का कारण डायबिटीज दिखायी दे रहा है. इस बात का खुलासा जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन नेटवर्क में प्रकाशित एक अध्ययन में हुआ है, जिसमें बताया गया है कि इस अध्ययन में वैश्विक स्तर पर 2019 में डायबिटीज के कुल 2,27,580 मामले मिले, जिनमें से 5,390 की मौत हो गई थी. 1990 के बाद इस तरह के मामले में 39.4 फ़ीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है.

विशेषज्ञों ने बताया है कि उन्होंने इस अध्ययन के लिए 204 देशों का डाटा उपयोग में लाया, जिसमें भारत भी शामिल था. 1990 से लेकर 2019 तक के बच्चों की मौत से संबंधित जानकारियों का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि अधिकांश बच्चों में डायबिटीज की शिकायत थी. विश्लेषण में 14,49,897 बच्चों को शामिल किया गया था, जिसमें 7,35,923 लड़के और 7,10,984 लड़कियां शामिल थीं.

हाल में किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि 45 वर्ष से अधिक उम्र के भारतीयों में 11.5 फीसदी लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. केंद्रीय परिवार कल्याण एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 2021 में 72,000 से अधिक बुजुर्गों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 45 से 59 साल की आयु वाले लोगों की तुलना में 60 साल से ऊपर वाले वरिष्ठ नागरिकों में डायबिटीज अधिक से अधिक पाई गई. 45 से 59 साल की आयु में यह आंकड़ा 9 फीसदी और 60 साल से ऊपर वाले वरिष्ठ नागरिकों में 14 फीसदी बताया जा रहा है. इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में अधिक मरीज पाए गए हैं.

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