वाशिंगटन : दुनिया भर में स्तन कैंसर से जूझ रही महिलाओं का आंकड़ा कम होने लगा है. बताया जा रहा है कि बीते दशक के दौरान स्तन कैंसर के मरीजों में कमी आई है. एक अध्ययन के आधार पर बताया जा रहा है कि 1990 के दशक की तुलना में बीते दशक में दो तिहाई मामले कम पाए गए हैं, जिससे पता चलता है कि जैसे-जैसे कैंसर के बारे में जानकारियों का प्रचार प्रसार हो रहा है, वैसै-वैसे इसके पीड़ितों की संख्या में कमी आती जा रही है.
बीजेएम जर्नल में प्रकाशित जानकारी में कहा गया है इसकी प्रमुख वजह स्तन कैंसर के प्रति बढ़ रही जागरूकता है. ब्रिटेन में पिछले 10 साल तक किए गए अध्ययन में यह जानकारी उभर कर सामने आई है कि स्तन कैंसर के मामले में जागरूकता का असर दिख रहा है, जिसके आधार पर कहा जा रहा है कि जागरूकता बढ़ने से स्तन कैंसर के मामले धीरे धीरे कम हो रहे हैं.
अध्ययन में कहा गया है कि 1990 में के दशक में स्तन कैंसर के इलाज के बाद अगले 5 वर्षों में मौत का जोखिम 14.4 फ़ीसदी था, जो 2010-15 में केवल 4.9 फीसदी रह गया. इस अध्ययन से इस बात का पता चलता है कि इसका खतरा धीरे धीरे कम हो रहा है.
इस अध्ययन को बीजेएम जर्नल में प्रकाशित करते हुए जानकारी दी गयी है. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुए अध्ययन में जनवरी 1993 और दिसंबर 2015 के बीच स्तन कैंसर का इलाज करने वाली 5,12,447 महिलाओं को इसमें शामिल किया गया था. इसके अलावा शोधकर्ताओं ने राष्ट्रीय कैंसर पंजीकरण डाटा के 2020 तक के आंकड़ों का इस्तेमाल करके इस निष्कर्ष पर अपनी जानकारी साझा की है.
वहीं पहले भी अमेरिका के एक नए सर्वेक्षण में कहा गया था कि कि ज्यादातर महिलाएं सूजन व स्तन कैंसर के रूप में जानी जाने वाली बीमारी के खतरों व घातक रूप के असामान्य लक्षणों से अनजान रहा करती हैं. जिससे उनको बाद में परेशानी का सामना करना पड़ता है.