दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोगों को बेड टी यानी सुबह उठते ही बिस्तर पर ही चाय पीने या उठने के बाद सबसे पहले चाय पीने की आदत होती है. कई लोगों में तो यह आदत इतनी ज्यादा होती है की बिना चाय पिए ना तो वे नित्य कर्म (शौच आदि)कर पाते हैं ना ही कोई अन्य कार्य. यह आदत सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लोगों में ही नही बल्कि गांव या कस्बों में रहने वालें अधिकांश लोगों में भी आम होती है. लेकिन चिकित्सकों की माने तो यह आदत अच्छी नही है. खाली पेट चाय पीना या दिन में कई बार चाय पीने की आदत कई तरह के रोगों तथा समस्याओं का कारण बन सकती है.
कई रोगों व समस्याओं का कारण है चाय
भोपाल मध्यप्रदेश के वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ राजेश शर्मा बताते हैं कि खाली पेट दूध वाली चाय पीने तथा दिन में कई बार चाय पीने वाले लोगों में एसिडिटी की समस्या आम होती है. यही नही चाय पीने वालों में आमतौर पर चाय पीने की इच्छा एक लत की तरह काम करती है. ऐसे में यदि किसी व्यक्ति को सुबह या दिन में उसके नियमित चाय पीने वाले समय पर चाय ना मिले तो उसमें गुस्सा, चिड़चिड़ापन या घबराहट जैसे समस्याएं भी आमतौर पर नजर आती हैं.
वह बताते हैं की जब व्यक्ति सुबह उठने के तुरंत बाद चाय पीता है तो रात भर उसके मुंह में उत्पन्न होने वाले बैक्टीरिया चाय के साथ उसके पेट में चले जाते हैं. इसके अलावा चाय की पत्ती में निकोटीन, कैफीन आदि पाए जाते हैं , जो ना सिर्फ व्यक्ति में चाय की लत का कारण बनते हैं बल्कि जिनके चलते शरीर को कई तरह से नुकसान भी हो सकते हैं. इसके अलावा भी और भी कई समस्याएं हैं जिनका सामना चाय के लती लोगों को करना पड़ता है जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- पेट फूलने व पाचन संबंधी समस्याएं
आमतौर पर लोगों की लगता है की चाय पीने से थकान दूर होती है लेकिन सत्य यह है कि चाय पीने से थकान दूर नहीं होती है, बल्कि पूरे दिन थकावट बनी रहती है, साथ ही लोगों में चिड़चिड़ापन, गुस्सा तथा झुंझलाहट जैसी कई व्यवहरात्मक समस्याएं भी नजर आती हैं. इसके अलावा सुबह खाली पेट चाय पीने से पेट में पित्त रस ज्यादा बनता है, जिससे घबराहट, जी मिचलाना तथा उल्टी जैसी समस्या हो सकती है.चाय में टैनिन भी पाया जाता है जिसके कारण पेट फूल जाता है, भूख नहीं लगती है तथा गैस की समस्या भी होती है. डॉ राजेश बताते हैं कि सुबह सुबह खाली पेट चाय पीने से या ज्यादा मात्रा में चाय पीने से पेट के अंदरूनी सतह का नुकसान पहुंचता है. जिसके कारण अल्सर व हाइपर एसिडिटी की समस्या भी हो सकती है. - बार बार मूत्र आने की समस्या
डॉ राजेश बताते हैं कि चाय में डाईयूरेटिक तत्व पाये जाते हैं जो ज्यादा मात्रा में मूत्र बनने का कारण बनते हैं. यानी चाय का ज्यादा मात्रा में सेवन, शरीर में कई बार मूत्रनिर्माण की प्रक्रिया तेज कर देता हैं. इसके चलते दिन कई बार चाय पीने वालों या सुबह खाली पेट चाय पीने वालों में बार बार पेशाब जाने की समस्या देखने में आती है. इससे कई बार शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है. - रक्तचाप की समस्या
चूंकि चाय में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है ऐसे में यदि खाली पेट चाय का सेवन किया जाय या दिन में ज्यादा बार चाय पी जाय तो कैफीन के नकारात्मक प्रभाव शरीर पर असर डालने लगते हैं . जिसके चलते रक्तचाप तथा ह्रदय के स्वास्थ पर भी असर पड़ सकता है.
चाय की बजाय सेहतमंद विकल्प चुनना सेहतकारी
डॉ राजेश बताते हैं कि दूध की चाय की बजाय और भी बहुत से ऐसे सेहतमंद विकल्प हैं जिनका चाय के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है. जो सेहत को नुकसान पहुँचने की बजाय फायदा पहुंचाते है. जैसे ग्रीन टी, हर्बल टी तथा ब्लैक टी आदि.
विशेष तौर पर हर्बल टी की बात करें तो प्राकृतिक सामग्रियों की मदद से बनने वाली चाय विभिन्न प्रकार के संक्रमणों तथा कई रोगों से भी बचाती है. हर्बल टी में विशेष रूप से काली चाय, तुलसी वाली चाय, मुलेठी तथा दालचीनी वाली चाय, पुदीने की चाय तथा जैस्मिन व कैमोमाइल जैसी चाय सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं. ये ना सिर्फ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं बल्कि इनमें मौजूद औषधीय गुण हमारे मेटाबोलिज़्म को भी मजबूत करने में मदद करते हैं. इसके अलावा इस प्रकार की चाय में अदरक, कालीमिर्च और लौंग का इस्तेमाल इनकी तासीर को गरम करता है जिससे शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी मिलती है.
कश्मीर की कहवा चाय तथा वर्तमान में गोल्डन लाटे के नाम से मशहूर हल्दी की चाय भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. क्योंकि इनमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल तत्व पाए जाते हैं.
चाय पीते समय ध्यान देने वाली बातें
डॉ राजेश बताते हैं जो लोग दूध वाली चाय का मोह नही छोड़ पाते हैं उन्हे कुछ बातों का ख्याल अवश्य रखना चाहिए. जैसे चाय कभी भी खाली पेट न पिए. चाय से पहले या चाय के साथ कुछ बिस्किट या हल्का फुल्का स्नैक्स खा लें. चाय पीने से कुछ समय पहले कम से कम एक ग्लास पानी अवश्य पियें . या चाय पीने के तुरंत बाद नाश्ता कर लें. वह बताते हैं बेहतर तो यही होता है की नाश्ता करने के लगभग घंटे भर बाद बाद ही चाय का सेवन किया जाय. और दिन भर में 2-3 कप चाय से ज्यादा का सेवन ना किया जाय. इसके अलावा रात को सोने से पहले या रात के खाने के बाद भी चाय का सेवन करने से परहेज करना चाहिए.