सही प्रकृति का, सही मात्रा में और सही समय पर किया गया भोजन शरीर में ऊर्जा का संचरण करता है। इन तीनों नियमो में से किसी एक की भी अनदेखी हमारे शरीर की क्रियाशीलता को प्रभावित करती है। भोजन अनुशासन का सबसे महत्वपूर्ण नियम है समय पर भोजन। विशेषकर रात्री में देर से भोजन करने की आदत स्वास्थ्य के लिए सबसे हानिकारक मानी जाती है । रात्री में देर से भोजन करने पर शरीर में किस प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं इस बारें में जानने के लिए ETV भारत सुखीभव ने दिल्ली की पोषण विशेषज्ञ दिव्या कालेसकर से बात की ।
दिव्या कालेसकर बताती हैं की रात को देर से खाना खाने से भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। इंसान का पाचन तंत्र सुबह सबसे ज्यादा सक्रिय और सबसे कमजोर रात को होता है। यदि भोजन करने के तुरंत बाद लोग सो जाएं तो भोजन के पाचन में समस्या होने लगती है और व्यक्ति को गैस्ट्रिक समस्याएं होंने लगती है। इसके अतिरिक्त रात में देर से भोजन करने पर शरीर को भोजन के सभी पोषक तत्व यानी न्यूट्रिशन्स नही मिल पाते हैं इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म भी कम होता है।
देर रात्री भोजन करने से होने वाली आम समस्याएं
ख़राब पाचन -रात में देर से भोजन करने पर पाचन तंत्र पर असर पड़ता है क्योंकि ऐसे में पाचन तंत्र को शरीर की बायलॉजीकल घड़ी के विपरीत कार्य करना पड़ता है। जिससे एसीडिटी और सीने में जलन जैसी पाचन सम्बन्धी समस्याओ सहित और भी कई समस्याएं होने की आशंका बढ़ जाती है।
वज़न बढ़ना -हमारे शरीर के ज्यादातर तंत्र रात के समय दिन के मुकाबले ज्यादा सुस्ती से कार्य करते हैं। ऐसे में रात में देर से भोजन करने पर हमारे शरीर की कैलौरी नियंत्रित नहीं हो पाती है जिससे शरीर का मेटाबॉलिज़्म धीमा हो जाता है, और वजन बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
नींद न आना - जो लोग देर से भोजन करते हैं उन्हें नींद ना आने या कम आने जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड सकता है।
मधुमेह और रक्तचाप का ख़तरा-देर रात भोजन करने पर पाचन में होने वाली समस्याओ के कारण कोलेस्ट्रॉल और इंसुलिन का स्तर भी प्रभावित हो सकता है। जो कई बार मधुमेह या अनियंत्रित रक्तचाप का कारण बन सकता है ।
कैसा और कब हो रात का भोजन
दिव्या बताती हैं की रात का भोजन हमेशा हल्का और पचने में सरल होने चाहिए। रात के भोजन के लिए आदर्श समय संध्याकाल माना जाता है। यदि व्यक्ति 6:30 से 8:00 के बीच भोजन कर लेता है तो भोजन के पाचन में सरलता होती है। इसके अतिरिक्त भोजन करने और सोने के बीच कम से कम दो से तीन घंटे का अंतराल होना चाहिए।
रात्री के भोजन में लो-कार्ब भोजन का सेवन करना चाहिए और गारिष्ठ भोजन से बचना चाहिए। रात के भोजन में दालें, हरी पत्तेदार सब्जि़यां, करी पत्ते भोजन में शामिल करें। इसके अतिरिक्त रात के समय खिचड़ी, दलिया, सलाद और सूप आदि का सेवन भी बेहतर रहता हैं। भोजन में यदि रोटी-चावल खा रहे हैं तो इन्हें कम मात्रा में खाएं।
दिव्या बताती हैं की यदि कार्य या किसी और कारण से व्यक्ति के लिए देर रात भोजन करना मजबूरी हो तो उसे ऐसा भोजन करना चाहिए जिसमें भरपूर मात्रा में फाइबर हो। इससे पाचन संबंधी समस्या नहीं होंगी।
नमक का सेवन कम करें
नमक हमारे शरीर में वॉटर रिटेंशन को बढ़ाने का कार्य करता है । ऐसे में यदि रात में देर से ज्यादा नमक वाला भोजन किया जाय तो इससे हृदय और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए रात्री में कम नमक वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
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