ऑटिज्म (स्वलीनता) का शिकार होते बच्चों के परिजनों के लिए यह एक अच्छी सूचना है, क्योंकि अब ऑटिज्म के लक्षणों को समझने और पहचानने के लिये बच्चों के माता-पिता अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की टोल फ्री हेल्प लाइन सेवा शुरू की है। हेल्प लाइन के नंबर 1800-11-7776 पर 24 घंटे में कभी भी फोन किया जा सकता है। इसके साथ ही मानसिक स्वास्थ्य पुनर्वास से संबंधित मामलों पर काउंसिलिंग के लिये टोल फ्री हेल्प लाइन नम्बर 1800-599-0019 भी दिन-रात कार्यरत है। मध्य प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं कल्याण मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने दिव्यांगजनों से उनकी विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान के लिये शासन द्वारा संचालित टोल फ्री हेल्प लाइन नम्बरों का प्रयोग करने की अपील की है। साथ ही अन्य टोल फ्री नंबरों का समस्या निदान में लाभ लेने का आग्रह किया है।
सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव प्रतीक हजेला ने बताया कि, 'ऑटिज्म एक मानसिक बीमारी है, जो एक से पांच वर्षीय बच्चों में देखने में आती है। बच्चे देखने में नार्मल लगते हैं, लेकिन अपने में लीन रहते हैं। यदि बच्चा ठीक से बोल नहीं पाता, पूछने पर जवाब नहीं दे पाता, नये लोगों से मिलने पर डरता है, आंख मिलाकर बात नहीं कर पाता, बहुत अधिक बेचैन हो जाता है, विकास बहुत ही धीमा है और रोजाना एक ही तरह का खेल खेलना पसन्द करता है, तो वह ऑटिज्म से पीड़ित हो सकता है। ऐसे में देश के उत्कृष्ट स्वास्थ्य संस्थान एम्स, दिल्ली की हेल्प लाइन पर संपर्क करें।
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इसी तरह दिव्यांगजनों के लिये मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों, विशेष शिक्षा, ऑक्यूपेशनल थैरेपी, वोकेशनल कॉउसंलिंग, स्पीच थैरेपी और बौद्धिक दिव्यांगजनों की फिजियोथेरेपी से संबंधित जानकारी के लिये राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान के टोल फ्री हेल्प लाइन नंबर 1800-572-6422 पर सोमवार से शुक्रवार तक सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
(सौजन्य : आईएएनएस)