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विकासपुरी: अवैध झुग्गियों पर चला SDMC का बुलडोज़र, 25 सालों से रह रहे थे लोग - etv bharat

दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र के एक प्राइवेट प्लॉट में लगभग 25 सालों से कुछ लोग झुग्गी बनाकर रहते थे. नगर निगम ने अब उनकी झुग्गियों को तोड़ दिया है. जिससे अब वे सड़क पर आ गए.

अवैध झुग्गियों पर चला SDMC का बुलडोज़र, 25 सालों से रह रहे थे लोग
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Published : Oct 18, 2019, 12:42 PM IST

नई दिल्ली: कूड़े कबाड़े का व्यापार कर झुग्गी में रहने को मजबूर लोगों की झुग्गियों को SDMC ने तोड़ दिया है. मामला विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र का है. अब ये लोग सड़कों पर रहने को मजबूर है.

अवैध झुग्गियों पर चला SDMC का बुलडोज़र

पीड़ित लोगों की सरकार से गुहार है कि त्योहारों के मौसम में उनसे उनके रोजगार को छीन लिया गया है. ऐसे में या तो सरकार उन्हें नया रोजगार दे या उनके परिवार का भरण पोषण करें.

यहां एक प्राइवेट प्लॉट में लगभग 25 सालों से कुछ लोग झुग्गी बनाकर रहते थे और कामकाज के तौर पर इलाके से कूड़ा बीन कर रीसायकल कूड़े का व्यापार करते थे.

जब इस मामले पर निगम पार्षद रणधीर कुमार से पूछा गया तो उन्होंने लोगों के घरों पर सीलिंग और तोड़फोड़ को सही ठहराते हुए नियम और कानूनों की बातें की.

नई दिल्ली: कूड़े कबाड़े का व्यापार कर झुग्गी में रहने को मजबूर लोगों की झुग्गियों को SDMC ने तोड़ दिया है. मामला विकासपुरी विधानसभा क्षेत्र का है. अब ये लोग सड़कों पर रहने को मजबूर है.

अवैध झुग्गियों पर चला SDMC का बुलडोज़र

पीड़ित लोगों की सरकार से गुहार है कि त्योहारों के मौसम में उनसे उनके रोजगार को छीन लिया गया है. ऐसे में या तो सरकार उन्हें नया रोजगार दे या उनके परिवार का भरण पोषण करें.

यहां एक प्राइवेट प्लॉट में लगभग 25 सालों से कुछ लोग झुग्गी बनाकर रहते थे और कामकाज के तौर पर इलाके से कूड़ा बीन कर रीसायकल कूड़े का व्यापार करते थे.

जब इस मामले पर निगम पार्षद रणधीर कुमार से पूछा गया तो उन्होंने लोगों के घरों पर सीलिंग और तोड़फोड़ को सही ठहराते हुए नियम और कानूनों की बातें की.

Intro:
नॉट:-पोडित मोंटू की बाईट में गाली के शब्द है उसे काट दे,


लोकेशन--दिल्ली/विकास नगर वॉर्ड 23 S
स्लग--कूड़ा बीन कर पेट पालने वालों पर SDMC की पड़ी मार
रिपोर्ट--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली:-पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी विधानसभा के वार्ड नंबर 23 S इलाके में एक प्राइवेट प्लॉट पर झुग्गी बना कर कूड़े कबाड़े का व्यापार करके अपने परिवार का पेट पाने वाले लोगों को SDMC द्वारा बेघर कर दिया गया है । जहां अब यह लोग सड़कों पर रहने को मजबूर हैं । वहीं पीड़ित लोगों की सरकार से गुहार है कि त्योहारों के मौसम में उनके रोजगार को छीन लिया गया है । ऐसे में या तो सरकार उन्हें नया रोजगार दे या उनके परिवार का भरण पोषण करें। वहीं स्थानीय निगम पार्षद इन गरीबों की झुग्गियों को तोड़े जाने को सही बता रहे हैं। और मुद्दे को प्रधानमंत्री से जोड़ते हुए सरकार द्वारा गरीबों की मदद करने की बातें भी कर रहे हैं ।Body:आशियाना गरीब का हो या अमीर का हो आशियाना आशियाना ही होता है जहां सुबह से शाम तक बदन तोड़ काम करने के बाद इंसान अपने घर को लौट आता है और उस छोटे या बड़े आशियाने में रहकर सुकून की जिंदगी चाहता है। एक सवाल आप सभी से यदि आप के घर को नियम और कानून बताकर अचानक तोड़ दिया जाए और आपको और आपके परिवार में छोटे-छोटे बच्चों को रोड पर फेंक दिया जाए तो आप क्या महसूस करेंगे । शायद यह दर्द सिर्फ उसी को महसूस होगा जिसका आशियाना छीना जाता है । दरअसल वाकिया पश्चिमी दिल्ली विकास पूरी विधानसभा के वार्ड 23S खुसीराम कालोनी इलाके का है जहां एक प्राइवेट प्लॉट में लगभग पिछले 25 सालों से कुछ लोग झुग्गी बनाकर रहते थे और कामकाज के तौर पर इलाके से कूड़ा बीन कर रीसायकल कूड़े का व्यापार करते थे । जिससे उनके परिवार में पत्नी, पिता छोटे-छोटे बच्चों का भरण पोषण होता था ।वहीं यह लोग दूर-दराज के इलाकों से आए हुए लोग हैं ।जिनमें अधिकतर पूर्वांचल के लोग हैं ।लेकिन पिछले 25 सालों से उन्होंने कभी यह नहीं सोचा था। की इनके सामने अचानक मुसीबतों का पहाड़ टूटेगा और इन से इनका आशियाना छीन लिया जाएगा । यह वही गरीब लोग हैं जो कुछ सालों से विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री द्वारा स्वच्छता अभियान में जाने, अनजाने तौर पर एक मुख्य भूमिका निभा रहे थे । वह भी कुछ सालों से नहीं बल्कि पिछले 25 सालों से यह लोग इस स्वच्छता अभियान की भूमिका में पूरी तरह सक्रिय थे । लेकिन यह जिन कामों को कर रहे थे उन्हीं कामों को कानून का अमलीजामा पहनाकर इनसे इनका घर और रोजगार छीन लिया गया । अब ये सभी परिवार रोड पर है ।और स्थानीय जनप्रतिनिधियो व SDMC के खिलाफ नारे बाजी करने को मजबूर है ।

बाईट--रीना देवी, पीड़ित महिला
बाईट--मोंटू, पीड़ित
बाईट--विजय प्रधान, स्थानीय प्रधान

वही जब इस मामले पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वार्ड नंबर 23 एस से भाजपा निगम पार्षद रणधीर कुमार से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने लोगों के घरों पर सीलिंग और तोड़फोड़ को सही ठहराते हुए नियम और कानूनों की बातें की । वहीं एक तरफ मानवता की प्रति फिक्र दिखाते हुए इन प्लॉटों के मालिक द्वारा मनमाने तौर पर किराया लेने की चिंता जताई । लेकिन SDMC द्वारा बेघर किये गए लोगों के प्रति संवेदना के एक शब्द भी नहीं कहे । वहीं पूरे मुद्दे को देश के प्रधानमंत्री से जोड़ते हुए । इसे सही ठहराया और कानूनी अमलीजामा पहना कर पार्षद महोदय बेघर लोगों पर प्रदूषण फैलाने के आरोप के साथ साथ वैध और अवैध के नियम समझाने की कोसिस करते दिखे । वही इन गरीबो की मदत के सवाल पर पार्षद महोदय के पास कोई ठोस जबाब न था।

बाईट -रणधीर कुमार, भाजपा , निगम पार्षद वार्ड 23 S
Conclusion:फिलहाल बे घर परिवार सड़कों पर रहने को मजबूर है और लोग परेशान हैं। वहीं लगातार लोग सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं।
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