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सरस्वती गार्डनः धोबी घाट पर काम करने वालों की बढ़ी मुसीबत - सरस्वती गार्डन धोबी घाट सबमर्सिबल सील

त्योहारों के मौसम में सरस्वती गार्डन में रहने वाले धोबी समाज के लोग बहुत परेशान हैं. दरअसल, यहां धोबी घाट में जो सबमर्सिबल लगाया गया था, उसे एसडीएम द्वारा सील कर दिया गया. इस कारण पानी की किल्लत शुरू हो गई है.

saraswati garden dhobi ghat workers facing problems due to sdm action
सरस्वती गार्डन धोबी घाट सबमर्सिबल
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Published : Nov 5, 2020, 3:57 PM IST

नई दिल्लीः सरस्वती विहार के पास एक धोबी घाट 70 के दशक से बना हुआ है और अब एमसीडी द्वारा नई बिल्डिंग का काम चल रहा है. इस बीच इन लोगों पर त्यौहार के इस मौसम में मुसीबत आन पड़ी है. दरअसल पिछले दिनों इनके सबमर्सिबल को एसडीएम द्वारा सील कर दिया गया. लोगों ने शिकायत भी की, लेकिन एसडीएम नहीं माने.

सरस्वती गार्डन धोबी घाट सबमर्सिबल सील.

धोबी समाज के लोगों का कहना है कि 50 साल से उनके पूर्वज यहां काम करते रहे हैं. अब उन्हीं के कामों को वे लोग आगे बढ़ा रहे, लेकिन अब तक कभी कोई दिक्कत नहीं आई. अब अचानक त्योहार के दिनों में सील करने के बाद उनका काम ही बंद हो गया है. उन्होंने दिल्ली सरकार से लेकर एमसीडी और तमाम नेताओं के दरवाजे भी खटकाए, लेकिन किसी से मदद नहीं मिली.

'शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई'

लोगों का आरोप है स्थानीय आरडब्ल्यूए की शिकायत के बाद सीलिंग की कार्रवाई की गई है. लोगों की मानें तो 70 के दशक से वे यहां कपड़ों की धुलाई का काम कर रहे हैं. इससे लगभग 60 परिवार पलते हैं, लेकिन अचानक आई इस मुसीबत से वे हैरान हैं. लोगों ने यह भी बताया कि कहीं और का समर्सिबल सील नहीं किया गया है, सिर्फ यहीं का हुआ है.

नई दिल्लीः सरस्वती विहार के पास एक धोबी घाट 70 के दशक से बना हुआ है और अब एमसीडी द्वारा नई बिल्डिंग का काम चल रहा है. इस बीच इन लोगों पर त्यौहार के इस मौसम में मुसीबत आन पड़ी है. दरअसल पिछले दिनों इनके सबमर्सिबल को एसडीएम द्वारा सील कर दिया गया. लोगों ने शिकायत भी की, लेकिन एसडीएम नहीं माने.

सरस्वती गार्डन धोबी घाट सबमर्सिबल सील.

धोबी समाज के लोगों का कहना है कि 50 साल से उनके पूर्वज यहां काम करते रहे हैं. अब उन्हीं के कामों को वे लोग आगे बढ़ा रहे, लेकिन अब तक कभी कोई दिक्कत नहीं आई. अब अचानक त्योहार के दिनों में सील करने के बाद उनका काम ही बंद हो गया है. उन्होंने दिल्ली सरकार से लेकर एमसीडी और तमाम नेताओं के दरवाजे भी खटकाए, लेकिन किसी से मदद नहीं मिली.

'शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई'

लोगों का आरोप है स्थानीय आरडब्ल्यूए की शिकायत के बाद सीलिंग की कार्रवाई की गई है. लोगों की मानें तो 70 के दशक से वे यहां कपड़ों की धुलाई का काम कर रहे हैं. इससे लगभग 60 परिवार पलते हैं, लेकिन अचानक आई इस मुसीबत से वे हैरान हैं. लोगों ने यह भी बताया कि कहीं और का समर्सिबल सील नहीं किया गया है, सिर्फ यहीं का हुआ है.

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