दिल्ली: वेस्ट जिले के राजौरी गार्डेन एसडीएम आशीष कुमार के निर्देशन में अलग-अलग इलाके से 21 बच्चों को रेस्क्यू करवाया गया है. जिनसे बाल मजदूरी और बंधुआ मजदूरी कराई जा रही थी. इन बच्चों से दुकान, रेस्टोरेंट या कोठियों में काम करवाए जा रहे थे. इसमें कुछ ऐसे बच्चे हैं, जिनसे बंधुआ मजदूरी कराई जाती थी और कुछ ऐसे हैं जिनसे बाल श्रम करवाया जाता था. इन बच्चों में 5 लड़कियां हैं और 16 लड़के शामिल हैं.
राजौरी गार्डेन के एसडीएम आशीष कुमार ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से बाल श्रम को लेकर उनकी मीटिंग चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के साथ हो रही थी. उन्हें इस बारे में जानकारी भी मिली थी कि छोटे-छोटे बच्चों से जबरन दुकानों, रेस्टोरेंट और यहां तक की कोठियों में काम कराया जा रहा है. इसी सूचना के आधार पर शुक्रवार को टीम ने चाइल्ड वेलफेयर कमिटी और सिविल डिफेंस कर्मियों की टीम के साथ कीर्ति नगर और राजौरी गार्डेन इलाके में रेड किया गया.
एसडीएम से मिली जानकारी के अनुसार जिन जगहों पर इन बच्चों से जबरन काम कराया जा रहा था. सभी आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. फिलहाल मुक्त कराए गए इन बच्चों को निर्मल छाया में रखा जाएगा. उन्होंने इस बात की भी संभावना जताई है कि कुछ बच्चों की उम्र 18 साल हो सकती है. जिसके मेडिकल के बाद या फिर उनके आधार कार्ड से साफ हो जाएगा. ऐसे बच्चों को अगर वह अपनी मर्जी से काम कर रहे थे तो छोड़ दिया जाएगा, बाकी बच्चों को निर्मल छाया में रखा जाएगा.
उन्होंने कहा कि मुक्त कराए गए बच्चों के माता-पिता लगाया जा रहा है. जैसे ही उनकी कोई जानकारी मिलती है तो बच्चों को उन्हें सौंप दिया जाएगा. एसडीएम ने साफ तौर पर कहा कि जो लोग बाल मजदूरी या बंधुआ मजदूरी कराते हैं वे सजा के हकदार है. कानूनी रूप से उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि यदि इस तरह की कोई गलत हरकत कर रहा है तो वह सुधर जाए. उन्होंने लोगों से अपील की कि कहीं भी बाल श्रम या बंधुआ मजदूरी की जानकारी मिलती है तो वह उनसे संपर्क कर सकते हैं.
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