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जनकपुरी से मजलिस पार्क के बीच होगा मेट्रो निर्माण, डीएमआरसी को भूमि ट्रांसफर की मिली मंजूरी

जनकपुरी से मजलिस पार्क के बीच मेट्रो कॉरिडोर के लिए केशोपुर स्टेशन के लिए जमीन मिल गई. एलजी ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. दिल्ली मेट्रो के मुताबिक फेज 4 के अंतर्गत जनकपुरी से मजलिस पार्क कॉरिडोर की बाधाएं आखिरकार दूर हो गई है.

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Published : May 29, 2023, 12:49 PM IST

Updated : May 29, 2023, 1:03 PM IST

नई दिल्लीः जनकपुरी से मजलिस पार्क तक सफर करने वाले लोग जल्द ही मेट्रो की यात्रा का लाभ उठा सकेंगे. इस मेट्रो कॉरिडोर के बीच आखिरकार लंबे अंतराल के बाद केशोपुर स्टेशन के लिए जमीन मिल गई है. एलजी ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) से डीएमआरसी को भूमि ट्रांसफर की मंजूरी दे दी है. जमीन ट्रांसफर के लिए दिल्ली सरकार के पास डीएमआरसी का अनुरोध अप्रैल 2019 से लंबित था. दिल्ली मेट्रो के मुताबिक फेज 4 के अंतर्गत जनकपुरी से मजलिस पार्क कॉरिडोर की बाधाएं आखिरकार दूर हो गई है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से डीएमआरसी को केशोपुर में 2790 वर्ग मीटर भूमि ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. उपराज्यपाल की इस मंजूरी के बाद डीएमआरसी 1852.3 वर्ग मीटर भूमि पर स्टेशन, स्टेशन कॉलम और प्रवेश-निकास का निर्माण कर सकेगा, जबकि 937.5 वर्ग मीटर की भूमि का इस्तेमाल डीएमआरसी स्टेशन निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए अस्थायी आधार पर करेगा.

डीएमआरसी ने अपने शुरुआती नोट में दिल्ली सरकार से जमीन के लिए अनुरोध करते हुए स्टेशन निर्माण के लिए 1852.3 वर्ग मीटर भूमि के स्थायी हस्तांतरण के लिए 2,62,36,006/- रुपये (प्रति एकड़ 573.22 लाख रुपये की दर पर) की राशि और 937.5 वर्ग मीटर भूमि के चार वर्षों के लिए अस्थायी उपयोग के लिए लीज शुल्क के रूप में 26,55,855 रुपये देने का प्रावधान किया था. इसके बावजूद I&FC विभाग की ओर से की गई बेवजह देरी से दिल्ली मेट्रो के इस महत्वपूर्ण खंड में चार वर्ष से अधिक की देरी हुई.

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उपराज्यपाल के रूप में सक्सेना के कार्यभार संभालने के बाद इस तरह की परियोजनाओं को मंजूरी और कार्यों को गति मिली, जिसके बाद I&FC और डीएमआरसी के अधिकारियों ने अंततः 23.07.2022 और 02.08.2022 को इन दो भूमि पॉकेटों का संयुक्त निरीक्षण किया और उसके बाद यह परियोजना आगे बढ़ सकी. एलजी ने संबंधित विभागों/एजेंसियों के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की और बुनियादी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उनके बीच समन्वय की कमी पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. साथ ही इसके लिए उन्होंने सीएम केजरीवाल को दो बार पत्र भी लिखकर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही अनावश्यक देरी का हवाला देते हुए उनसे इसे जल्दी से निपटाने का अनुरोध किया था.

ये भी पढ़ेंः पंजाब के अमृतसर में सुरक्षा बलों ने पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया, हेरोइन बरामद

नई दिल्लीः जनकपुरी से मजलिस पार्क तक सफर करने वाले लोग जल्द ही मेट्रो की यात्रा का लाभ उठा सकेंगे. इस मेट्रो कॉरिडोर के बीच आखिरकार लंबे अंतराल के बाद केशोपुर स्टेशन के लिए जमीन मिल गई है. एलजी ने सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) से डीएमआरसी को भूमि ट्रांसफर की मंजूरी दे दी है. जमीन ट्रांसफर के लिए दिल्ली सरकार के पास डीएमआरसी का अनुरोध अप्रैल 2019 से लंबित था. दिल्ली मेट्रो के मुताबिक फेज 4 के अंतर्गत जनकपुरी से मजलिस पार्क कॉरिडोर की बाधाएं आखिरकार दूर हो गई है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग से डीएमआरसी को केशोपुर में 2790 वर्ग मीटर भूमि ट्रांसफर को मंजूरी दे दी है. उपराज्यपाल की इस मंजूरी के बाद डीएमआरसी 1852.3 वर्ग मीटर भूमि पर स्टेशन, स्टेशन कॉलम और प्रवेश-निकास का निर्माण कर सकेगा, जबकि 937.5 वर्ग मीटर की भूमि का इस्तेमाल डीएमआरसी स्टेशन निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए अस्थायी आधार पर करेगा.

डीएमआरसी ने अपने शुरुआती नोट में दिल्ली सरकार से जमीन के लिए अनुरोध करते हुए स्टेशन निर्माण के लिए 1852.3 वर्ग मीटर भूमि के स्थायी हस्तांतरण के लिए 2,62,36,006/- रुपये (प्रति एकड़ 573.22 लाख रुपये की दर पर) की राशि और 937.5 वर्ग मीटर भूमि के चार वर्षों के लिए अस्थायी उपयोग के लिए लीज शुल्क के रूप में 26,55,855 रुपये देने का प्रावधान किया था. इसके बावजूद I&FC विभाग की ओर से की गई बेवजह देरी से दिल्ली मेट्रो के इस महत्वपूर्ण खंड में चार वर्ष से अधिक की देरी हुई.

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उपराज्यपाल के रूप में सक्सेना के कार्यभार संभालने के बाद इस तरह की परियोजनाओं को मंजूरी और कार्यों को गति मिली, जिसके बाद I&FC और डीएमआरसी के अधिकारियों ने अंततः 23.07.2022 और 02.08.2022 को इन दो भूमि पॉकेटों का संयुक्त निरीक्षण किया और उसके बाद यह परियोजना आगे बढ़ सकी. एलजी ने संबंधित विभागों/एजेंसियों के अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठक की और बुनियादी उद्देश्यों को पूरा करने के लिए उनके बीच समन्वय की कमी पर गंभीर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए. साथ ही इसके लिए उन्होंने सीएम केजरीवाल को दो बार पत्र भी लिखकर परियोजनाओं के क्रियान्वयन में हो रही अनावश्यक देरी का हवाला देते हुए उनसे इसे जल्दी से निपटाने का अनुरोध किया था.

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Last Updated : May 29, 2023, 1:03 PM IST
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