नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए आज से आम आदमी पार्टी और बीजेपी के नेता चुनाव मैदान में प्रत्याशियों के लिए वोट मांगने उतरे हैं. पहले ही दिन कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के पूर्व सांसद और दिल्ली में पूर्वांचल बहुल इलाके में पकड़ रखने वाले कांग्रेस के बड़े नेता महाबल मिश्रा (Former MP Mahabal Mishra) ने रविवार को पहाड़गंज में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सभा में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए. इससे पहले उनके बेटे विनय मिश्रा भी इसी अंदाज में जनवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव पहले अचानक आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और वर्तमान में वे द्वारका से विधायक हैं.
महाबल मिश्रा का सियासी कद : कांग्रेस नेता महाबल मिश्रा द्वारका सीट से विधायक रह चुके हैं और 2015 में भी इसी सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे, लेकिन जीत नहीं सके थे. इससे पहले ये पश्चिमी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं और कद्दावर पूर्वांचली नेता माने जाते हैं. ऐसे में पश्चिम दिल्ली की कई विधानसभा सीटों पर उनका राजनीतिक प्रभाव है. निगम चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी में उनका शामिल होने को कई मायनों में देखा जा रहा है.
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महाबल मिश्रा का सियासी सफर :बता दें कि महाबल मिश्रा का जन्म बिहार के मधुबनी जिले के सिरियापुर में हुआ. उन्होंने इंटरमीडियट के बाद मुजफ्फरपुर के एलएस कॉलेज से डिप्लोमा किया. महाबल मिश्रा ने अपना सियासी सफर दिल्ली नगर निगम से पार्षद के रूप में शुरू किया. 1997 में डाबड़ी सीट से निगम पार्षद चुने गए और एक साल बाद दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई. 1998 में दिल्ली के नसीरपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने. इसके बाद 2003 और 2008 में वह द्वारका सीट से विधायक बनने में कामयाब रहे. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में वह पश्चिमी दिल्ली से सांसद चुने गए. हालांकि 2014 के चुनावों में बीजेपी की लहर के चलते वह तीसरे नंबर पर खिसक गए थे और 2019 के चुनाव में वो दूसरे नंबर पर रहे हैं. उन्हें बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने हराया है. 2014 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद महाबल मिश्रा वर्ष 2015 में द्वारका सीट से मैदान में उतरे, लेकिन जीत नहीं सके.
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