नई दिल्ली: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में घर के खर्चों, बेहतर करियर और तमाम तरह की जिम्मेदारियों के पीछे भागते-भागते लोग कहीं ना कहीं अपनों से दूर होते जा रहे हैं. खुद के लिए सुकून से जीने का वक्त ही उनके पास नहीं बचता. इन बातों का सबसे ज्यादा प्रभाव घर के बुजुर्गों पर पड़ता है. ऐसे में वे घर में अकेले पड़े-पड़े बोर होने लगते हैं और कई बार डिप्रेशन के भी शिकार हो जाते हैं.
बुजुर्गों की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए द्वारका जिले में एक अनोखी पहल 'हमसफर केयर 60 पैराडाइज' की शुरुआत की गई है. ये उन बुजुर्गों के लिए एक डे केयर हैप्पीनेस सेंटर है, जो खुल कर जीना चाहते हैं, हंसना चाहते हैं और अपने हमउम्र के साथ थोड़ी मौज-मस्ती करना चाहते हैं. इस डे केयर फैसिलिटी सेंटर की शुरुआत सिर्फ और सिर्फ बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए की गई है, जहां उनके मनोरंजन के साथ खाने-पीने की भी सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है.
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यहाँ पर बुजुर्गों के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में व्यस्त रहने की व्यवस्था की गई है, जिसमें वे दिनभर टीवी देख कर, कैरम, प्ले कार्ड, चेस सहित विभिन्न प्रकार के गेम्स खेल कर अपना दिल बहला सकते हैं और मनोरंजन कर सकते हैं. बुजुर्गों को घर जैसा एहसास देने के लिए इस डे केयर हैप्पीनेस सेंटर को उनकी पसंद के अनुसार सजाया गया है. साथ ही उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ब्रेकफास्ट और लंच की भी व्यवस्था की गई है, जिससे भूख लगने पर वे अपनी पसंद की चीजें खा सकें. हालांकि इसके लिए एक हजार रुपये प्रतिमाह की सदस्यता शुल्क रखी गई है, जो यहाँ बुजुर्गों को मिलने वाली खुशी के सामने बहुत ही कम है.
इसके अलावा इस डे केयर फैसिलिटी सेंटर के बुजुर्ग सदस्यों के लिए और भी कई तरह की एक्टिविटीज प्लान की गई है. खास बात यह है कि यहां आने वाले बुजुर्ग अगर घूमना चाहते हैं तो उन्हें टूर प्लान कर देश-विदेश की यात्राएं भी कराई जाएंगी. इसके अलावा यहां बुजुर्गों के बर्थडे को भी धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाएगा. जिससे उन्हें वह खुशी मिल सके जो वे अपने बच्चों को देते आए हैं.
बुजुर्गों के लिए बनाए गए इस 'डे केयर हैपिनेस सेंटर' में बच्चों का आना वर्जित है. यहां सिर्फ बुजुर्ग ही आ सकते हैं. यहां का माहौल और उपलब्ध सुविधाओं को देखते हुए यह जगह उन बुजुर्गों के लिए बिल्कुल परफेक्ट है जो किसी वजह से एकाकी जीवन जीने को मजबूर हैं या डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं.
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