नई दिल्ली: पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़ की अमर विहार कॉलोनी अब मलबे में तब्दील हो गई है. यहां पर रह रहे लोगों को मजबूरी में किराए के मकानों में रहना पड़ रहा है. अधिकांश लोग अमर कॉलोनी छोड़ कर चले गए हैं, क्योंकि जिला प्रशासन इस कॉलोनी की जमीन का अधिग्रहण कर लोगों से घर खाली करवा रहा है.
प्रशासन का कहना है कि यहां से राजमार्ग निकाला जाएगा. जिला प्रशासन ने इस कॉलोनी को 4 जुलाई तक खाली करने का आदेश दिया था. जिसके चलते यहां के लोगों ने कोर्ट में प्रशासन के खिलाफ याचिका भी दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने नोटिस की अवधि को 8 जुलाई तक बढ़ा दी. 8 जुलाई के बाद प्रशासन ने इस कॉलोनी के मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया, जिसके चलते लोगों को अपना घर खाली करना पड़ा.
लोगों का कहना है कि उन्होंने दो दशक पहले यहां जमीन खरीदी थी, जिसकी उनके पास पावर ऑफ अटॉर्नी भी है. जिसके बाद वह स्थाई रूप से मकान बनाकर रहने लगे थे.
'पुलिस ने किया प्रताड़ित'
प्रशासन जमीन का अधिग्रहण कर रहा है. यहां के लोगों को कॉलोनी खाली करके जाना पड़ रहा है. बता दें कि प्रशासन ने लोगों को मुआवजे का भरोसा दिलाया है, लेकिन यह मुआवजा कैसे और कब तक मिलेगा. इसकी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है.
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पुलिस ने घर ना खाली करने पर हमें प्रताड़ित किया. उनका कहना है कि हम घर खाली करने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें इसके बदले जल्द ही मुआवजा चाहिए.