नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का गुरु गोविंद सिंह अस्पताल आवारा कुत्तों का आरामगाह बना हुआ है. अस्पताल परिसर में आपको कुत्ते घूमते और आराम फरमाते नजर आ जाएंगे. ये हालात राज्य के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का है. अस्पताल में वार्ड से लेकर लेबर रूम के बाहर और ओपीडी से लेकर कैंटीन तक तक बिना रोक टोक चहलकदमी करते देखे जा सकते हैं. मरीजों व उनके तीमारदारों को कुत्तों के काटने का डर बना रहता है.
अस्पताल परिसर में कुत्ते, अनहोनी का लगा रहता है डर: अस्पताल के प्रसूता विभाग के बाहर आवारा कुत्ते सोते देखे जा सकते हैं. तीमारदारों का कहना है कि उन्हे इस बात का डर लगा रहता है कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी न हो जाए क्योंकि इस तरह से आवारा कुत्तों के खुलेआम घूमने से किसी भी प्रकार की घटना हो सकती है. आवारा कुत्तों का इस तरह अस्पताल के अंदर घूमना जिला अस्पताल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को दर्शाता है.
कुत्तों से संक्रमण फैलने की आशंका: वहीं इमरजेंसी कक्ष के बाहर कुत्ते सोते देखे जा सकते हैं. इन कुत्तों से जहां मरीजों की जान को खतरा बना रहा है. वहीं संक्रमण फैलने की भी आशंका बनी रहती है. मरिजों का कहना है कि अस्पताल में इलाज करने के लिए आते हैं लेकिन अगर कुत्ते ने काट लिया तो दूसरी परेशानी खड़ी हो जाएगी.
कुत्तों को भगाने पर लड़ने आ जाते हैं डॉग लवर: अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि " हमारी तरफ से कुत्तों को कई बार भगाने की कोशिश की गई, लेकिन वे फिर वापस चले आते हैं. कई बार डॉग लवर कुत्तों को भगाने की जानकारी मिलने पर अस्पताल प्रशासन से झगड़ा करने तक आ जाते हैं."
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