नई दिल्ली: पुरानी दिल्ली के दरीबा कलां स्थित करीब 200 साल पुरानी धर्मपुरा हवेली के सौंदर्यीकरण का काम पूरा हो चुका है. हवेली को संवारने के लिए जोधपुर और जैसलमेर से पत्थर मंगवाए गए थे. अलीगढ़ और मुरादाबाद के कारीगरों के हाथों के हुनर से यह हवेली अपने पुराने स्वरूप में लौट आई है. विदेशी मेहमानों को ध्यान में रखते हुए इस हवेली में सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया है, जो पर्यटकों को खूब रास आ रहा है.
चांदनी चौक में तैयार हुई G20 गोल्डन हवेली: पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल पुरानी दिल्ली की विशिष्ट हवेलियों को सहेजने में जुटे हुए हैं और इसके लिए बकायदा उन्होंने मुहिम चलाई हुई है. इस प्रयास में उन्होंने धर्मपुरा क्षेत्र में बने गोल्डन हवेली को नया लुक दिया है, जो विदेशी मेहमानों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. दरअसल, कई साल पुरानी इस हवेली के संरक्षण, रखरखाव के साथ-साथ इसके पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी 15 अप्रैल 2019 से विजय गोयल ने ली थी.
काम पूरा होने के बाद 1 मार्च 2023 को एक कर्टन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान आमंत्रित अतिथियों को इस हवेली का भ्रमण कराया गया. 200 गज की इस गोल्डन हवेली की सुंदरता देखते ही बनती है. हवेली के छत से जामा मस्जिद, लाल किला, गौरी शंकर मंदिर, जैन मंदिर गुरुद्वारा और शीशगंज सभी दिखाई पड़ते हैं.
ये भी पढ़ें: दिल्ली: एनडीएमसी 14 से 26 फरवरी तक करने जा रही ट्यूलिप महोत्सव का आयोजन
दरअसल, इस गोल्डन हवेली के आर्किटेक्चर फीचर के नमूने परंपरागत प्राचीन निर्माण की शैली से लिए हुए हैं. चांदनी चौक इलाके में इस हवेली की एक अलग ही पहचान है. यहां कभी एक अनार का पेड़ हुआ करता था, जिसे पर्शिया देश से लाया गया था. शुरूआत में पेड़ काफी छोटा था, लेकिन बाद में वह पेड़ काफी बड़ा हो गया, इस वजह से उसका नाम गली अनार पड़ा. जानकारी के अनुसार प्रसिद्ध वास्तुकार कपिल अग्रवाल ने अपनी कठिन परिश्रम की बदौलत इस हवेली को इस नए स्वरूप में पहुंचा दिया. गोयल का कहना है कि भारत जी 20 की अध्यक्षता का उत्सव मना रहा है, इसलिए इस हवेली का नाम जी 20 गोल्डन हवेली रखा गया है.
ये भी पढ़ें: Shah on PM Modi: G-20 पर बोले शाह- इसका श्रेय पीएम को मिलना चाहिए. क्यों न मिले?...अगर प्रोडक्ट अच्छा है तो...