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साइबर सेल की तरफ से चलाया गया जागरुकता अभियान, बच्चे और टीचर्स ने लिया हिस्सा

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर साइबर टीम ने आंध्र एजुकेशन सोसाइटी में जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया. इसमें साइबर अपराध की रोकथाम को लेकर जानकारी दी गई. वहीं, कार्यक्रम में 1000 से अधिक बच्चे टीचर्स और पैरेंट्स ने हिस्सा लिया.

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Published : Aug 15, 2023, 2:02 PM IST

Updated : Aug 15, 2023, 4:49 PM IST

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर वेस्ट जिला पुलिस ने जनकपुरी के आंध्र एजुकेशन सोसाइटी में साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया. इसमें 1000 से अधिक बच्चे टीचर्स और पैरेंट्स ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन सेफ्टी, सेक्सटरसंन् सहित ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी किया गया.

कार्यक्रम में संभावित रूप से असुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के बारे में विस्तार से बताया गया. और वहां मौजूद बच्चों के साथ-साथ बच्चों के पेरेंट्स और टीचर्स को भी इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले सोचना चाहिए और विवादास्पद मुद्दों से परहेज ही रखना चाहिए.

सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट न करें

  1. आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हो.
  2. धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश हो.
  3. किसी के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा हो.
  4. अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा हो.
  5. किसी संप्रदाय के खिलाफ हो.
  6. किसी को जान से मारने की धमकी हो.
  7. अश्लील कंटेंट हो.

ऐसा होने पर आप पर कार्रवाई की जा सकती है और कुछ धाराओं में जेल तक का प्रावधान है. भारत के आईटी नियम के अनुसार साइबर क्राइम में सजा का प्रावधान है. ये सजा 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक है. साथ ही जुर्माने का प्रावधान एक लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक है. इसलिए ऐसी बातों, शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, ऐसी जानकारी को निजी रखने का महत्व भी समझने की जरूरत को भी बताया गया, और बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी को साझा न करने की भी सलाह दी गयी

वर्कशॉप में उन्हें "सेक्सटिंग" जैसे मुद्दों से अवगत कराया गया, और विशेष रूप से किसी के साथ निजी जानकारी, खुलासा करने वाली बाते साझा नहीं करने की सलाह दी गयी. ऐसा करने से वह किस तरह साइबर अपराध में शामिल हो जाते हैं के बारे में विस्तृत तरीके से बताया गया

साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए रखें ख्याल

  1. डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करने वाले को अनसुना करें
  2. अगर यूजर को AnyDesk या TeamViewer ऐप डाउनलोड करने के लिए कहे तो न करें
  3. अगर ऐप डाउनलोड हो गया तो वह 9 अंकों का कोड मांगता है तो शेयर न करें

साइबर फ्रॉड होने पर क्या करें

अगर आपके साथ या आपके किसी परिचित के साथ साइबर फ्रॉड होता है. ऐसे में आपको तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करना चाहिए. इस नंबर पर कॉल करने के बाद आपको अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी देनी होगी. इस बात का ध्यान रखें कि आपको साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में 1 घंटे के भीतर ही इस नंबर पर कॉल करना होगा. ऐसे में पुलिस जल्द से जल्द संबंधित अकाउंट को फ्रीज कर सकेगी, जिसमें पैसा गया है. ऐसा करने पर आपके पैसे वापस मिलने की संभावना काफी बढ़ जाएगी. या फिर www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं

यह भी पढ़ें- Dance Performance: मंडी हाउस में दर्शकों ने 'स्वाधीनता: आजादी का उत्सव' का जमकर उठाया लुत्फ

नई दिल्ली: स्वतंत्रता दिवस पर वेस्ट जिला पुलिस ने जनकपुरी के आंध्र एजुकेशन सोसाइटी में साइबर क्राइम अवेयरनेस प्रोग्राम का आयोजन किया. इसमें 1000 से अधिक बच्चे टीचर्स और पैरेंट्स ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम में साइबर बुलिंग, साइबर ग्रूमिंग, ऑनलाइन सेफ्टी, सेक्सटरसंन् सहित ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी किया गया.

कार्यक्रम में संभावित रूप से असुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार के बारे में विस्तार से बताया गया. और वहां मौजूद बच्चों के साथ-साथ बच्चों के पेरेंट्स और टीचर्स को भी इस बात के लिए प्रेरित किया गया कि सोशल मीडिया पर कुछ भी लिखने से पहले सोचना चाहिए और विवादास्पद मुद्दों से परहेज ही रखना चाहिए.

सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट न करें

  1. आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल हो.
  2. धार्मिक भावनाएं भड़काने की कोशिश हो.
  3. किसी के सम्मान को ठेस पहुंचा रहा हो.
  4. अखंडता को नुकसान पहुंचा रहा हो.
  5. किसी संप्रदाय के खिलाफ हो.
  6. किसी को जान से मारने की धमकी हो.
  7. अश्लील कंटेंट हो.

ऐसा होने पर आप पर कार्रवाई की जा सकती है और कुछ धाराओं में जेल तक का प्रावधान है. भारत के आईटी नियम के अनुसार साइबर क्राइम में सजा का प्रावधान है. ये सजा 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक है. साथ ही जुर्माने का प्रावधान एक लाख से लेकर 10 लाख रुपये तक है. इसलिए ऐसी बातों, शब्दों के इस्तेमाल से बचना चाहिए, ऐसी जानकारी को निजी रखने का महत्व भी समझने की जरूरत को भी बताया गया, और बहुत अधिक व्यक्तिगत जानकारी को साझा न करने की भी सलाह दी गयी

वर्कशॉप में उन्हें "सेक्सटिंग" जैसे मुद्दों से अवगत कराया गया, और विशेष रूप से किसी के साथ निजी जानकारी, खुलासा करने वाली बाते साझा नहीं करने की सलाह दी गयी. ऐसा करने से वह किस तरह साइबर अपराध में शामिल हो जाते हैं के बारे में विस्तृत तरीके से बताया गया

साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए रखें ख्याल

  1. डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करने वाले को अनसुना करें
  2. अगर यूजर को AnyDesk या TeamViewer ऐप डाउनलोड करने के लिए कहे तो न करें
  3. अगर ऐप डाउनलोड हो गया तो वह 9 अंकों का कोड मांगता है तो शेयर न करें

साइबर फ्रॉड होने पर क्या करें

अगर आपके साथ या आपके किसी परिचित के साथ साइबर फ्रॉड होता है. ऐसे में आपको तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करना चाहिए. इस नंबर पर कॉल करने के बाद आपको अपने साथ हुई घटना की पूरी जानकारी देनी होगी. इस बात का ध्यान रखें कि आपको साइबर फ्रॉड होने की स्थिति में 1 घंटे के भीतर ही इस नंबर पर कॉल करना होगा. ऐसे में पुलिस जल्द से जल्द संबंधित अकाउंट को फ्रीज कर सकेगी, जिसमें पैसा गया है. ऐसा करने पर आपके पैसे वापस मिलने की संभावना काफी बढ़ जाएगी. या फिर www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं

यह भी पढ़ें- Dance Performance: मंडी हाउस में दर्शकों ने 'स्वाधीनता: आजादी का उत्सव' का जमकर उठाया लुत्फ

Last Updated : Aug 15, 2023, 4:49 PM IST
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