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दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्य गिरफ्तार, 68 मोबाइल और 1 लैपटॉप बरामद - Anti Auto Theft Squad

दिल्ली में एएटीएस स्टाफ की टीम ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया (international mobile racket arrested in delhi) है. इनके पास से 68 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप बरामद किया गया है.

international mobile racket arrested in delhi
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Published : Nov 10, 2022, 2:56 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में दक्षिणी जिले के एएटीएस (Anti Auto Theft Squad) स्टाफ की टीम ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्यों को गिरफ्तार (international mobile racket arrested in delhi) किया है. ये लोग दिल्ली से मोबाइल चोरी कर उनका आईएमईआई नंबर चेंज कर देते थे और दूसरे राज्यों में सप्लाई करते थे. आरोपियों के पास से 68 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप बरामद किया गया है. आरोपियों के नाम सारांश सागर, अकील, अंकुर गुप्ता और मिथुन बताए जा रहे हैं जो शाहदरा जिले के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं. इन सभी के ऊपर अलग-अलग थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं.

दक्षिणी जिले के पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि एएटीएस की टीम को दक्षिण जिला के क्षेत्र में स्नैचिंग, लूट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने और आरोपियों को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था. इसके लिए एसीपी राजेश बामनिया ने इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जिसमें एसआई अनिल कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संदीप, जय, भगवान, इंद्रराज, कॉन्स्टेबल प्रवीण और संदीप को शामिल किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्य गिरफ्तार

इस दौरान टीम ने पूरी दिल्ली में लूट, स्नैचिंग, और पिक पॉकेट की घटनाओं की जांच करने के साथ पूर्व में गिरफ्तार अपराधियों से भी पूछताछ की गई. इसमें खुलासा हुआ कि ऐसे मोबाइल फोन की बिक्री खरीद कई स्तरों पर की जा रही थी. इसके बाद टीम ने खुफिया जानकारी विकसित कर आरोपी अंकुर गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने 68 मोबाइल फोन बरामद किए. साथ ही उससे पूछताछ के बाद उसके तीनों साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में पुलिस ने शातिर ऑटो लिफ्टर को किया गिरफ्तार, कई मामलों में हुआ खुलासा

पूछताछ में आरोपी अंकुर ने खुलासा किया कि वह आमतौर पर लुटेरों और स्नैचरों से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मोबाइल फोन प्राप्त करता था जिसमें उसके साथ सारांश सागर और अकील भी शामिल थे. यह दोनों आईएमईआई नंबर बदलने का काम करते थे. अंकुर सॉफ्टवेयर के जरिए आईएमईआई के 2 अंकों को बदलकर मोबाइलों को बाजार में बेच दिया करता था. जिनका आईएमईआई नहीं बदली जा सकती थी उन मोबाइल फोन को वह बिहार के रास्ते नेपाल जाकर बेचा करते थे. मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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नई दिल्ली: राजधानी में दक्षिणी जिले के एएटीएस (Anti Auto Theft Squad) स्टाफ की टीम ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्यों को गिरफ्तार (international mobile racket arrested in delhi) किया है. ये लोग दिल्ली से मोबाइल चोरी कर उनका आईएमईआई नंबर चेंज कर देते थे और दूसरे राज्यों में सप्लाई करते थे. आरोपियों के पास से 68 मोबाइल फोन और 1 लैपटॉप बरामद किया गया है. आरोपियों के नाम सारांश सागर, अकील, अंकुर गुप्ता और मिथुन बताए जा रहे हैं जो शाहदरा जिले के अलग-अलग इलाके के रहने वाले हैं. इन सभी के ऊपर अलग-अलग थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं.

दक्षिणी जिले के पुलिस उपायुक्त चंदन चौधरी ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि एएटीएस की टीम को दक्षिण जिला के क्षेत्र में स्नैचिंग, लूट जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने और आरोपियों को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया था. इसके लिए एसीपी राजेश बामनिया ने इंस्पेक्टर उमेश यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया जिसमें एसआई अनिल कुमार, हेड कॉन्स्टेबल संदीप, जय, भगवान, इंद्रराज, कॉन्स्टेबल प्रवीण और संदीप को शामिल किया गया था.

अंतरराष्ट्रीय मोबाइल रैकेट के 4 सदस्य गिरफ्तार

इस दौरान टीम ने पूरी दिल्ली में लूट, स्नैचिंग, और पिक पॉकेट की घटनाओं की जांच करने के साथ पूर्व में गिरफ्तार अपराधियों से भी पूछताछ की गई. इसमें खुलासा हुआ कि ऐसे मोबाइल फोन की बिक्री खरीद कई स्तरों पर की जा रही थी. इसके बाद टीम ने खुफिया जानकारी विकसित कर आरोपी अंकुर गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया जिसकी निशानदेही पर पुलिस ने 68 मोबाइल फोन बरामद किए. साथ ही उससे पूछताछ के बाद उसके तीनों साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

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पूछताछ में आरोपी अंकुर ने खुलासा किया कि वह आमतौर पर लुटेरों और स्नैचरों से व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से मोबाइल फोन प्राप्त करता था जिसमें उसके साथ सारांश सागर और अकील भी शामिल थे. यह दोनों आईएमईआई नंबर बदलने का काम करते थे. अंकुर सॉफ्टवेयर के जरिए आईएमईआई के 2 अंकों को बदलकर मोबाइलों को बाजार में बेच दिया करता था. जिनका आईएमईआई नहीं बदली जा सकती थी उन मोबाइल फोन को वह बिहार के रास्ते नेपाल जाकर बेचा करते थे. मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

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