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251 किलो के पारदेश्वर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन

श्री सनातन धर्म मंदिर में 251 किलो के पारदेश्वर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया. इस दौरान भव्य शोभायात्रा निकाली गई और भोले बाबा की बारात भी निकाली गई.

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Published : Mar 11, 2019, 1:14 PM IST

251 किलो का पारदेश्वर शिवलिंग

नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के भैरा एंक्लेव स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर के प्रधान राजकुमार सांखला ने बताया कि शोभायात्रा और भोले बाबा की बारात में मंदिर के कल्याणकारी के सभी सदस्य की अहम भूमिका रही. बारात का रास्ते में जगह-जगह पुष्प से स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने इस बारात में भोले बाबा की जोर शोर से भोले बाबा के जयकारे भी लगाए.

मंदिर के प्रधान राज कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठान दक्षिणी अमेरिका के सूरीनाम से राघवानंद परिव्राजक महाराज एवं आचार्य राम मिलन शुक्ला की देखरेख में कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस अवसर पर राघवानंद महाराज जी ने कहा कि मानस में सिर की पंचानन कहा गया है. शिवलिंग की पंचामृत जिसमें दूध, घी,मधु, दही व शक्कर से पूजा करते हैं. और साथ ही फूल भी चढ़ाते हैं.

दूध बुद्धि को कहा,और दही अहंकार को और मन को मधु इंद्रियों को वश चक्कर शरीर की शुद्धि के लिए शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. शंकर भगवान की ज्योति आत्मा रूप में मानव शरीर में स्थित है. जब हम शिव की पूजा करते हैं.तो स्वयं की भी पूजा हो जाती है. इस अवसर पर रवि कुमार प्रवीण दीपक वोहरा सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित रहे और कार्यक्रम को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया.

नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के भैरा एंक्लेव स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर के प्रधान राजकुमार सांखला ने बताया कि शोभायात्रा और भोले बाबा की बारात में मंदिर के कल्याणकारी के सभी सदस्य की अहम भूमिका रही. बारात का रास्ते में जगह-जगह पुष्प से स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने इस बारात में भोले बाबा की जोर शोर से भोले बाबा के जयकारे भी लगाए.

मंदिर के प्रधान राज कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठान दक्षिणी अमेरिका के सूरीनाम से राघवानंद परिव्राजक महाराज एवं आचार्य राम मिलन शुक्ला की देखरेख में कार्यक्रम संपन्न हुआ. इस अवसर पर राघवानंद महाराज जी ने कहा कि मानस में सिर की पंचानन कहा गया है. शिवलिंग की पंचामृत जिसमें दूध, घी,मधु, दही व शक्कर से पूजा करते हैं. और साथ ही फूल भी चढ़ाते हैं.

दूध बुद्धि को कहा,और दही अहंकार को और मन को मधु इंद्रियों को वश चक्कर शरीर की शुद्धि के लिए शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. शंकर भगवान की ज्योति आत्मा रूप में मानव शरीर में स्थित है. जब हम शिव की पूजा करते हैं.तो स्वयं की भी पूजा हो जाती है. इस अवसर पर रवि कुमार प्रवीण दीपक वोहरा सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित रहे और कार्यक्रम को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया.

Intro:वेस्ट दिल्ली के भैरा एंक्लेव स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में 251 किलो के पारदेश्वर शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया गया.और इसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आकर हिस्सा लिया और जय भोलेनाथ के जोरदार जैकारे भी लगाए. और वही इस उपलक्ष्य में भव्य शोभायात्रा निकाली गई और उसके साथ ही भोले बाबा की बारात भी निकाली गई.


Body:श्री सनातन धर्म मंदिर के प्रधान राजकुमार सांखला ने बताया कि शोभायात्रा और भोले बाबा की बारात में मंदिर के कल्याणकारी के सभी सदस्य की अहम भूमिका रही और बारात का रास्ते में जगह-जगह पुष्प से स्वागत किया गया और श्रद्धालुओं ने इस बारात में भोले बाबा की जोर शोर से भोले बाबा के जयकारे भी लगाए. और मंदिर के प्रधान राज कुमार ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठान दक्षिणी अमेरिका के सूरीनाम से राघवानंद परिव्राजक महाराज एवं आचार्य राम मिलन शुक्ला की देखरेख में यह कार्यक्रम संपन्न हुआ. और इस अवसर पर राघवानंद महाराज जी ने कहा कि मानस में सिर की पंचानन कहा गया है. शिवलिंग की पंचामृत जिसमें दूध, घी,मधु, दही व शक्कर से पूजा करते हैं. और साथ ही फूल भी चढ़ाते हैं.


Conclusion:दूध बुद्धि को कहा,और दही अहंकार को और मन को मधु इंद्रियों को वश चक्कर शरीर की शुद्धि के लिए शिवलिंग पर चढ़ाते हैं. शंकर भगवान की ज्योति आत्मा रूप में मानव शरीर में स्थित है. जब हम शिव की पूजा करते हैं.तो स्वयं की भी पूजा हो जाती है. इस अवसर पर रवि कुमार प्रवीण दीपक वोहरा सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित रहे और कार्यक्रम को बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया.

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