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पर्यावरण दिवस: कालिंदी कुंज घाट पर यमुना का हाल जानने पहुंची ETV भारत की टीम, सफाई करते दिखे बच्चे

दिल्ली की प्यास बुझाने वाली यमुना का बहुत बुरा हाल है. इसके बदतर हालात आपके रोंगटे खड़े कर देंगे. स्कूली बच्चों ने बड़ों से ज्यादा जताई पर्यावरण की चिंता. कालिंदी कुंज घाट से बच्चों ने की अपील, कहा हम सबको मिलकर पर्यावरण के लिये काम करना होगा. नदियों की साफ-सफाई आज की सबसे बड़ी जरूरत है.

कालिंदी कुंज घाट, यमुना
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Published : Jun 5, 2019, 7:41 PM IST

Updated : Jun 5, 2019, 7:47 PM IST

नई दिल्ली: कहते हैं जल है तो जीवन है. जीवन है तो संसार है. दिल्ली में लोगों की प्यास बुझाने वाली यमुना का क्या हाल है? इसकी बानगी देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दरअसल, यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश की राजधानी दिल्ली में यमुना की दुर्दशा बहुत खराब हो चुकी है. पर्यावरण दिवस दिवस के मौके पर कालिंदी कुंज घाट पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां के हालात बेहद चिंताजनक नजर आए.


'यमुना नहीं तो जीवन नहीं'

सातवीं कक्षा के अर्जुन के मुताबिक आज पर्यावरण दिवस के मौके पर ही नहीं, मैं काफी समय से यहां पर अपने मम्मी-पापा के साथ अपनी मर्जी से साफ-सफाई करने आता रहता हूं. ऐसे में मुझे बेहद चिंता होती है कि हमारी नदी आज इतने बुरे हालात में है. अगर यही हालात रहे तो जो आगे की पीढ़ी है उनका क्या होगा? ऐसे में आने वाला समय हम लोगों के लिए बहुत सी दिक्कतों से भरा होगा. उन्होंने कहा कि ये आज की सबसे बड़ी जरूरत कि हम पर्यावरण लेकर जागरूक बनें. जो लोग गंदगी फैलाते हैं, उन्हें यमुना को साफ रखने में योगदान देना चाहिए.

कालिंदी कुंज घाट पर यमुना का हाल जानने पहुंची ETV भारत की टीम


सांस तक नहीं ले पाएंगे

इसी दौरान भीम गुप्ता ने बताया कि नदी जीवन होती है. नदी की साफ-सफाई करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि सफाई करने के बाद यमुना बहुत अच्छी लगती है. वह प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती है. ऐसे में अगर यही हालात लगातार बने रहे तो एक दिन ऐसा होगा कि हमें सांस लेना दूभर हो जायेगा. इसलिए जरूरी है कि हम सब मिलकर बदलाव लायें.


औद्योगीकरण ने यमुना की शक्ल बिगाड़ी

राजधानी में यमुना की बदतर हालत की सबसे बड़ी वजह यहां के इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाले केमिकल हैं. केमिकल यमुना में जाने से पानी प्रदूषित होता है और उसमें झाग बनने लगता है. जिससे यह जहरीले पानी की नदी में तब्दील हो गई है. वहीं इसका जलस्तर बिल्कुल ही निचले स्तर पर पहुंच चुका है. आप खुद देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यमुना का जो पानी है, वह नाले के रूप में तब्दील हो चुका है.

नई दिल्ली: कहते हैं जल है तो जीवन है. जीवन है तो संसार है. दिल्ली में लोगों की प्यास बुझाने वाली यमुना का क्या हाल है? इसकी बानगी देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दरअसल, यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि देश की राजधानी दिल्ली में यमुना की दुर्दशा बहुत खराब हो चुकी है. पर्यावरण दिवस दिवस के मौके पर कालिंदी कुंज घाट पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची. जहां के हालात बेहद चिंताजनक नजर आए.


'यमुना नहीं तो जीवन नहीं'

सातवीं कक्षा के अर्जुन के मुताबिक आज पर्यावरण दिवस के मौके पर ही नहीं, मैं काफी समय से यहां पर अपने मम्मी-पापा के साथ अपनी मर्जी से साफ-सफाई करने आता रहता हूं. ऐसे में मुझे बेहद चिंता होती है कि हमारी नदी आज इतने बुरे हालात में है. अगर यही हालात रहे तो जो आगे की पीढ़ी है उनका क्या होगा? ऐसे में आने वाला समय हम लोगों के लिए बहुत सी दिक्कतों से भरा होगा. उन्होंने कहा कि ये आज की सबसे बड़ी जरूरत कि हम पर्यावरण लेकर जागरूक बनें. जो लोग गंदगी फैलाते हैं, उन्हें यमुना को साफ रखने में योगदान देना चाहिए.

कालिंदी कुंज घाट पर यमुना का हाल जानने पहुंची ETV भारत की टीम


सांस तक नहीं ले पाएंगे

इसी दौरान भीम गुप्ता ने बताया कि नदी जीवन होती है. नदी की साफ-सफाई करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि सफाई करने के बाद यमुना बहुत अच्छी लगती है. वह प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती है. ऐसे में अगर यही हालात लगातार बने रहे तो एक दिन ऐसा होगा कि हमें सांस लेना दूभर हो जायेगा. इसलिए जरूरी है कि हम सब मिलकर बदलाव लायें.


औद्योगीकरण ने यमुना की शक्ल बिगाड़ी

राजधानी में यमुना की बदतर हालत की सबसे बड़ी वजह यहां के इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाले केमिकल हैं. केमिकल यमुना में जाने से पानी प्रदूषित होता है और उसमें झाग बनने लगता है. जिससे यह जहरीले पानी की नदी में तब्दील हो गई है. वहीं इसका जलस्तर बिल्कुल ही निचले स्तर पर पहुंच चुका है. आप खुद देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यमुना का जो पानी है, वह नाले के रूप में तब्दील हो चुका है.

Intro:पर्यावरण दिवस विशेष: इन बच्चों की बात सुन आप हो जाएंगे शर्मिंदा, पर्यावरण को लेकर इनकी चिंता वाकई दिलचस्प है

दक्षिणी दिल्ली: कहते हैं पानी है तो जीवन है.जीवन है तो संसार है.लेकिन विश्व पर्यावरण दिवस पर दिल्ली में लोगों की प्यास बुझाने वाली यमुना का क्या हाल है इसकी बानगी देख आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. दरअसल, यह बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज देश की राजधानी दिल्ली में यमुना की दुर्दशा देख आप भौचक्के रह जाएंगे. लेकिन आज की नई पीढ़ी पर्यावरण को लेकर कितनी जागरुक है यह वाकई बेहद दिलचस्प बात है. पर्यावरण दिवस दिवस के मौके पर कालिंदी कुंज घाट पर ईटीवी भारत की टीम पहुंची जहां के हालात बेहद चिंताजनक नजर आए.


Body:बच्चों ने कहा यमुना नहीं तो जीनव नहीं
सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले अर्जुन का कहना है कि कि आज पर्यावरण दिवस के मौके पर ही नहीं मैं काफी समय से यहां पर अपने माता पिता के साथ अपनी मर्जी से साफ-सफाई करने आता हूं. ऐसे में मुझे बेहद चिंता होती है कि आज इतने बुरे हालात में हमारी नदी है.अगर यही हालात रहे तो आगे की पीढ़ी है उनका क्या होगा. ऐसे में अगर यही हालात रहे तो आने वाला समय हम लोगों के लिए बेहद ही परेशानी से भरा होगा. उनका कहना है कि जरूरी है कि हमें इसके लिए जागरूक होना चाहिए और जो लोग गंदगी फैलाते हैं उन्हें यमुना को साफ रखने में योगदान देना चाहिए.

सांस तक नहीं ले पाएंगे
इस दौरान भीम गुप्ता ने बताया कि नदी जीवन होती है और उसके लिए साफ सफाई करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि साफ सफाई करने के बाद यमुना कितनी अच्छी लगती है. वह प्रकृति की सुंदरता को दर्शाती है.ऐसे में अगर यही हालात लगातार बने रहते हैं तो एक दिन ऐसा होगा कि हम सांस नहीं ले सकेंगे.इसलिए जरूरी है कि हम सबको मिलकर बदलाव लाना चाहिए.

औद्योगिकरण ने यमुना की बदली है हालात
आपको बता दें कि राजधानी में यमुना के बदतर हालात की सबसे बड़ी वजह यहां के इंडस्ट्रियल एरिया से निकलने वाले केमिकल हैं. केमिकल निकलने के चलते यमुना प्रदूषित होती है और इसमें झाग पनपने लगते हैं.जिससे कि यह जहरीले पानी तक में तब्दील हो गई है.वहीं यहां की स्थिति की बात करें तो जलस्तर बिल्कुल ही निचले स्तर पर पहुंच चुका है. आप खुद देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि यमुना का जो पानी है वह नाले के रूप में तब्दील हो चुका है.चिंता का विषय है कि जिस तरीके से व्यवसायीकरण प्रकृति में तब्दील होता जा रहा है ह आगामी दिनों में हमारे जीवन पर सीधा असर करेगा.


Conclusion:फिलहाल जिस तरीके से कालिंदी कुंज घाट के हालात है ऐसे में जरूरी है कि सरकार और प्रशासनिक अधिकारी इस ओर उचित कदम उठाएं.साथ ही हम भी यमुना को स्वच्छ रखने में भूमिका अदा करें. जिससे कि आगामी दिनों में यमुना के हालात बदल सके.
Last Updated : Jun 5, 2019, 7:47 PM IST
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