नई दिल्ली: राजधानी में एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड की पुलिस टीम ने भोले-भाले लोगों को चकमा देकर उनका एटीएम कार्ड बदलकर धोखाधड़ी करने वाले एक बड़े गैंग का खुलासा किया है. टीम इस गैंग के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को दबोचने में भी कामयाबी हुई है. इनके पास से 113 एटीएम कार्ड के अलावा पेटीएम की 2 मशीन भी बरामद की गई है. इस गैंग को जीजा और साला मिलकर चलाते थे, इसलिए इस गैंग का नाम जीजा साला गैंग भी था और इनसे पुलिस ने कैश और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल को भी जब्त किया है.
द्वारका डीसीपी एम हर्षवर्धन ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से सोनू, पहले भी उत्तर प्रदेश में धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार होकर जेल जा चुका है. हाल ही में वह जेल से बाहर आया था, जिसके बाद वह फिर से वारदातों को अंजाम देने लगा था. इसका सगा साला संदीप भी इसके साथ मिलकर वारदातों को अंजाम देता है. आरोपियों की गिरफ्तारी से पुलिस ने 14 मामलों का खुलासा करने का दावा किया है, जिसमें दिल्ली, यूपी और राजस्थान के मामले शामिल हैं.
एसीपी ऑपरेशन रामअवतार की देखरेख में एएटीएस के इंचार्ज इंस्पेक्टर कमलेश कुमार, सब इंस्पेक्टर दिनेश, सहायक सब इंस्पेक्टर जितेंद्र, हेड कॉन्स्टेबल जगत, परविंदर, रामरई, मनोज, राजवीर और लेडी कॉन्स्टेबल पूजा की टीम सीसीटीवी फुटेज, टेक्निकल सर्विलांस और लोकल इंटेलिजेंस की मदद से इस गैंग का पता लगाने में कामयाब हुई. बताया गया कि हेड कॉन्स्टेबल परविंदर को एक स्पेसिफिक इनफॉरमेशन मिली थी कि एटीएम एक्सचेंज करके चीटिंग की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी बाबा हरिदास नगर के सैनिक एनक्लेव में हैं.
इस सूचना की जांच करने के बाद पुलिस की टीम बनाई गई और वहां छापा मारकर संदीप और जॉनी को गिरफ्तार किया गया. यह दोनों हरियाणा के हिसार और रोहतक के रहने वाले हैं. पूछताछ में पता चला कि इन्होंने नजफगढ़ इलाके में कई धोखाधड़ी की वारदातों को अंजाम दिया है. इनके पास से पुलिस टीम ने 26 एटीएम कार्ड अलग-अलग बैंकों के बरामद किए गए. साथ ही एक पेटीएम मशीन भी बरामद की, जिससे वे एटीएम कार्ड से मशीन के जरिए कैश निकालते थे. पूछताछ में उन्होंने अपने साथी व गैंग के मास्टरमाइंड सोनू कुमार के बारे में बताया, जो रोहतक (हरियाणा) का रहने वाला था.
पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे भी गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 23,500 कैश, 87 एटीएम कार्ड और एक पेटीएम मशीन भी बरामद की गई. पूछताछ में पता चला कि दोनों में जीजा साले का रिश्ता है और ये प्रवीण नाम व्यक्ति के इंस्ट्रक्शन पर वारदात को अंजाम देते थे. यह भी पता चला कि इनके गैंग का एक साथी राजेश, इसी तरह की वारदात को लखनऊ में अंजाम देता है.
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इस तरह की धोखाधड़ी में ज्यादातर लोग शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं कराते थे, जिसकी वजह से यह लोग पुलिस की नजर में कम आते थे. अगर कोई एफआईआर रजिस्टर भी होता तो यह पीड़ित को कैश वापस करके मामला को खत्म करवा देते थे. इनकी गिरफ्तारी से नजफगढ़, बाबा हरिदास नगर, डाबड़ी, बिंदापुर के अलावा राजस्थान के नागौर, उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, शाहजहांपुर आदि इलाकों के भी कई मामले का पता लगा है. डीसीपी ने बताया कि, 23 मार्च को नजफगढ़ थाना इलाके में चीटिंग की एक वारदात इसी तरह हुई थी, जब एक महिला एटीएम कार्ड से कैश निकालने गई थी. उसी दौरान दो युवक आए और जिन्होंने महिला का एटीएम कार्ड चेंज कर लिया और उसके अकाउंट से 10,500 रुपये निकाल लिए. महिला की शिकायत पर नजफगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसकी जिम्मेदारी एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड की टीम को दी गई थी.
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