ETV Bharat / state

JNU हिंसा: वो मासूम छात्रों को बना रहे हैं हथियार- JNU टीचर्स फेडरेशन - JNU Teachers Union

जेएनयू की टीचर्स फेडरेशन ने कैंपस में हुई घटना की निंदा की है. टीचर्स फेडरेशन के सदस्यों ने अपील की है कि विश्वविद्यालय पढ़ने लिखने के लिए होते हैं. इसे अखाड़ा ना बनाया जाए और जल्द से जल्द शांति बहाल की जाए. साथ ही उन्होंने जेएनयूटीए पर भी आरोप लगाएं हैं.

JNU violence update
टीचर फेडरेशन का शिक्षक संघ पर आरोप
author img

By

Published : Jan 9, 2020, 7:24 AM IST

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना की जेएनयू टीचर्स फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने निंदा की. साथ ही छात्रों से शांति बहाल कर वापस क्लासेस में लौटने की अपील की है. इसके अलावा जिन नकाबपोश लोगों ने साबरमती हॉस्टेल में मारपीट की घटना को अंजाम दिया उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की.

'वो मासूम छात्रों को बना रहे हैं हथियार'


जेएनयूटीएफ ने जेएनयू में हिंसा की निंदा की
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना को लेकर जेएनयूटीएफ की सदस्य और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की शिक्षिका अंशु जोशी ने कहा कि जेएनयू में घटी घटना का टीचर्स फेडरेशन कड़े शब्दों में निंदा करता है. साथ ही छात्र, प्रशासन और शिक्षक समुदाय से अपील करता है कि विश्वविद्यालय पढ़ने लिखने के लिए होते हैं. इसे अखाड़ा ना बनाया जाए और जल्द से जल्द शांति बहाल की जाए.


'प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों के साथ अभद्रता की'
वहीं रविवार को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि ये लड़ाई दो विचारधाराओं की वजह से नहीं हुई. बल्कि इसे उन लोगों ने अंजाम दिया. जिन्हें ना ही परीक्षा देनी थी और ना ही पंजीकरण करवाना था. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दो महीने तक स्कूल लॉक डाउन कर रखा था. जिसके चलते छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. छात्रों की मांग पर जब स्कूल खोला गया तो शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. गालीगलौज की गई और उनका घेराव किया गया.


उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और स्कूल को खोलने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने गुरु शिष्य की मर्यादा को ताक पर रखकर शिक्षकों को अपशब्द कहे और हाथापाई तक की.

बड़ी संख्या में छात्रों के पंजीकरण से बौखलाकर की हिंसा
वहीं रविवार की घटना का दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों का रेजिस्ट्रेशन होते देख नकाबपोश छात्रों का गैंग बौखला गया और तभी इस घटना को अंजाम दिया.

'जेएनयूटीए छात्रों को हथियार बनाकर निकाल रहा है कुंठा'
वहीं उन्होंने जेएनयू में फैली अशांति के लिए जेएनयू शिक्षक संघ को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अपनी राजनीतिक कुंठा निकालने के लिए शिक्षक मासूम छात्रों को हथियार बना रहे हैं और उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. जेएनयू टीचर्स फेडरेशन ने छात्रों से भी अपील की है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो और जो छात्र वास्तव में पढ़ना चाहते हैं. उनकी पढ़ाई में खलल ना डाला जाए.

दो गुटों में बटा शिक्षक संघ
बता दें कि पिछले दिनों जेएनयू शिक्षक संघ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर दो हिस्सों में बंट गया था. जिनमें से कुछ शिक्षकों ने जेएनयूटीए की विचारधारा से असंतुष्ट होकर जेएनयू टीचर्स फेडरेशन बनाया है.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना की जेएनयू टीचर्स फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने निंदा की. साथ ही छात्रों से शांति बहाल कर वापस क्लासेस में लौटने की अपील की है. इसके अलावा जिन नकाबपोश लोगों ने साबरमती हॉस्टेल में मारपीट की घटना को अंजाम दिया उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग की.

'वो मासूम छात्रों को बना रहे हैं हथियार'


जेएनयूटीएफ ने जेएनयू में हिंसा की निंदा की
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना को लेकर जेएनयूटीएफ की सदस्य और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की शिक्षिका अंशु जोशी ने कहा कि जेएनयू में घटी घटना का टीचर्स फेडरेशन कड़े शब्दों में निंदा करता है. साथ ही छात्र, प्रशासन और शिक्षक समुदाय से अपील करता है कि विश्वविद्यालय पढ़ने लिखने के लिए होते हैं. इसे अखाड़ा ना बनाया जाए और जल्द से जल्द शांति बहाल की जाए.


'प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों के साथ अभद्रता की'
वहीं रविवार को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि ये लड़ाई दो विचारधाराओं की वजह से नहीं हुई. बल्कि इसे उन लोगों ने अंजाम दिया. जिन्हें ना ही परीक्षा देनी थी और ना ही पंजीकरण करवाना था. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दो महीने तक स्कूल लॉक डाउन कर रखा था. जिसके चलते छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. छात्रों की मांग पर जब स्कूल खोला गया तो शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. गालीगलौज की गई और उनका घेराव किया गया.


उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और स्कूल को खोलने की अपील भी की, लेकिन उन्होंने गुरु शिष्य की मर्यादा को ताक पर रखकर शिक्षकों को अपशब्द कहे और हाथापाई तक की.

बड़ी संख्या में छात्रों के पंजीकरण से बौखलाकर की हिंसा
वहीं रविवार की घटना का दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों का रेजिस्ट्रेशन होते देख नकाबपोश छात्रों का गैंग बौखला गया और तभी इस घटना को अंजाम दिया.

'जेएनयूटीए छात्रों को हथियार बनाकर निकाल रहा है कुंठा'
वहीं उन्होंने जेएनयू में फैली अशांति के लिए जेएनयू शिक्षक संघ को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अपनी राजनीतिक कुंठा निकालने के लिए शिक्षक मासूम छात्रों को हथियार बना रहे हैं और उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. जेएनयू टीचर्स फेडरेशन ने छात्रों से भी अपील की है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो और जो छात्र वास्तव में पढ़ना चाहते हैं. उनकी पढ़ाई में खलल ना डाला जाए.

दो गुटों में बटा शिक्षक संघ
बता दें कि पिछले दिनों जेएनयू शिक्षक संघ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर दो हिस्सों में बंट गया था. जिनमें से कुछ शिक्षकों ने जेएनयूटीए की विचारधारा से असंतुष्ट होकर जेएनयू टीचर्स फेडरेशन बनाया है.

Intro:नई दिल्ली ।

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना की जेएनयू टीचर्स फेडरेशन (जेएनयूटीएफ) ने निंदा की. साथ ही छात्रों से शांति बहाल कर वापस क्लासेस में लौटने की अपील की है. इसके अलावा जिन नकाबपोश लोगों ने साबरमती हॉस्टेल में मारपीट की घटना को अंजाम दिया उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई करने की भी मांग की.


Body:जेएनयूटीएफ ने मारपीट की घटना की निंदा की

बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार को हुई घटना को लेकर जेएनयूटीएफ की सदस्य और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की शिक्षिका अंशु जोशी ने कहा कि जेएनयू में घटी घटना का टीचर्स फेडरेशन कड़े शब्दों में निंदा करता है. साथ ही छात्र, प्रशासन और शिक्षक समुदाय से अपील करता है कि विश्वविद्यालय पढ़ने लिखने के लिए होते हैं इसे अखाड़ा न बनाया जाए और जल्द से जल्द शांति बहाल की जाए.


प्रदर्शनकारियों ने शिक्षकों के साथ की अभद्रता

वहीं रविवार को हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि यह लड़ाई दो विचारधारा की वजह से नहीं हुई. बल्कि इसे उन लोगों ने अंजाम दिया जिन्हें न ही परीक्षा देनी थी और न ही पंजीकरण करवाना था. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने दो महीने तक स्कूल लॉक डाउन कर रखा था जिसके चलते छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. छात्रों की मांग पर जब स्कूल खोला गया तो शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, गालीगलौज की गई और उनका घेराव किया गया. यहां तक कि शिक्षकों ने हाथ जोड़कर प्रदर्शनकारियों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और स्कूल को खोलने की अपील भी की लेकिन उन्होंने गुरु शिष्य की मर्यादा को ताक पर रखकर शिक्षकों को अपशब्द कहे और हाथापाई तक की.

बड़ी संख्या में छात्रों के पंजीकरण से बौखलाकर की हिंसा

वहीं रविवार की घटना का दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छात्रों का रेजिस्ट्रेशन होते देख नकाबपोश छात्रों का गैंग बौखला गया और तभी इस घटना को अंजाम दिया.

जेएनयूटीए छात्रों को हथियार बनाकर निकाल रहा है कुंठा

वहीं उन्होंने जेएनयू में फैली अशांति के लिए जेएनयू शिक्षक संघ को भी जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अपनी राजनीतिक कुंठा निकालने के लिए शिक्षक मासूम छात्रों को हथियार बना रहे हैं और उनके भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं. जेएनयू टीचर्स फेडरेशन ने छात्रों से भी अपील की है कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो और जो छात्र वास्तव में पढ़ना चाहते हैं उनकी पढ़ाई में खलल न डाला जाए.


Conclusion:बता दें कि पिछले दिनों जेएनयू शिक्षक संघ छात्रों के विरोध प्रदर्शन को लेकर दो हिस्सों में बंट गया था जिनमें से कुछ शिक्षकों ने जेएनयूटीए की विचारधारा से असंतुष्ट होकर जेएनयू टीचर्स फेडरेशन बनाया है.

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.