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जाली नोटों के इंटरनेशनल रैकेट का दिल्ली में भंडाफोड़, बांग्लादेश के रास्ते भेजा जा रहा था भारत

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों को सप्लाई करने वाले इंटरनेशनल रैकेट के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये लोग बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते नकली नोटों को भारत भेजते थे. पुलिस ने इनके पास से 500 के डेनोमिनेशन में करीब 1 लाख 97 हजार 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए हैं. फिलहाल पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर इनसे पूछताछ कर रही है.

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Published : Dec 8, 2022, 5:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों को सप्लाई करने वाले गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, जिनकी पहचान माबिया खातून और मुनीश अहमद के रूप में हुई है. ये वेस्ट बंगाल के मालदा और दिल्ली के खानपुर के रहने वाले हैं. इनके पास से 500 के डेनोमिनेशन में 1 लाख 97 हजार 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं. स्पेशल सेल पुलिस ने आनंद विहार स्टेशन से दोनों को रंगेहाथों उस वक़्त दबोचा, जब माबिया खातून, मुनीश को नकली नोटों के पैकेट दे रही थी.

डीसीपी पी.एस. कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल पुलिस के इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह को नकली नोटों की सप्लाई में लिप्त इंटरनेशनल सिंडिकेट के दो अहम सदस्यों के बारे में सूचना मिली थी, जो इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर से नकली नोटों की खेप लाकर भारत में सप्लाई करते थे.

पुलिस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि इस गैंग का सक्रिय सदस्य मुनीश अहमद नकली नोटों की कंसाईनमेन्ट को रिसीव करने के लिए आनंद विहार रेल्वे ओवर ब्रिज के नीचे आने वाला है. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह और जितेंद के नेतृत्व में टीम का गठन कर उनकी पकड़ के लिए लगाया गया.

पुलिस टीम ने सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर आनंद विहार रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे ट्रैप लगाया, जहां माबिया खातून पहुंची और मुनीश को एक पैकेट दिया, जिस पर पुलिस ने तुरंत ही उन्हें घेर कर दबोच लिया. तलाशी में मुनीश के पास से 1 लाख रुपये, जबकि माबिया खातून से 97 हजार 500 के नकली नोट बरामद किए गए. सभी नकली नोट 500 के डेनोमिनेशन में हैं और इतनी बेहतरीन गुणवत्ता वाले हैं कि नंगी आंखों से इसकी पहचान करना काफी मुश्किल है.

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ये भी पढ़ें: हनी ट्रैप के जरिए कारोबारी और व्यवसायियों को शिकार बना रहे अपराधी

पूछताछ में खातून ने बताया कि वो मालदा, वेस्ट बंगाल से एक शख्स से नकली नोटों की खेप लेकर दिल्ली मुनीश को देने के लिए पहुंची थी. आगे उसने बताया कि पिछले 2 सालों में उसने नकली नोटों के 10 कंसाईनमेन्ट, जिसमें कुल 40 लाख रुपये थे, वो दिल्ली में डिलीवर कर चुकी है. वहीं, मुनीश ने बताया कि वो पिछले 5 सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के इलाकों में नकली नोटों की सप्लाई में लिप्त है. इससे पहले वो मालदा के किसी अन्य श्रोत के माध्यम से नकली नोटों की खेप लिया करता था.

मुनीश पर पहले से 4 आपरधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 3 नकली नोटों के सप्लाई के मामले हैं. 2015 में मुनीश को इसके साथी के साथ 52 हजार के नकली नोटों के साथ उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 2018 में क्राइम ब्रांच ने इसे और इसके साथी को 1 लाख 60 हजार के नकली नोटों के साथ पकड़ा था. वहीं, 2020 में कोटला मुबारकपुर थाने की पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर 62 हजार के नकली नोट बरामद किये थे. इसके अलावा ये एक्सटॉर्शन के मामले में भी शामिल रहा है.

पुलिस टीम दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर बॉर्डर पार से नकली नोटों की लगातार सप्लाई को देखते हुए आगे की जांच में जुट गई है. पुलिस उनसे पूछताछ कर उनके पीछे के लिंक का पता कर इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने में लग गयी है.

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों को सप्लाई करने वाले गैंग का खुलासा किया है. पुलिस ने इस गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में कामयाबी पाई है, जिनकी पहचान माबिया खातून और मुनीश अहमद के रूप में हुई है. ये वेस्ट बंगाल के मालदा और दिल्ली के खानपुर के रहने वाले हैं. इनके पास से 500 के डेनोमिनेशन में 1 लाख 97 हजार 500 रुपये के नकली नोट बरामद किए गए हैं. स्पेशल सेल पुलिस ने आनंद विहार स्टेशन से दोनों को रंगेहाथों उस वक़्त दबोचा, जब माबिया खातून, मुनीश को नकली नोटों के पैकेट दे रही थी.

डीसीपी पी.एस. कुशवाहा ने बताया कि स्पेशल सेल पुलिस के इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह को नकली नोटों की सप्लाई में लिप्त इंटरनेशनल सिंडिकेट के दो अहम सदस्यों के बारे में सूचना मिली थी, जो इंडो-बांग्लादेश बॉर्डर से नकली नोटों की खेप लाकर भारत में सप्लाई करते थे.

पुलिस को सूत्रों से सूचना मिली थी कि इस गैंग का सक्रिय सदस्य मुनीश अहमद नकली नोटों की कंसाईनमेन्ट को रिसीव करने के लिए आनंद विहार रेल्वे ओवर ब्रिज के नीचे आने वाला है. इस पर प्रतिक्रिया करते हुए एसीपी अतर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर कर्मवीर सिंह और जितेंद के नेतृत्व में टीम का गठन कर उनकी पकड़ के लिए लगाया गया.

पुलिस टीम ने सूत्रों से मिली सूचना के आधार पर आनंद विहार रेलवे ओवर ब्रिज के नीचे ट्रैप लगाया, जहां माबिया खातून पहुंची और मुनीश को एक पैकेट दिया, जिस पर पुलिस ने तुरंत ही उन्हें घेर कर दबोच लिया. तलाशी में मुनीश के पास से 1 लाख रुपये, जबकि माबिया खातून से 97 हजार 500 के नकली नोट बरामद किए गए. सभी नकली नोट 500 के डेनोमिनेशन में हैं और इतनी बेहतरीन गुणवत्ता वाले हैं कि नंगी आंखों से इसकी पहचान करना काफी मुश्किल है.

जाली नोटों के इंटरनेशनल रैकेट का दिल्ली में भांडाफोड़, बांग्लादेश के रास्ते भेजा जा रहा था भारत

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पूछताछ में खातून ने बताया कि वो मालदा, वेस्ट बंगाल से एक शख्स से नकली नोटों की खेप लेकर दिल्ली मुनीश को देने के लिए पहुंची थी. आगे उसने बताया कि पिछले 2 सालों में उसने नकली नोटों के 10 कंसाईनमेन्ट, जिसमें कुल 40 लाख रुपये थे, वो दिल्ली में डिलीवर कर चुकी है. वहीं, मुनीश ने बताया कि वो पिछले 5 सालों से दिल्ली-एनसीआर और यूपी के इलाकों में नकली नोटों की सप्लाई में लिप्त है. इससे पहले वो मालदा के किसी अन्य श्रोत के माध्यम से नकली नोटों की खेप लिया करता था.

मुनीश पर पहले से 4 आपरधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से 3 नकली नोटों के सप्लाई के मामले हैं. 2015 में मुनीश को इसके साथी के साथ 52 हजार के नकली नोटों के साथ उत्तरी दिल्ली के रोहिणी इलाके में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद 2018 में क्राइम ब्रांच ने इसे और इसके साथी को 1 लाख 60 हजार के नकली नोटों के साथ पकड़ा था. वहीं, 2020 में कोटला मुबारकपुर थाने की पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर 62 हजार के नकली नोट बरामद किये थे. इसके अलावा ये एक्सटॉर्शन के मामले में भी शामिल रहा है.

पुलिस टीम दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर बॉर्डर पार से नकली नोटों की लगातार सप्लाई को देखते हुए आगे की जांच में जुट गई है. पुलिस उनसे पूछताछ कर उनके पीछे के लिंक का पता कर इस पूरे सिंडिकेट का खुलासा करने में लग गयी है.

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