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19 दुधमुंहे बच्चों को बचाने वाले फायरकर्मी ने बताया घटनास्थल का मंजर, कहा-लोग खिड़की से कूदने को तैयार थे - फायरकर्मी ने बताया घटनास्थल का मंजर

राजधानी में गुरुवार देर रात एक हॉस्पिटल में आग लगने की घटना में फायरकर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए 19 दुधमुंहे बच्चों की जान बचाई. इन फायरकर्मियों में से एक ने साझा किया कि घटनास्थल का मंजर कितना भयावह था. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा.

fireman who rescued 19 babies
fireman who rescued 19 babies
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Published : Jun 9, 2023, 10:17 PM IST

Updated : Jun 10, 2023, 10:05 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के वैशाली इलाके में स्थित अस्पताल लगी आग में फायरकर्मियों ने 19 दुधमुंहे बच्चों की जान बचाकर उनके परिवारों की खुशियां को बरकरार रखा. लेकिन यदि वे केवल आग बुझाने पर ही फोकस करते तो बच्चों को बचाना मुश्किल था. लेकिन फायरकर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ऊपरी मंजिल पर खिड़की के शीशे को तुरंत तोड़कर ऊपर पहंचे और बच्चों को बचा लिया. अगर वे बगल वाले मकान से छोटा ब्रिज बनाकर बच्चों को वहां से तुरंत रेस्क्यू नहीं करते तो बड़ा हादसा हो सकता था.

इनमें से एक फायरकर्मी से ईटीवी भारत ने बातचीत कर वहां की स्थिति के बारे में बताने के साथ अपना अनुभव भी शेयर किया. द्वारका के स्टेशन ऑफिसर मुकुल भारद्वाज ने कहा कि जब हम लोग वहां पहुंचे तो पता चला कि आग अस्पताल के बेसमेंट में लगी है. ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बंद थी, लेकिन बेसमेंट में लगी आग से धुआं निकलकर फर्स्ट फ्लोर तक पहुंच रहा था. हॉस्पिटल की नर्सरी में 19 बच्चे फंस गए थे और यदि वे धुएं की चपेट में आ जाते तो उन्हें बचाना मुश्किल था. इससे स्टाफ भी काफी घबराया हुआ था, जिन्हें हमलोगों ने समझाकर नॉर्मल किया.

इसके बाद ऊपर खिड़की के शीशे को तोड़कर आधा दर्जन फायरकर्मियों की टीम पहुंची और बगल वाली गली में बने एक मकान के साथ ब्रिज बनाया. फिर दोनों तरफ फायरकर्मियों को तैनात कर एक-एक कर के बच्चों को दूसरी तरफ शिफ्ट किया गया. जब सारे बच्चे हॉस्पिटल की बिल्डिंग से दूसरे मकान में शिफ्ट कर गए तो कैट की एंबुलेंस को बुलाकर इन बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया.

वहीं, फायरकर्मी वीरेंद्र यादव ने बताया कि आग से धुआं ऊपर तक पहुंच गया था. अगर थोड़ी देर हो जाती तो लोग अपनी जान बचाने के लिए कूदने को तैयार थे. उन्होंने तो ऊपर का एक शीशा भी तोड़ दिया था. लेकिन हमलोगों ने पहुंचकर उन्हें हिम्मत दी और उनके साथ मिलकर बच्चों को रेस्क्यू करना शुरू किया.

यह भी पढ़ें-Delhi: हॉस्पिटल में लगी आग, 19 नवजात बच्चों को रेस्क्यू कर दूसरे हॉस्पिटल में किया गया शिफ्ट

फायर कंट्रोल रूम को घटना गुरुवार देर रात 1:35 बजे आग लगने की सूचना मिली थी. एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया था. चार मंजिला बिल्डिंग के बेसमेंट में हॉस्पिटल का सामान रखा हुआ था, जिसमें ऑफिस भी बना हुआ था. आग यहीं लगी थी. रेस्क्यू किए गए बच्चों में से 13 बच्चों को जनकपुरी के आर्या हॉस्पिटल में, दो बच्चों को द्वारका मोड़ के न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल में. दो बच्चों को जनकपुरी के जेके हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहीं तीन बच्चों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.

यह भी पढ़ें-गाजियाबादः कबाड़ के गोदाम में लगी भीषण आग, तीन मजदूर जख्मी

नई दिल्ली: दिल्ली के वैशाली इलाके में स्थित अस्पताल लगी आग में फायरकर्मियों ने 19 दुधमुंहे बच्चों की जान बचाकर उनके परिवारों की खुशियां को बरकरार रखा. लेकिन यदि वे केवल आग बुझाने पर ही फोकस करते तो बच्चों को बचाना मुश्किल था. लेकिन फायरकर्मियों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए ऊपरी मंजिल पर खिड़की के शीशे को तुरंत तोड़कर ऊपर पहंचे और बच्चों को बचा लिया. अगर वे बगल वाले मकान से छोटा ब्रिज बनाकर बच्चों को वहां से तुरंत रेस्क्यू नहीं करते तो बड़ा हादसा हो सकता था.

इनमें से एक फायरकर्मी से ईटीवी भारत ने बातचीत कर वहां की स्थिति के बारे में बताने के साथ अपना अनुभव भी शेयर किया. द्वारका के स्टेशन ऑफिसर मुकुल भारद्वाज ने कहा कि जब हम लोग वहां पहुंचे तो पता चला कि आग अस्पताल के बेसमेंट में लगी है. ग्राउंड फ्लोर पर दुकानें बंद थी, लेकिन बेसमेंट में लगी आग से धुआं निकलकर फर्स्ट फ्लोर तक पहुंच रहा था. हॉस्पिटल की नर्सरी में 19 बच्चे फंस गए थे और यदि वे धुएं की चपेट में आ जाते तो उन्हें बचाना मुश्किल था. इससे स्टाफ भी काफी घबराया हुआ था, जिन्हें हमलोगों ने समझाकर नॉर्मल किया.

इसके बाद ऊपर खिड़की के शीशे को तोड़कर आधा दर्जन फायरकर्मियों की टीम पहुंची और बगल वाली गली में बने एक मकान के साथ ब्रिज बनाया. फिर दोनों तरफ फायरकर्मियों को तैनात कर एक-एक कर के बच्चों को दूसरी तरफ शिफ्ट किया गया. जब सारे बच्चे हॉस्पिटल की बिल्डिंग से दूसरे मकान में शिफ्ट कर गए तो कैट की एंबुलेंस को बुलाकर इन बच्चों को अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया.

वहीं, फायरकर्मी वीरेंद्र यादव ने बताया कि आग से धुआं ऊपर तक पहुंच गया था. अगर थोड़ी देर हो जाती तो लोग अपनी जान बचाने के लिए कूदने को तैयार थे. उन्होंने तो ऊपर का एक शीशा भी तोड़ दिया था. लेकिन हमलोगों ने पहुंचकर उन्हें हिम्मत दी और उनके साथ मिलकर बच्चों को रेस्क्यू करना शुरू किया.

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फायर कंट्रोल रूम को घटना गुरुवार देर रात 1:35 बजे आग लगने की सूचना मिली थी. एक घंटे के भीतर आग पर काबू पा लिया गया था. चार मंजिला बिल्डिंग के बेसमेंट में हॉस्पिटल का सामान रखा हुआ था, जिसमें ऑफिस भी बना हुआ था. आग यहीं लगी थी. रेस्क्यू किए गए बच्चों में से 13 बच्चों को जनकपुरी के आर्या हॉस्पिटल में, दो बच्चों को द्वारका मोड़ के न्यू बॉर्न चाइल्ड हॉस्पिटल में. दो बच्चों को जनकपुरी के जेके हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. वहीं तीन बच्चों को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया. पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है.

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Last Updated : Jun 10, 2023, 10:05 AM IST
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