नई दिल्लीः देश मे कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद कहा जा रहा है कि तीसरी लहर आ सकती है. इसका सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ेगा. दिल्ली छावनी में सामान्य हॉस्पिटल के बाल चिकित्सक डॉक्टर पीसी जैन का कहना है कि दिल्ली में अभी तक बच्चों में कोरोना वायरस घातक लक्षण नहीं मिले हैं. तीसरी लहर से बच्चों को बचाना बहुत जरूरी है. ऐसे में मां को शिशुओं को दूध पिलाना चाहिए. यह कोरोना वायरस के संक्रमण से नवजात शिशुओं को लड़ने की ताकत देता है.
डॉक्टर पीसी जैन ने बताया कि माता-पिता या परिवार का कोई सदस्य कोरोना वायरस बीमारी से पीड़ित है, तो बच्चों को पास हटा देना चाहिए. बच्चों का भी कोरोना टेस्ट कराना चाहिए. कोरोना वायरस की तीसरी लहर अभी भारत नहीं आई है, लेकिन 7 से 16 उम्र के बच्चों को अभी से ही खतरनाक जानलेवा बीमारी से बचाने की जरूरत है. इसके लिये कोविड-19 नियम का पालन करते रहना है.
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मां के दूध में नहीं मिला अभी तक कोरोना
डॉक्टर पीसी जैन का कहना है बच्चों को मां का दूध कोरोना से लड़ने की ताकत है. बच्चे की मां कोरोना वायरस से पीड़ित है, तो मास्क लगाकर और हाथों की सफाई करते हुऐ बच्चे को दूध पिला सकती है. अभी तक मां के दूध में कोरोना वायरस के लक्षण नही मिले हैं.