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IGI पर कॉन्टेक्ट लेस ई-बौर्डिंग पास स्कैनिंग की शुरुआत, डायल ने लगाये फ्लैप गेट - Indira Gandhi International Airport

इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अब मेट्रो स्टेशन की तरह की डायल (Delhi International Airport Limited) ने फ्लैप गेट लगवाने के बाद कॉन्टैक्ट लेस ई-बोर्डिंग पास स्कैनिंग की शुरुआत हो गई है.

IGI Flap Gate
आईजीआई पर कॉन्टैक्ट लेस ई बोर्डिंग पास स्कैनिंग शुरू
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Published : Dec 15, 2021, 9:30 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर कॉन्टेक्ट लैस ई-बोर्डिंग पास स्कैनिंग (Contactless e-boarding pass scanning) की शुरुआत मेट्रो स्टेशन की तरह फ्लैप गेट (Flap Gate) लगाकर किया गया है. इन गेट से बोर्डिंग पास स्कैन करने के बाद ही यात्री टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर सीआईएसएफ (Central Industrial Security Force) चेकप्वाइंट पर जांच के लिए जा रहे हैं.

डायल (Delhi International Airport Limited) के अनुसार टर्मिनल टू और टर्मिनल थ्री पर फ्लैप गेट के अलावा ई-क्योस्क भी लगाए जा रहे हैं. जिससे यात्रियों के बोर्डिंग पास को स्कैन करने में कोई देरी न हो. जल्द ही यह सिस्टम टर्मिनल वन पर भी काम करना शुरू कर देगा.

ये भी पढ़ें: अब अलग वैन से कोर्ट में पेशी के लिए जाएगा दिल्ली हिंसा का आरोपी ताहिर हुसैन, कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिया आदेश

डायल का कहना है कि इनके लगने से बोर्डिंग पास स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी. इससे यात्रियों के बोर्डिंग पास की जांच में देरी नहीं होगी. हालांकि बैकअप के तौर पर मैनुअल इंतजाम भी रखा जाएगा. आमतौर पर अब बोर्डिंग पास स्कैनिंग के लिए फ्लैप गेट और ई-क्योस्क से ही इंट्री दी जाएगी. यहां यात्री की तमाम डिटेल जांच होने के बाद फ्लैप गेट यात्री को हवाई जहाज में बैठने के लिए ग्रीन सिग्नल देगा.

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) पर कॉन्टेक्ट लैस ई-बोर्डिंग पास स्कैनिंग (Contactless e-boarding pass scanning) की शुरुआत मेट्रो स्टेशन की तरह फ्लैप गेट (Flap Gate) लगाकर किया गया है. इन गेट से बोर्डिंग पास स्कैन करने के बाद ही यात्री टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर सीआईएसएफ (Central Industrial Security Force) चेकप्वाइंट पर जांच के लिए जा रहे हैं.

डायल (Delhi International Airport Limited) के अनुसार टर्मिनल टू और टर्मिनल थ्री पर फ्लैप गेट के अलावा ई-क्योस्क भी लगाए जा रहे हैं. जिससे यात्रियों के बोर्डिंग पास को स्कैन करने में कोई देरी न हो. जल्द ही यह सिस्टम टर्मिनल वन पर भी काम करना शुरू कर देगा.

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डायल का कहना है कि इनके लगने से बोर्डिंग पास स्कैनिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी. इससे यात्रियों के बोर्डिंग पास की जांच में देरी नहीं होगी. हालांकि बैकअप के तौर पर मैनुअल इंतजाम भी रखा जाएगा. आमतौर पर अब बोर्डिंग पास स्कैनिंग के लिए फ्लैप गेट और ई-क्योस्क से ही इंट्री दी जाएगी. यहां यात्री की तमाम डिटेल जांच होने के बाद फ्लैप गेट यात्री को हवाई जहाज में बैठने के लिए ग्रीन सिग्नल देगा.

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