नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पहले चीन के 59 ऐप बैन किए थे और अब 118 नए ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिसमें सबसे प्रमुख पब्जी गेम है जो छोटे से लेकर बड़े सभी की पसंदीदा गेम थी.
पबजी बैन पर खुश है पेरेंट्स
बता दें कि 16 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश का माहौल बना हुआ है. इसी के साथ केंद्र सरकार भी चीन को लगातार झटके देती नजर आ रही है. बुधवार को पॉपुलर मोबाइल गेमिंग एप पबजी पर बैन लगा दिया गया है. इस बैन के बाद जहां एक तरफ गेमर और बच्चे परेशान दिखाई दे रहे हैं.
वहीं बच्चों के मां-बाप काफी खुश नजर आ रहे हैं. पबजी बैन होने के बाद पैरंट्स और बच्चों का क्या कहना है ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने बच्चों के पिता और बच्चे से की बात.
पबजी बैन होने से मां-बाप ने ली राहत की सांस
नांगलोई के मोहम्मद अफजल ने बताया कि पबजी बंद होने के बाद अब बच्चे मां-बाप की सुन सकेंगे और अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान दे सकेंगे. वरना इससे पहले बच्चे मां बाप की बातों को भी अनसुना कर सुबह- शाम पबजी खेलने में व्यस्त रहते थे. वहीं लॉकडाउन के बाद से उनका दिन भर का यही रूटीन बन गया था. जिसकी वजह से वो लोग रात में देर से सोते थे और सुबह देर से ही उठते थे. लेकिन अब इसके बंद होने से मां बाप राहत की सांस ले रहे हैं.
बच्चों के लिए नशे की तरह बन गया था पबजी
वहीं मोहम्मद तसलीम का कहना है कि पबजी ऐप को बैन करना ये सरकार का बहुत अच्छा निर्णय है, क्योंकि इस गेम के चक्कर से बच्चे अपनी पढ़ाई से दूर हो रहे थे. उनका कहना है कि ये गेम तब तक सही था. जब तक ये बच्चों के लिए सिर्फ मनोरंजन का साधन था. अब ये बच्चों के लिए एक नशे की तरह हो गया था. इसलिए इसको बैन करना सरकार का एक अच्छा कदम है.
पबजी खेल कर उतारते से सारी फ्रस्ट्रेशन
वहीं आरिश पबजी बैन होने पर दुख जताते हुए बताया कि हमारी सारी फ्रस्ट्रेशन इस गेम के जरिए उतर जाती थी. लेकिन अब सरकार ने उसे भी बैन कर दिया. जिसकी वजह से से पढ़ाई से बोर होने के बाद दूसरे किसी चीज में अपना मन नहीं लगा पाएंगे.
अब पैरेंट्स करेंगे चिकन डिनर
इस गेम के बैन होने के बाद जहां एक तरफ पेरेंट्स खुश है. वहीं दूसरी तरफ बच्चे काफी मायूस दिख रहे हैं. ऐसे में पैरेंट्स का कहना है कि जैसे गेम जीतने के बाद प्लेयर चिकन डिनर करते थे. वैसे पबजी बैन होने के बाद अब हम भी चिकन डिनर करेंगे.
जनता ने सरकार की घोषणा का किया समर्थन
लोगों ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि इस गेम के कारण बच्चे पढ़ाई लिखाई से काफी दूर हो गए थे और घर के काम में भी उनका बिल्कुल ध्यान नहीं था. दिन-रात इस गेम को खेलने से बच्चों के स्वास्थ्य में काफी असर पड़ रहा था. इस गेम का मानसिक तौर पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा था. सरकार के इस फैसले के बाद कहीं ना कहीं बच्चे अपनी पढ़ाई लिखाई अच्छे से कर पाएंगे और उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा.