नई दिल्ली: डीडीए की आवासीय योजना को शुरु हुए 25 दिन बीत चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग फ्लैट खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. डीडीए अब अपने फ्लैट बेचने के लिए ट्वीटर का सहारा ले रही है.
12 हजार लोगों ने किया आवेदन
ट्वीटर के जरिये वह लोगों को आवासीय योजना से संबंधित जानकरी दे रही है. डीडीए ने इस बार की आवासीय योजना में 18 हजार फ्लैट निकाले हैं, जो नरेला और वसंत कुंज में बनाये गए हैं, लेकिन अभी तक केवल 12 हजार लोगों ने ही फ्लैट के लिए आवेदन किया है.
डीडीए सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2017 की आवासीय योजना की तरह 2019 की आवासीय योजना भी फ्लॉप होती दिख रही है. वर्ष 2017 की आवासीय योजना के लिए डीडीए ने शुरु में पांच लाख फॉर्म छपवाए थे, लेकिन 50 हजार लोगों ने भी इन फ्लैटों के लिए आवेदन नहीं किया था.
वर्ष 2014 की आवासीय योजना में दस लाख लोगों ने डीडीए फ्लैट के लिए आवेदन किया था. इसके बाद से लोग डीडीए फ्लैटों में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. वर्ष 2019 की आवासीय योजना में भी ऐसा ही दिख रहा है.
ट्वीटर से दी जा रही जानकारी
अपनी आवासीय योजना को लेकर डीडीए पहले ही विज्ञापन दे चुका है, लेकिन 25 मार्च को शुरु हुई इस आवासीय योजना को लेकर लोगों में कोई उत्साह नहीं दिख रहा है. इसके चलते अब ट्वीटर का इस्तेमाल कर भी लोगों को फ्लैट के प्रति आकर्षित करने की कोशिश में डीडीए जुटा हुआ है.
डीडीए आये दिन आवासीय योजना को लेकर ट्वीट कर रहा है. लोगों को नरेला के डीडीए फ्लैट दिखाने के लिए डीडीए ने शटल बस सेवा का भी इंतजाम किया है. जहांगीर पुरी मेट्रो स्टेशन से लोगों को यह बस फ्लैट दिखाने ले जाती है और बाद में वापस वहां छोड़ती है.
इसलिए नहीं भा रहे लोगों को फ्लैट
डीडीए की इस बार की आवासीय योजना में दो जगहों पर फ्लैट निकाले गए हैं.18 हजार फ्लैटों में से16 हजार नरेला में जबकि दो हजार फ्लैट वसंत कुंज में निकाले गए हैं. नरेला में फ्लैट ऐसी जगह पर हैं, जहां की लोकेशन लोगों को पसंद नहीं आ रही है.
वहीं वसंत कुंज की प्राइम लोकेशन होने के चलते यहां के फ्लैट लोगों की पहुंच से बाहर है. यहां पर एलआइजी फ्लैट की कीमत 48 से 52 लाख जबकि एमआईजी की कीमत 90 लाख से 1.25 करोड़ रुपए तक रखी गई है. वहीं एचआईजी फ्लैट की कीमत 1.25 करोड़ से 1.70 करोड़ तक है. इसलिए लोग यहां के फ्लैटों के लिए बेहद कम आवेदन कर रहे हैं.