नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली के उद्योग नगर के जूता फैक्ट्री के गोदाम में आग लगने की वजह से, वहां काम करने वाले 6 लोगों की मौत हो गयी थी. गोदाम की फॉरेंसिक जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में अब गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. गौरतलब है कि गोदाम में 21 जून को आग लग गयी थी, जिसमें फंसकर 6 मजदूरों की मौत हो गयी थी.
आग लगने के बाद अवशेषों को ढूंढ़ने में एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त लग गया था. आग लगने के बाद अंदर ही फंसे रहे जिन छह मजदूरों की जलकर मौत हो गई थी, उनकी पहचान शमशाद, सोनू विक्रम, अभिषेक, अजय और धीरज के रूप में हुई थी.
गोदाम में करीब एक हफ्ते तक चले ऑपरेशन के दौरान मृतकों के शरीर के अवशेष बरामद होने और अन्य फॉरेंसिक सबूतों को इकट्ठा करने के बाद, जब यह सुनिश्चित हो गया कि अंदर फंसे मजदूरों के बचकर बाहर निकलने के लिए वहां कोई सुरक्षित पासेज नहीं था, तो इसे देखते हुए पुलिस ने अब केस में गैर इरादतन हत्या की धारा भी जोड़ दी है.
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हालांकि इस मामले का मुख्य आरोपी और गोदाम का मालिक पंकज गर्ग अभी तक फरार है, जो पीतमपुरा के राजधानी एन्क्लेव का रहने वाला है, लेकिन पुलिस ने अब इस केस में उसकी पत्नी सुरभि को भी गिरफ्तार कर लिया है.
आउटर डिस्ट्रिक्ट डीसीपी परविंदर सिंह के मुताबिक मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि सुरभि ना केवल पंकज की बिजनेस पार्टनर है, बल्कि गोदाम की इमारत की ऑनरशिप में भी उसकी हिस्सेदारी है. इसी को देखते हुए उसे भी गिरफ्तार किया गया है. वहीं पंकज की तलाश में पुलिस अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर रही है.
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पुलिस ने बताया कि गोदाम के अंदर फॉरेंसिक जांच का काम पूरा हो चुका है, क्योंकि घटना के बाद गोदाम की इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी थी और एमसीडी ने उसे खतरनाक घोषित कर दिया था. ऐसे में अब उसे गिराने का काम शुरू किया जा चुका है.
पुलिस ने कहा कि जहां तक मृतकों की पहचान का सवाल है, तो इसके लिए रोहिणी स्थित फॉरेंसिक लैब में उनके परिजनों के लिए डीएनए सैंपल लिए गए हैं. अब गोदाम के अंदर से मिले अवशेषों के डीएनए और परिजनों के डीएनए से मिलान करके यह पता लगाया जाएगा कि कौन से अवशेष किसके हैं. उसके बाद अवशेषों को परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा.