नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच की टीम ने ड्रग तस्करी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए 50 हजार के इनामी ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है. इसकी पहचान मनीष के रूप में हुई है. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि दसवीं तक पढ़ाई कर चुका यह आरोपी पहले सरिता विहार इलाके में लेबर के रूप में काम करता था, लेकिन उसी दौरान इसका संपर्क गांजा की सप्लाई करने वाली एक शीला नाम की महिला से हो गया. इसके बाद यह ड्रग तस्करी के धंधे में शामिल हो गया.
यह पहले से दिल्ली के कालिंदी कुंज और हरियाणा के फरीदाबाद में ड्रग तस्करी के मामले में शामिल रहा है. दोनों जगह पर मनीष के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. कालिंदी कुंज मामले में इसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार का इनाम था. डीसीपी विचित्र वीर की देखरेख में एक टीम इसके बारे में लगातार पता कर रही थी. इसी दौरान पुलिस टीम को जानकारी मिली कि यह सरिता विहार के अली गांव में छुपा हुआ है. पुलिस टीम ने वहां पर छापा मारा और इसे धर दबोचा. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने एक और साथी प्रिंस के साथ फरीदाबाद में गिरफ्तार हुआ था, तब इनके पास से 22 किलो गांजा बरामद किया गया था. वहां से बेल मिलने के बाद जब यह बाहर आया तो दिल्ली एनसीआर में फिर गांजा सप्लाई करने लगा.
ड्रग्स की पूर्ति के लिए ऑटोलिफ्टिंग करने वाले दो बदमाश गिरफ्तार
एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड द्वारका की पुलिस टीम ने ऑटो लिफ्टिंग की वारदात को अंजाम देने वाले दो ऑटो लिफ्टर को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही पुलिस ने पांच स्कूटी और मोटरसाइकिल को बरामद किया है. आरोपियों की पहचान विशाल और आदर्श के रूप में हुई है. यह दोनों इंद्रपुरी इलाके के रहने वाले हैं. इनकी गिरफ्तारी से उत्तम नगर, डाबड़ी और रनहोला थाना के 5 मामलों का खुलासा करने का पुलिस ने दावा किया है.
डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन ने बताया कि विशाल पहले से 2 मामलों में शामिल रहा है. यह लोग ड्रग्स की पूर्ति करने के लिए स्कूटी और मोटरसाइकिल को चोरी करते थे, फिर उसे पार्ट-पार्ट में बेचकर उसके पैसे से ड्रग्स खरीदे थे.
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