नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक्स ऑफेंस विंग (ECONOMIC OFFENCE WING, DELHI POLICE) की टीम ने एक शातिर कैमिकल इंजीनियर को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को डिफेंस सेक्टर का कंसलटेंट बताकर 31 लोगों को चिटिंग का शिकार बनाया था. उसने लोगों को सीएसडी कैंटीन में सप्लाई का टेंडर दिलाने के नाम उनसे करीब चार करोड़ रुपये ठग लिए थे. आरोपी की पहचान वेंकट कृष्णा मूर्ति (58) के रूप में हुई है. जिसने हैदराबाद की एक नामी यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है.
EOW की ज्वाइंट सीपी छाया शर्मा ने बताया कि ठगी के शिकार भूषण ओहरी और अन्य 20 पीड़ित लोगों ने शिकायत दर्ज करायी थी. उन्होंने शिकायत में बताया था कि आरोपी ने 'मेक इन इंडिया स्कीम' के तहत उन्हें देशभर के रक्षा प्रतिष्ठानों से रजिस्ट्रर्ड करवाने का आश्वासन दिया था. बताया था कि इससे उन्हें बड़े-बड़े ऑर्डर मिलेंगे. उसने खुद को डिफेंस सेक्टर का कंसलटेंट बताया था. लोगों को डिफेंस, सीएसडी कैंटीन, इंटरनेशनल एजेंसी जैसी जगहों पर टेंडर, बिड आदि आसानी से दिलवा देने का विश्वास दिलवाया था. इसके बदले उसने कंसलटेंसी फीस के तौर पर लोगों से मोटी रकम वसूल ली. उसने टेंडर या ऑर्डर नहीं मिलने की स्थिति में छह माह के भीतर वसूली गई कंसलटेंसी फीस लौटाने का भी भरोसा दिया था. इस मामले में हुई शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.
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पुलिस ने तफ्तीश के दौरान पीड़ित लोगों के बैंक अकाउंट चैक किए. जिसके बाद आरोपी के बैंक अकाउंट और कंपनी की पहचान की गई, जिसमें रुपये भेजे गए थे. पुलिस को पता चला आरोपी ने कई सेल्स एग्जीक्यूटिव अपनी फर्म में हायर कर रखे थे. पुलिस ने आरोपी को नोटिस भेजा लेकिन उसने इंवेस्टीगेशन को ज्वाइन नहीं किया. आरोपी के सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि मुंबई, महाराष्ट्र सहित कई राज्य में ऑफिस थे. पुलिस को अभी तक की जांच में 31 पीड़ित लोगों का पता लगा, जिनसे तीन करोड़ 88 लाख 17 हजार रुपये की चीटिंग की गई थी.
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वहीं पुलिस से बचने के लिए आरोपी लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था. आखिरकार, तमाम कोशिशों के बाद उसे उत्तराखंड के देहरादून से पकड़ लिया गया. पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है.
आरोपी खुद को डीआरडीओ का एमपैनलल्ड वेंडर बता पीड़ितों को झांसे में लेता था. पीड़ितों को देशभर की सीएसडी कैंटीन में विभिन्न उत्पादों की सप्लाई के टेंडर देने का झांसा देता था. आरोपी मूलरुप से देहरादून उतराखंड का रहने वाला है. वह खुद को लोगों के सामने आईआईटीयन बता डीआरडीओ में सीनियर अफसरों से अच्छे लिंक होने का दावा करता था.
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