नई दिल्ली: एक तरफ जहां इस कोरोना महामारी की वजह से लगातार लोग मर रहे हैं और मरीजों के परिजन उन्हें बचाने की कोशिश में पैसों को पानी की तरह बहा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कुछ लोग इसे उनकी मजबूरियों का फायदा उठा कर पैसे बनाने के मौके के रूप में देख रहे हैं. रोहिणी डिस्ट्रिक्ट के स्पेशल स्टाफ ने एक ऐसे ही गैंग का खुलासा किया है, जो लोगों को आईसीयू में बेड दिलाने के नाम पर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे.
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5 दिनों में 11 लोगों को बनाया शिकार
स्पेशल स्टाफ पुलिस ने कोविड पेशेंट के परिजनों से आईसीयू में बेड दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने 5 दिनों के अंदर ही 11 लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. आरोपी की पहचान इमरान अहमद के रूप में हुई है जो करोल बाग का रहने वाला है.
आरोपी फोन पर ही लोगों से डील कर पैसे मंगाता था अकाउंट में
पुलिस को शिकायत मिली कि पीड़ित ने अपने कोरोना पेशेंट को आईसीयू में बेड दिलाने के लिए व्हाट्सएप से मिले एक नंबर से बात कर बेड दिलाने की डील फाइनल होने के बाद 10 हजार रुपये उसके एकाउंट में ट्रांसफर किये. पैसे ट्रांसफर हो जाने के बाद आरोपी ने उसका फोन लेना बंद कर दिया.
5 दिनों में 11 लोगों से 1 लाख 30 हजार की ठगी
आरोपी ने जरूरतमंद लोगों को शिकार बनाने की नीयत से व्हाट्सएप मेसेज और उसमें नम्बर फैला रखा था जिससे वो सामने आए बिना ही लोगों से पैसे ऐंठ सके. इस मामले में अब तक 11 लोगों से 1 लाख 30 हजार रुपयों की ठगी का खुलासा हुआ है. आरोपी डील फाइनल कर आफी पैसे एकाउन्ट में मंगवा कर लोगों के फोन लेना बंद कर देता था.
लोकल इंटेलिजेंस और टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से ट्रैप लगा कर पकड़ा
पुलिस ने उसी नम्बर और बैंक एकाउंट को सर्विलांस पर लगा कर आरोपी को दबोच लिया है. पुलिस इस मामले में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की जांच में जुट गई है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसने अब तक कितने लोगों से ठगी की है और कौन- कौन उसके साथ जुड़े हुए हैं.