नई दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और जेल में बंद सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद अब 2 नए मंत्रियों के नाम की चर्चा जोरों पर है. उसमें एक नाम विधायक अतिशी मर्लोना का है, लेकिन आतिशी के नाम पर अभी से बीजेपी ने ऐतराज जताया है. दिल्ली प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किए जाने को लेकर अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है.
पत्र में उन्होंने आपत्ति जताई है और लिखा है कि जिसकी पृष्ठभूमि संदेहास्पद हो उसको मंत्रिमंडल में शामिल करना दिल्ली की जनता के साथ धोखा होगा. कपूर ने अपने पत्र में लिखा कि आतिशी एक कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़ी है और उनका परिवार भी इसी बैकग्राउंड से है. इसका बढ़िया उदाहरण उनके उपनाम में "मार" शब्द मार्क्सवाद से आता है और "लेना" लेनिन वाद से आता है. अक्सर आतिशी के कुछ बयान जो मार्क्सवाद या नक्सलवाद से प्रभावित दिखते हैं. उसे देश ने ना सिर्फ सुना है बल्कि देखा भी है.
उन्होंने पत्र में लिखा है कि आतिशी के माता-पिता कम्युनिस्ट आंदोलन से जुड़े हैं. उन्होंने 2001 के संसद हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की रिहाई के लिए अभियान चलाया था. अफजल गुरु की रिहाई या माफी की मांग संसद हमले में हुए शहीदों की शहादत का अपमान है. बीजेपी प्रवक्ता ने लिखा है कि मंत्रिमंडल में किसी नए विधायक को शामिल करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है, लेकिन जनता का भी अधिकार है जो व्यक्ति मंत्री बने वह देश के शहीदों की शहादत का अपमान ना करें और आतंकी गतिविधियों का पक्षधर ना हो.
उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शहीदों की शहादत का सम्मान करते हुए अफजल गुरु की रिहाई की मुहिम चलाने वाले परिवार से आने वाली विधायक आतिशी मर्लोना को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करेंगे और ऐसा करके वे विवादों से भी बचे रहेंगे.
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