नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के द्वारा देश में सबसे बड़े एक्सप्रेस-वे का निर्माण दिल्ली-मुंबई के बीच कराया जा रहा है. लंबे इंतजार के बाद पहले फेस का (हरियाणा के सोहना से राजस्थान के दौसा तक का) उद्घाटन 12 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. बता दें कि इस एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसके पहले चरण के तहत 228 किलोमीटर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
1386 किलोमीटर का है एक्सप्रेस वे : बता दें यह एक्सप्रेस वे 1386 किलोमीटर का है, जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के बीच बनाया जा रहा है. जिसे बनाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपये (लगभग) की लागत आई है. यह एक्सप्रेस-वे कालिंदी कुंज, बदरपुर, जैतपुर, मीठापुर होकर आगे हरियाणा में प्रवेश करेगा. इसके निर्माण के बाद दिल्ली-मुंबई के बीच यात्रा 24 घंटे की जगह महज 12 घंटे में तय की जा सकेगी. इस एक्सप्रेस-वे के तहत देश की राजधानी और वित्तीय राजधानी को आपस में जोड़ने की योजना है. साथ ही इस एक्सप्रेस-वे के तहत देश के 6 प्रमुख राज्यों के प्रमुख शहरों को भी आपस में जोड़ा जा रहा है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. वहीं,इस एक्सप्रेस वे के बनने के बाद राष्ट्रीय राजधानी से मुंबई की यातायात सुगम होगी. इसके साथ राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के प्रमुख शहरों से भी दिल्ली की दूरी काफी कम हो जाएगी. जिसके तहत राजधानी के सरिता विहार, शाहीन बाग, मदनपुर खादर, कालिंदी कुंज, जैतपुर, मीठापुर, मोलरबंद और बदरपुर क्षेत्रों के लाखों लोग सीधे इस एक्सप्रेस वे मार्ग से जुड़ जाएंगे.
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दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे बनाने की आधारशिला 2019 लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मीठापुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रखी थी. गौरतलब है कि इस एक्सप्रेस वे के कई फेस का निर्माण कार्य पूरा हो गया है या फिर पूरा होने वाला है. इस संपूर्ण एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को लेकर अनुमान है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूरा कर लिया जाएगा.
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