नई दिल्ली: दिल्ली के बदरपुर में लाखों की आबादी के एकलौते श्मशान भूमि की स्थिति (Shabby condition of cremation ground) बदहाल अवस्था में है. यहाँ के पुजारी का कहना है कि अगर इसको ठीक नहीं किया गया तो गाजियाबाद जैसा हादसा यहां भी हो सकता है. दिल्ली में विकास को लेकर सरकार द्वारा कई दावे किये जाते हैं लेकिन इनका जमीनी स्तर पर हाल कुछ और ही दिखता है.
दिल्ली के बदरपुर इलाके के मोलरबंद में स्थित श्मशान भूमि बदहाल अवस्था में है. इस श्मशान भूमि में बीते कई सालों में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. यहां के पुजारी नरेश शर्मा ने बताया कि इस शमशान भूमि की स्थिति बहुत ही नाजुक है. चिता रखने वाले चबूतरे खराब हो गए हैं, वही लिंटर भी गिरने लगे हैं. कई बार अंतिम क्रिया कर्म के दौरान भी लिंटर गिरा है जिसके कारण हादसे होते होते बचे हैं.
यहां का लकड़ी घर भी बदहाल है और यह बरसात में चूता है जिस कारण सुखी लकड़ियां भींग जाती हैं. इसके अलावा हमारे रहने वाले जो बरामदे हैं वह भी बरसात में टपकता हैं जिसके कारण हमें काफी समस्या होती है. हमारी प्रशासन से मांग हैं कि यह समाज का जगह है इसीलिए इस पर ध्यान देना चाहिए और यहां पर जो भी समस्याएं है उसका जल्द से जल्द समाधान किया जाए.
यहां के स्थानीय रितेश शर्मा ने बताया कि यह शमशान भूमि काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि बदरपुर विधानसभा क्षेत्र के मोलरबंद, मीठापुर, जैतपुर, हरी नगर वार्ड के साथ ही यहाँ के सीमावर्ती हरियाणा के लोग भी अंतिम क्रिया कर्म के लिए यहां आते हैं. लेकिन श्मशान भूमि में विकास का कार्य जितना होना चाहिए उतना नहीं हुआ है.
ये भी पढ़ें: क्रिप्टो करेंसी को दोगुना करने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का एक सदस्य गिरफ्तार
स्थानीय समाजसेवी सरजीत चौकन ने बताया कि बदरपुर में जनप्रतिनिधियों ने दूसरा शमशान भूमि बनाने का वादा किया था. दूसरा तो बन नहीं सकी और जो एकलौता शमशान भूमि है उसका भी हाल बदहाल है.
बता दें दिल्ली से सटे गाजियाबाद में जनवरी 2021 में श्मशान भूमि में बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 23 लोगों की जान गई थी और 20 के करीब लोग घायल हुए थे. यह हादसा श्मशान भूमि की छत ढहने से हुआ था, जिसकी चपेट में अंतिम संस्कार के लिए आए लोग हुए थे.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप