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मकर संक्रांति पर स्नान का महत्व, यमुना में दिखा झाग ही झाग - Makar Sankranti 2024

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति पर दिल्ली की यमुना नदी बदहाल दिखी. कालिंदी कुंज यमुना घाट पर यमुना में काफी झाग दिखा.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 15, 2024, 3:45 PM IST

यमुना में दिखी झाग ही झाग

नई दिल्ली: मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. श्रद्धालुजनों ने नदी में स्नान कर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. इसके बाद तिल से तैयार मिठाई गजक फल और पैसे दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया. घरों में व मंदिरों में पूजा अर्चना की गई. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. श्रद्धालु नदी में स्नान करने पहुंचते हैं, लेकिन दिल्ली की यमुना नदी बदहाल दिखी. कालिंदी कुंज यमुना घाट पर यमुना में काफी झाग दिखा.

प्रदूषण के कारण झाग को दूर से देखने पर यह बर्फ जैसी दिखई दी. कई बार झाग इतने ज्यादा हो जाते हैं कि पानी दिखना ही बंद हो जाता है. यह पानी इंसान तो क्या पशु पक्षियों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. ऐसे में इस पानी में डुबकी लगाना या इसके पास भी जाना खतरनाक हो सकता है. मकर संक्रांति पर यहां स्नान करने के लिए कोई श्रद्धालु नहीं पहुंचे.

यमुना की बेहतरी और उत्थान को लेकर जहां सरकारी स्तर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं सामाजिक स्तर पर अलग-अलग संस्था द्वारा सफाई को लेकर मुहिम चलाई जा रही है. बावजूद दिल्ली की यमुना लंबे समय से बदहाल है. बता दें, राजधानी दिल्ली में यमुना वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज के बीच करीब 22 किलोमीटर तक बहती है. इस क्षेत्र में यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित होती हैं और यहीं पर यमुना सबसे बदहाल नजर आती हैं. कालिंदी कुंज में दिल्ली में यमुना का आखरी छोर होता है. यहीं से कुछ आगे यमुना हरियाणा के तरफ बढ़ जाती है.

यमुना में दिखी झाग ही झाग

नई दिल्ली: मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश में श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. श्रद्धालुजनों ने नदी में स्नान कर भगवान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. इसके बाद तिल से तैयार मिठाई गजक फल और पैसे दान कर पुण्य लाभ अर्जित किया. घरों में व मंदिरों में पूजा अर्चना की गई. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है. श्रद्धालु नदी में स्नान करने पहुंचते हैं, लेकिन दिल्ली की यमुना नदी बदहाल दिखी. कालिंदी कुंज यमुना घाट पर यमुना में काफी झाग दिखा.

प्रदूषण के कारण झाग को दूर से देखने पर यह बर्फ जैसी दिखई दी. कई बार झाग इतने ज्यादा हो जाते हैं कि पानी दिखना ही बंद हो जाता है. यह पानी इंसान तो क्या पशु पक्षियों के स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है. ऐसे में इस पानी में डुबकी लगाना या इसके पास भी जाना खतरनाक हो सकता है. मकर संक्रांति पर यहां स्नान करने के लिए कोई श्रद्धालु नहीं पहुंचे.

यमुना की बेहतरी और उत्थान को लेकर जहां सरकारी स्तर पर कई कदम उठाए जा रहे हैं. वहीं सामाजिक स्तर पर अलग-अलग संस्था द्वारा सफाई को लेकर मुहिम चलाई जा रही है. बावजूद दिल्ली की यमुना लंबे समय से बदहाल है. बता दें, राजधानी दिल्ली में यमुना वजीराबाद से लेकर कालिंदी कुंज के बीच करीब 22 किलोमीटर तक बहती है. इस क्षेत्र में यमुना सबसे ज्यादा प्रदूषित होती हैं और यहीं पर यमुना सबसे बदहाल नजर आती हैं. कालिंदी कुंज में दिल्ली में यमुना का आखरी छोर होता है. यहीं से कुछ आगे यमुना हरियाणा के तरफ बढ़ जाती है.

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