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Father's day special : पिता को सड़कों पर छोड़ गए बेटे, वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर

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Published : Jun 20, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Jun 20, 2021, 5:12 PM IST

फादर्स डे (Father's Day Special) के मौके पर बहुत से पिता ऐसे हैं, जिनके बच्चों ने उनको घर की चौखट से बाहर कर दिया है और वह वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बदरपुर के वृद्धाश्रम से ग्राउंड रिपोर्ट की और उनका हाल जाना.

Fathers day special
फादर्स डे स्पेशल

नई दिल्ली: आज फादर्स डे है. इस मौके पर लोग फादर्स डे (Father's day special) को सेलिब्रेट कर रहे हैं और लोग अपने पिता को बधाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर बढ़िया-बढ़िया मैसेज पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन फादर्स डे की इस मौके पर बहुत से पिता ऐसे भी हैं, जिनके बच्चों ने उनको घर की चौखट से बाहर कर दिया है और वह वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बदरपुर के वृद्धाश्रम से ग्राउंड रिपोर्ट की और उनका हाल जाना.

सड़कों पर छोड़ गए परिजन

बदरपुर के गौतमपुरी स्थित गुरु विश्राम वृद्धाश्रम के केयरटेकर ने बताया कि उनके आश्रम में रहने वाले अधिकतर बुजुर्गों को वे रोड से उठाकर लाए हैं. इसका मतलब ये हुआ कि इनके परिजनों और बच्चों ने इन्हें रोड पर ही छोड़ दिया था. इनमें से अधिकतर लोगों को यह भी नहीं पता होता कि वे कौन हैं, कैसे हैं. केयरटेकर ने बताया कि गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. यहां उनके खाने से लेकर इलाज तक की पूरी व्यवस्था है.

ये भी पढ़ें- मिलिए उस शख्स से जो पिता के फर्ज के साथ बच्चों को दे रहा मां का प्यार...

सभी एक दिन बूढ़े होंगे

वृद्धाश्रम की नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि फादर्स डे के मौके पर हम यही कहना चाहते हैं कि बच्चों को अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए क्योंकि सभी एक दिन बूढ़े होंगे और उनकी भी यह स्थिति आ सकती है. यहां के डॉक्टर ने बताया कि जिस व्यक्ति के पास अपने माता-पिता के लिए जगह नहीं है. वह दुनिया का सबसे गरीब व्यक्ति है. हम यहां इन बुजुर्गों की सेवा उनके बच्चों से अधिक करते हैं.

ये भी पढ़ें- फादर्स डे पर बच्ची कर रही पिता को याद, कोरोना से हुई थी मौत

घर में क्लेश हुआ तो बस स्टैंड में रहने लगे

यहां रहने वाले बुजुर्ग ने बताया कि उनके घर में झगड़ा होता था, क्लेश होता था. इस वजह से उन्होंने घर छोड़ दिया और बस स्टैंड पर रह रहे थे. वहीं से वृद्धाश्रम के लोग उनको यहां पर लाए. उन्होंने बताया कि उस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी. जब यहां इलाज हुआ और लंबा इलाज चला तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. वह बताते हैं कि उनके बच्चे उन्हें पूछने तक नहीं आते हैं उनको लगता है कि अच्छा हुआ घर से क्लेश गया.

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बड़े-बड़े बंगले वालों के घर माता-पिता के लिए जगह नहीं

बदरपुर इलाके के गौतमपुरी स्थित गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में दर्जनों बुजुर्ग रह रहे हैं. इनमें से अधिकतर बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनको रोड से उठा कर लाया गया है. साथ ही ऐसे भी बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे अच्छी-अच्छी जगह पर हैं. कोई करोड़पति है तो कोई लखपति है, लेकिन उनके घर में अपने माता-पिता के लिए कोई जगह नहीं है.

नई दिल्ली: आज फादर्स डे है. इस मौके पर लोग फादर्स डे (Father's day special) को सेलिब्रेट कर रहे हैं और लोग अपने पिता को बधाई दे रहे हैं. सोशल मीडिया पर बढ़िया-बढ़िया मैसेज पोस्ट कर रहे हैं, लेकिन फादर्स डे की इस मौके पर बहुत से पिता ऐसे भी हैं, जिनके बच्चों ने उनको घर की चौखट से बाहर कर दिया है और वह वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने बदरपुर के वृद्धाश्रम से ग्राउंड रिपोर्ट की और उनका हाल जाना.

सड़कों पर छोड़ गए परिजन

बदरपुर के गौतमपुरी स्थित गुरु विश्राम वृद्धाश्रम के केयरटेकर ने बताया कि उनके आश्रम में रहने वाले अधिकतर बुजुर्गों को वे रोड से उठाकर लाए हैं. इसका मतलब ये हुआ कि इनके परिजनों और बच्चों ने इन्हें रोड पर ही छोड़ दिया था. इनमें से अधिकतर लोगों को यह भी नहीं पता होता कि वे कौन हैं, कैसे हैं. केयरटेकर ने बताया कि गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को तमाम सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. यहां उनके खाने से लेकर इलाज तक की पूरी व्यवस्था है.

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सभी एक दिन बूढ़े होंगे

वृद्धाश्रम की नर्सिंग स्टाफ ने बताया कि फादर्स डे के मौके पर हम यही कहना चाहते हैं कि बच्चों को अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए क्योंकि सभी एक दिन बूढ़े होंगे और उनकी भी यह स्थिति आ सकती है. यहां के डॉक्टर ने बताया कि जिस व्यक्ति के पास अपने माता-पिता के लिए जगह नहीं है. वह दुनिया का सबसे गरीब व्यक्ति है. हम यहां इन बुजुर्गों की सेवा उनके बच्चों से अधिक करते हैं.

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घर में क्लेश हुआ तो बस स्टैंड में रहने लगे

यहां रहने वाले बुजुर्ग ने बताया कि उनके घर में झगड़ा होता था, क्लेश होता था. इस वजह से उन्होंने घर छोड़ दिया और बस स्टैंड पर रह रहे थे. वहीं से वृद्धाश्रम के लोग उनको यहां पर लाए. उन्होंने बताया कि उस दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी. जब यहां इलाज हुआ और लंबा इलाज चला तो पता चला कि उन्हें कैंसर है. वह बताते हैं कि उनके बच्चे उन्हें पूछने तक नहीं आते हैं उनको लगता है कि अच्छा हुआ घर से क्लेश गया.

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बड़े-बड़े बंगले वालों के घर माता-पिता के लिए जगह नहीं

बदरपुर इलाके के गौतमपुरी स्थित गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में दर्जनों बुजुर्ग रह रहे हैं. इनमें से अधिकतर बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनको रोड से उठा कर लाया गया है. साथ ही ऐसे भी बुजुर्ग हैं, जिनके बच्चे अच्छी-अच्छी जगह पर हैं. कोई करोड़पति है तो कोई लखपति है, लेकिन उनके घर में अपने माता-पिता के लिए कोई जगह नहीं है.

Last Updated : Jun 20, 2021, 5:12 PM IST
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