नई दिल्ली: राजधानी में एम्स के बाहर डॉक्टरों ने एनएमसी बिल का विरोध किया और बिल की प्रतियों को जलाया. दरअसल डॉक्टरों का कहना है कि यह बिल जनविरोधी के साथ-साथ डॉक्टर विरोधी भी है.
डॅाक्टरों का कहना है कि हम तब तक इसका विरोध करते रहेंगे जब तक इसमें बदलाव नहीं किया जाएगा. डॅाक्टरों की मांग है कि जो जनविरोधी नीतियां हैं. उसको बदला जाना चाहिए. दिल्ली एम्स के बाहर डॉक्टरों ने इस बिल के विरोध में नारे लगाए और एनएमसी बिल की प्रतियां जलाई.
जनविरोधी और गरीब विरोधी है बिल
डॉक्टरों का कहना है कि यह बिल जनविरोधी और गरीब विरोधी है क्योंकि इस बिल के लागू होने के बाद डॉक्टरी पेशा में पैसे का बोलबाला बढ़ेगा और डॉक्टरी पढ़ाई की सीटें बेची जाएंगी.
एमबीबीएस बनने के लिए लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जाएंगे जिससे डॉक्टरी की पढ़ाई महंगी हो जाएगी. जो डॉक्टर बनेगा वह डॉक्टर बनने में खर्च हुए रुपए की वसूली इलाज से करेगा. जिससे इलाज महंगा हो जाएगा.
साथ ही डॉक्टरों का कहना है कि इस बिल से सरकार कई ऐसे बदलाव कर रही है. जो गरीब छात्रों के लिए नासूर बन सकता है. क्योंकि जिन गरीब छात्रों के पास मोटी फीस देने के लिए पैसे नहीं होंगे वो डॉक्टर नहीं बन पाएंगे.
बढ़ जाएगी मैनेजमेंट कॉलेजों की मनमानी
डॉक्टरों के अनुसार गरीब छात्र अपनी मेहनत के बल पर सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर बनते हैं, लेकिन इस बिल के बाद वह डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और डॉक्टर बनाने या पढ़ाने के लिए मैनेजमेंट कॉलेज मनमानी फीस लेंगे.जो कि गरीब छात्रों के लिए गलत है. इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं.
ऐसी तमाम बातों को गिना कर, डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं और इस बिल में उन नीतियों को बदलने की मांग कर रहे हैं. जो गरीब छात्रों के हित में नहीं है.
साथ ही डॉक्टरों ने यह भी कहा कि जब तक इस बिल में सरकार बदलाव नहीं करेगी तब तक हम इसका विरोध करते रहेंगे.