ETV Bharat / state

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तुगलकाबाद इलाके से हटाया गया रविदास मंदिर- DDA

author img

By

Published : Aug 12, 2019, 10:57 PM IST

डीडीए की ओर से इस मुद्दे पर सोमवार को एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति और भारत सरकार के बीच चल रहे केस में बीते 9 अगस्त को गड़बड़ी पाई.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया ढांचा- DDA ETV BHARAT

नई दिल्ली: तुगलकाबाद इलाके में तोड़े गए रविदास मंदिर को लेकर विवाद शुरू हो गया है, इसे लेकर न केवल राजनीतिक पार्टियां बल्कि धार्मिक समितियां भी सवाल उठा रही हैं. इसे लेकर डीडीए ने बयान जारी किया है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये ढांचा जंगल की जमीन से हटाया गया है. यह भी बताना महत्वपूर्ण होगा कि इस मुद्दे को लेकर गुरू रविदास जयंती समारोह समिति ही अदालत गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया ढांचा- DDA

डीडीए की ओर से इस मुद्दे पर सोमवार को एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति और भारत सरकार के बीच चल रहे केस में बीते 9 अगस्त को गड़बड़ी पाई. जिसमें पाया गया कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने इस जगह को अभी तक खाली नहीं किया है जबकि जंगल की इस जमीन को खाली करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में ढांचा हटाने को कहा
9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया कि इस जगह को तुरंत खाली कराया जाए. यह भी कहा गया कि इस ढांचे को डीडीए पुलिस की मदद से 24 घंटे के भीतर हटाए. इस मामले में अदालत के आदेश की अवहेलना करने वाले गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष ऋषि पाल भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट ने ढांचे को हटाने के लिए पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने को कहा. इसके साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव को भी यह निर्देश दिए कि इस ढांचे को यहां से हटाया जाए.

संस्था ने किया था अदालत का रुख
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, दिल्ली सरकार के एसडीएम, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के सदस्यों की मौजूदगी में जहांपनाह फॉरेस्ट में सुबह 9 बजे ढांचे को हटाया गया.

बिना किसी विवाद के शांतिपूर्वक ढंग से यहां पर समिति के सदस्यों के सामने इसे हटाया गया. डीडीए का कहना है कि इस मामले में अदालत का दरवाजा समारोह समिति की तरफ से खटखटाया गया था. इस मामले को लेकर डीडीए अदालत में नहीं गया था.

नई दिल्ली: तुगलकाबाद इलाके में तोड़े गए रविदास मंदिर को लेकर विवाद शुरू हो गया है, इसे लेकर न केवल राजनीतिक पार्टियां बल्कि धार्मिक समितियां भी सवाल उठा रही हैं. इसे लेकर डीडीए ने बयान जारी किया है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ये ढांचा जंगल की जमीन से हटाया गया है. यह भी बताना महत्वपूर्ण होगा कि इस मुद्दे को लेकर गुरू रविदास जयंती समारोह समिति ही अदालत गई थी.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराया गया ढांचा- DDA

डीडीए की ओर से इस मुद्दे पर सोमवार को एक बयान जारी किया गया है. जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति और भारत सरकार के बीच चल रहे केस में बीते 9 अगस्त को गड़बड़ी पाई. जिसमें पाया गया कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने इस जगह को अभी तक खाली नहीं किया है जबकि जंगल की इस जमीन को खाली करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में ढांचा हटाने को कहा
9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया कि इस जगह को तुरंत खाली कराया जाए. यह भी कहा गया कि इस ढांचे को डीडीए पुलिस की मदद से 24 घंटे के भीतर हटाए. इस मामले में अदालत के आदेश की अवहेलना करने वाले गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष ऋषि पाल भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट ने ढांचे को हटाने के लिए पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने को कहा. इसके साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव को भी यह निर्देश दिए कि इस ढांचे को यहां से हटाया जाए.

संस्था ने किया था अदालत का रुख
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, दिल्ली सरकार के एसडीएम, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के सदस्यों की मौजूदगी में जहांपनाह फॉरेस्ट में सुबह 9 बजे ढांचे को हटाया गया.

बिना किसी विवाद के शांतिपूर्वक ढंग से यहां पर समिति के सदस्यों के सामने इसे हटाया गया. डीडीए का कहना है कि इस मामले में अदालत का दरवाजा समारोह समिति की तरफ से खटखटाया गया था. इस मामले को लेकर डीडीए अदालत में नहीं गया था.

Intro:नई दिल्ली
तुगलकाबाद इलाके में तोड़े गए रविदास मंदिर को लेकर विवाद शुरु हो गया है. इसे लेकर न केवल राजनीतिक पार्टियां बल्कि धार्मिक समितियां भी सवाल उठा रही हैं. इसे लेकर डीडीए ने बयान जारी किया है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह ढांचा जंगल की जमीन से हटाया गया है. यह भी बताना महत्वपूर्ण होगा कि इस मुद्दे को लेकर गुरू रविदास जयंती समारोह समिति ही अदालत गई थी.


Body:डीडीए की तरफ से इस मुद्दे पर सोमवार को एक बयान जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरु रविदास जयंती समारोह समिति एवं भारत सरकार के बीच चल रहे केस में बीते 9 अगस्त को गड़बड़ी पाई. उन्होंने पाया कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने इस जगह को अभी तक खाली नहीं किया है जबकि जंगल की इस जमीन को खाली करने के आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिए थे.


सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में ढांचा हटाने को कहा
9 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि इस जगह को तुरंत खाली कराया जाए. यह भी कहा गया कि इस ढांचे को डीडीए पुलिस की मदद से 24 घंटे के भीतर हटाए. इस मामले में अदालत के आदेश की अवहेलना करने वाले गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के अध्यक्ष ऋषि पाल भी सुप्रीम कोर्ट में मौजूद थे. सुप्रीम कोर्ट ने ढांचे को हटाने के लिए पुलिस से सुरक्षा मुहैया कराने को कहा. इसके साथ ही दिल्ली के मुख्य सचिव को भी यह निर्देश दिए कि इस ढांचे को यहां से हटाया जाए.






Conclusion:संस्था ही गई थी अदालत
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन करते हुए दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, दिल्ली सरकार के एसडीएम, डीडीए के वरिष्ठ अधिकारी और गुरु रविदास जयंती समारोह समिति के सदस्यों की मौजूदगी में जहाँपनाह फॉरेस्ट में सुबह 9 बजे ढांचे को हटाया गया. बिना किसी विवाद के शांतिपूर्वक ढंग से यहां पर समिति के सदस्यों के सामने इसे हटाया गया. डीडीए का कहना है कि इस मामले में अदालत का दरवाजा समारोह समिति की तरफ से खटखटाया गया था. इस मामले को लेकर डीडीए अदालत में नहीं गया था.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.