नई दिल्ली/नोएडा: भारतीय महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर विरोध जारी रखने की अनुमति देने के लिए भारतीय किसान यूनियन ने सूरजपुर स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर एडीएम को ज्ञापन सौंपा. साथ ही ज्ञापन में सांसद बृजभूषण शरण की गिरफ्तारी और उसके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की. ज्ञापन के माध्यम से भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि खिलाड़ियों ने अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए 28 मई को दिल्ली में एक शांतिपूर्ण मार्च निकाला, लेकिन दिल्ली पुलिस ने विरोध मार्च का क्रूरता से दमन किया. इसके बाद पहलवानों को हिरासत में ले लिया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध स्तर से हटा दिया गया है, जो पूरी तरह से गलत और अलोकतांत्रिक था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति को दिए ज्ञापन में कहा कि आप खुद एक किसान की बेटी होने के नाते जानती हैं कि कुश्ती एक ग्रामीण खेल है. बृजभूषण की शिकार ज्यादातर लड़कियां ग्रामीण किसान परिवार से हैं, इसलिए हमें चिंता है कि जिन किसानों की बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने के लिए बहुत मेहनत की है और देश को गौरव दिलाया है. उनके साथ राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों के इशारे पर केंद्र सरकार अत्यंत क्रूरता के साथ व्यवहार कर रही है. इसलिए राष्ट्र के प्रमुख होने के नाते हम आपसे अनुरोध करते हैं कि केंद्र सरकार महिला पहलवानों को दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपना धरना जारी रखने की अनुमति दें.
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बता दें, देश की महिला पहलवान 23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रही है, जबकि केंद्र सरकार जनवरी 2023 में आरोपी सांसद के खिलाफ जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के लिए खिलाड़ियों से किए वादे को पूरा करने में विफल रही है. खिलाड़ियों को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ा और न्यायालय में मामले की सुनवाई शुरू करने के बाद ही दिल्ली पुलिस ने आरोपी बृजभूषण शरण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की है.
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