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त्याग राज में विकल्प मेला: छात्रों ने जाना कैसे प्लास्टिक की जगह इन चीजाें का कर सकते हैं प्रयाेग

रोजमर्रा की जिंदगी में सिंगल यूज प्लास्टिक का हम बहुत ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं. चाहे वो प्लास्टिक के प्लेट, गिलास और चम्मच हो या फिर पानी पीने के लिये इस्तेमाल होने वाली बोतलें. इन्हीं रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक से बनी चीजों पर एक जुलाई से प्रतिबंध लगाया गया है. दिल्ली सरकार ने प्लास्टिक के विकल्प काे लेकर जागरूक करने काे लेकर एक मेले का आयाेजन किया.

विकल्प मेला
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Published : Jul 3, 2022, 3:50 PM IST

नई दिल्ली:देशभर में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस प्रतिबंध के बाद से लोगों के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि आख़िर इसका विकल्प क्या होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर किस तरह से दूसरे आइटम्स का यूज कर सकते हैं इसको लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से त्यागराज स्टेडियम में तीन दिवसीय विकल्प मेला का आयोजन किया गया.

अलग-अलग संस्थान के बच्चे छात्र छात्राएं और सामाजिक संस्थाएं भी स्टाल लगाये. लोगों को समझाया गया कि किस तरीके से वह विकल्प के तौर पर सिंगल यूज प्लास्टिक को छोड़कर इन आइटम्स को अपना सकते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे एक प्लास्टिक की थैली को छोड़कर कपड़े के थैलों का यूज किया जा सकता है. पीने की पानी की बोतल जो प्लास्टिक की आती है उसे छोड़कर कांच की बोतल और मिट्टी के बर्तन कैसे अपनाए जा सकते हैं. प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
प्रदर्शनी में पहुंच रहे स्कूली छात्रों ने बताया कि काफी अच्छा कदम है.

पर्यावरण को बचाने के लिए छात्रों ने दिए सुझाव
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली सरकार 10 जुलाई तक सिंगल यूज प्लास्टिक से नुकसान के बारे में बताएगी, 11 से जुर्माना

पर्यावरण को बचाने कि जिम्मेदारी युवाओं के हाथ में है. साथ ही आज कल हम रोड या सड़क से जब गुजरते हैं तो देखते हैं कि प्लास्टिक की पॉलीथिन मवेशी खा रहे हैं. समुद्र में हम प्लास्टिक की बोतलें डाल देते हैं उनको भी जो मछलियां है जो जीव जंतु है वह खा जाते हैं. उनमें बीमारी फैलने की आशंका रहती है. प्लास्टिक इंसानों के अलावा एनिमल्स और हमारी जमीन के लिए कितनी घातक है यह सब जानते हैं, लेकिन लोगों को अवेयर करने की जरूरत है. इस मेले में हमें यह भी देखने को मिला कि किस तरीके से प्लास्टिक के बदले और भी जो सामान है प्रोडक्ट है जो मिट्टी के अलावा कागज से बने हुए हैं उन्हें भी हम अपनी जिंदगी में यूज कर सकते हैं.

नई दिल्ली:देशभर में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस प्रतिबंध के बाद से लोगों के मन में ये सवाल उठने लगे हैं कि आख़िर इसका विकल्प क्या होगा. सिंगल यूज प्लास्टिक के विकल्प के तौर पर किस तरह से दूसरे आइटम्स का यूज कर सकते हैं इसको लेकर दिल्ली सरकार की तरफ से त्यागराज स्टेडियम में तीन दिवसीय विकल्प मेला का आयोजन किया गया.

अलग-अलग संस्थान के बच्चे छात्र छात्राएं और सामाजिक संस्थाएं भी स्टाल लगाये. लोगों को समझाया गया कि किस तरीके से वह विकल्प के तौर पर सिंगल यूज प्लास्टिक को छोड़कर इन आइटम्स को अपना सकते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में कैसे एक प्लास्टिक की थैली को छोड़कर कपड़े के थैलों का यूज किया जा सकता है. पीने की पानी की बोतल जो प्लास्टिक की आती है उसे छोड़कर कांच की बोतल और मिट्टी के बर्तन कैसे अपनाए जा सकते हैं. प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए.
प्रदर्शनी में पहुंच रहे स्कूली छात्रों ने बताया कि काफी अच्छा कदम है.

पर्यावरण को बचाने के लिए छात्रों ने दिए सुझाव
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.
त्याग राज स्टेडियम में लगा विकल्प मेला.

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पर्यावरण को बचाने कि जिम्मेदारी युवाओं के हाथ में है. साथ ही आज कल हम रोड या सड़क से जब गुजरते हैं तो देखते हैं कि प्लास्टिक की पॉलीथिन मवेशी खा रहे हैं. समुद्र में हम प्लास्टिक की बोतलें डाल देते हैं उनको भी जो मछलियां है जो जीव जंतु है वह खा जाते हैं. उनमें बीमारी फैलने की आशंका रहती है. प्लास्टिक इंसानों के अलावा एनिमल्स और हमारी जमीन के लिए कितनी घातक है यह सब जानते हैं, लेकिन लोगों को अवेयर करने की जरूरत है. इस मेले में हमें यह भी देखने को मिला कि किस तरीके से प्लास्टिक के बदले और भी जो सामान है प्रोडक्ट है जो मिट्टी के अलावा कागज से बने हुए हैं उन्हें भी हम अपनी जिंदगी में यूज कर सकते हैं.

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