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DU के इस कॉलेज में एडमिशन के लिए देना होगा आधार कार्ड, जानिए क्यों?

दाखिले से पहले डीयू के अंतर्गत आने वाले रामानुजन कॉलेज प्रशासन ने दाखिले के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड को भी शामिल करने का फैसला लिया है.

रामानुजन कॉलेज में एडमिशन के समय आधार कार्ड जरूरी!
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Published : Jun 26, 2019, 12:54 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. 28 जून को दाखिले के लिए पहली कटऑफ लिस्ट जारी होगी.

दाखिले से पहले डीयू के अंतर्गत आने वाले रामानुजन कॉलेज प्रशासन ने दाखिले के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड को भी शामिल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एस पी अग्रवाल ने कहा कि छात्रों का सही विवरण रखने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.

रामानुजन कॉलेज में एडमिशन के समय आधार कार्ड जरूरी!

इसलिए मांगा आधार कार्ड
दाखिले के समय छात्रों को कई अहम दस्तावेज कॉलेज में जमा करने होते हैं. आधार कार्ड को कोर्ट के निर्देश के बाद अनिवार्य दस्तावेज की श्रेणी से हटा दिया गया था, लेकिन इस बार दाखिले के समय रामानुजन कॉलेज ने सभी दस्तावेजों के साथ-साथ छात्रों का आधार कार्ड भी मांगने का निर्णय लिया है.

इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसपी अग्रवाल ने बताया कि कई बार छात्र कॉलेज से लैपटॉप जैसे महंगी चीजें इशू करवाते हैं और उन्हें लेकर या तो फरार हो जाते हैं या कॉलेज छोड़कर ही चले जाते हैं.

आधार ऑथेंटिक दस्तावेज
ऐसे में उन छात्रों का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है, क्योंकि या तो उन्होंने अपना पता गलत दिया होता है या उन तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं होता. ऐसे में आधार कार्ड एक ऑथेंटिक दस्तावेज होगा जिसके जरिए सभी छात्रों की सही पहचान रखी जा सकेगी.

'कॉलेज को पहले भी उठाना पड़ा है नुकसान'
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का आधार कार्ड बना हुआ है और उस आधार कार्ड से उसके बैंक अकाउंट, उसके घर का एड्रेस आदि सभी निजी चीजों का विवरण जुड़ा है.

ऐसे में यदि छात्रों का आधार कार्ड कॉलेज के पास रहेगा तो किसी भी परिस्थिति में छात्र तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. अपने अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कई बार कॉलेज को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

'सामान को लेकर FIR तक करानी पड़ती है'
उन्होंने कहा कि छात्र सामान तो कॉलेज से इशू कराते हैं पर उसे वापस नहीं करते और वहां से फरार हो जाते हैं. नौबत यहां तक आ जाती है कि एफआईआर तक दर्ज करवानी पड़ती है. यह सब समस्याएं इस सत्र में ना आए इसी के चलते छात्रों से उनके आधार कार्ड मांगे जाएंगे.

'आधार के लिए दवाब नहीं डाले जाएंगे'
उन्होंने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड ना देने की वजह से किसी छात्र का दाखिला नहीं रुकेगा लेकिन उससे कारण अवश्य मांगा जाएगा कि उसका आधार क्यों नहीं बना या वह आधार क्यों नहीं देना चाहते.

उन्होंने कहा कि भले ही आधार कार्ड के लिए हम किसी छात्र पर दवाब ना डालें पर कोशिश यही रहेगी कि सभी छात्र अपने जरूरी दस्तावेजों के साथ या तो आधार कार्ड नंबर लिखवाएं या आधार कार्ड की कॉपी जमा कराएं.

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. 28 जून को दाखिले के लिए पहली कटऑफ लिस्ट जारी होगी.

दाखिले से पहले डीयू के अंतर्गत आने वाले रामानुजन कॉलेज प्रशासन ने दाखिले के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड को भी शामिल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एस पी अग्रवाल ने कहा कि छात्रों का सही विवरण रखने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.

रामानुजन कॉलेज में एडमिशन के समय आधार कार्ड जरूरी!

इसलिए मांगा आधार कार्ड
दाखिले के समय छात्रों को कई अहम दस्तावेज कॉलेज में जमा करने होते हैं. आधार कार्ड को कोर्ट के निर्देश के बाद अनिवार्य दस्तावेज की श्रेणी से हटा दिया गया था, लेकिन इस बार दाखिले के समय रामानुजन कॉलेज ने सभी दस्तावेजों के साथ-साथ छात्रों का आधार कार्ड भी मांगने का निर्णय लिया है.

इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसपी अग्रवाल ने बताया कि कई बार छात्र कॉलेज से लैपटॉप जैसे महंगी चीजें इशू करवाते हैं और उन्हें लेकर या तो फरार हो जाते हैं या कॉलेज छोड़कर ही चले जाते हैं.

आधार ऑथेंटिक दस्तावेज
ऐसे में उन छात्रों का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है, क्योंकि या तो उन्होंने अपना पता गलत दिया होता है या उन तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं होता. ऐसे में आधार कार्ड एक ऑथेंटिक दस्तावेज होगा जिसके जरिए सभी छात्रों की सही पहचान रखी जा सकेगी.

'कॉलेज को पहले भी उठाना पड़ा है नुकसान'
प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का आधार कार्ड बना हुआ है और उस आधार कार्ड से उसके बैंक अकाउंट, उसके घर का एड्रेस आदि सभी निजी चीजों का विवरण जुड़ा है.

ऐसे में यदि छात्रों का आधार कार्ड कॉलेज के पास रहेगा तो किसी भी परिस्थिति में छात्र तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. अपने अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि कई बार कॉलेज को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.

'सामान को लेकर FIR तक करानी पड़ती है'
उन्होंने कहा कि छात्र सामान तो कॉलेज से इशू कराते हैं पर उसे वापस नहीं करते और वहां से फरार हो जाते हैं. नौबत यहां तक आ जाती है कि एफआईआर तक दर्ज करवानी पड़ती है. यह सब समस्याएं इस सत्र में ना आए इसी के चलते छात्रों से उनके आधार कार्ड मांगे जाएंगे.

'आधार के लिए दवाब नहीं डाले जाएंगे'
उन्होंने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड ना देने की वजह से किसी छात्र का दाखिला नहीं रुकेगा लेकिन उससे कारण अवश्य मांगा जाएगा कि उसका आधार क्यों नहीं बना या वह आधार क्यों नहीं देना चाहते.

उन्होंने कहा कि भले ही आधार कार्ड के लिए हम किसी छात्र पर दवाब ना डालें पर कोशिश यही रहेगी कि सभी छात्र अपने जरूरी दस्तावेजों के साथ या तो आधार कार्ड नंबर लिखवाएं या आधार कार्ड की कॉपी जमा कराएं.

Intro:नई दिल्ली।

दिल्ली विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए आवेदन प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है. वहीं 28 जून को दाखिले के लिए पहली कटऑफ लिस्ट जारी होगी. वहीं दाखिले से पूर्व डीयू के अंतर्गत आने वाले रामानुजन कॉलेज प्रशासन ने दाखिले के लिए जरूरी दस्तावेजों में आधार कार्ड को भी शामिल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एस पी अग्रवाल ने कहा कि छात्रों का सही विवरण रखने के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा यह कदम उठाया जा रहा है.


Body:बता दें कि दाखिले के समय छात्रों को कई अहम दस्तावेज कॉलेज में जमा करने होते हैं. वही आधार कार्ड को कोर्ट के निर्देश के बाद अनिवार्य दस्तावेज की श्रेणी से हटा दिया गया था, लेकिन इस बार दाखिले के समय रामानुजन कॉलेज ने सभी दस्तावेजों के साथ साथ छात्रों का आधार कार्ड भी मांगने का निर्णय लिया है. इसको लेकर रामानुजन कॉलेज के प्रिंसिपल प्रोफेसर एसपी अग्रवाल ने बताया कि कई बार छात्र कॉलेज से लैपटॉप जैसे महंगी चीजें इशू करवाते हैं और उन्हें लेकर या तो फरार हो जाते हैं या कॉलेज छोड़कर ही चले जाते हैं. ऐसे में उन छात्रों का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि या तो उन्होंने अपना पता गलत लग पाया होता है या उन तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं होता. ऐसे में आधार कार्ड एक ऑथेंटिक दस्तावेज होगा जिसके जरिए सभी छात्रों की सही पहचान रखी जा सकेगी.

प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि भारत में रहने वाले प्रत्येक नागरिक का आधार कार्ड बना हुआ है और उस आधार कार्ड से उसके बैंक अकाउंट, उसके घर का एड्रेस आदि सभी निजी चीजों का विवरण जुड़ा है. ऐसे में यदि छात्रों का आधार कार्ड कॉलेज के पास रहेगा तो किसी भी परिस्थिति में छात्र तक पहुंचना काफी आसान हो जाएगा. अपने कटु अनुभव के बारे में बताते हुए उन्होंने बताया कि कई बार कॉलेज को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. छात्र सामान तो कॉलेज से इशू कराते हैं पर उसे वापस नहीं करते और वहां से फरार हो जाते हैं. नौबत यहां तक आ जाती है कि एफआईआर तक दर्ज करवानी पड़ती है. यह सब समस्याएं इस सत्र में ना आए इसी के चलते छात्रों से उनके आधार कार्ड मांगे जाएंगे. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड ना देने की वजह से किसी छात्र का दाखिला नहीं रुकेगा लेकिन उससे कारण अवश्य मांगा जाएगा कि उसका आधार क्यों नहीं बना या वह आधार क्यों नहीं देना चाहता. उन्होंने कहा कि भले ही आधार कार्ड के लिए हम किसी छात्र पर दबाव ना डालें पर कोशिश यही रहेगी कि सभी छात्र अपने जरूरी दस्तावेजों के साथ या तो आधार कार्ड नंबर लिखवाएं या आधार कार्ड की कॉपी जमा कराएं.


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