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सोलर एनर्जी से सुधरेगा वॉटर लेवल! सरकार को सौंपे गए ये खास प्रोजेक्ट्स - hindi khabar

समाजसेवी संगीता डोगरा ने दो खास प्रोजेक्ट्स सरकार को सौंपे हैं. सोलर एनर्जी से संबंधित इन प्रोजेक्ट्स से वॉटर लेवल में सुधार का दावा किया गया है.

सोलर एनर्जी से सुरक्षित होगा पर्यावरण
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Published : Jun 22, 2019, 10:32 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की एक समाजसेवी हैं संगीता डोगरा. उन्होंने भारत सरकार को सोलर एनर्जी से संबंधित 2 खास प्रोजेक्ट सौंपे हैं. उनका मानना है कि अगर ये स्वीकार कर लिए गए, तो ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि किसानों के हालात में भी काफी सुधार होगा.

संगीता डोगरा ने सरकार को सौंपे सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स

इन प्रोजेक्ट्स में सोलर फार्मिंग और सोलर ट्यूबवेल शामिल हैं. आइए जानते हैं कि ये खास प्रोजेक्ट्स किस तरह काम करेंगे और कैसे फायदा पहुंचाएंगे.

'दूर होगा पानी का संकट'

आजकल पानी की समस्या ने देशभर में लोगों को परेशान कर रखा है. संगीता का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से ना सिर्फ गांव-शहर में पानी की समस्या का हल निकलेगा, बल्कि रेगिस्तान और जंगलों में भी पानी के संकट को दूर किया जा सकता है.

'किसानों को होगा फायदा'

संगीता डोगरा का तर्क है कि सोलर फार्मिंग की वजह से किसानों को काफी फायदा हो सकता है और प्रकृति के संतुलन को भी सही रखा जा सकता है. ये उन इलाकों के लिए सही है जहां पानी की समस्या है. सोलर फार्मिंग गुजरात और राजस्थान के लिए विशेषकर ज्यादा जरूरी है, क्योंकि वहां वॉटर लेवल काफी नीचे जा चुका है. उन इलाकों में बारिश में भी संतुलन बनाया जा सकता है.

ऐसे काम करेगा पैनल

सोलर पैनल खेतों में लगेंगे तो उसकी वजह से गर्मी पैदा होगी. इस गर्मी के जरिए भाप पर्यावरण की ऊपरी सतह तक जाएगी और फिर बादल इकट्ठा होंगे. इससे बारिश होने की संभावना ज्यादा होगी. संगीता ने कहा कि सोलर फार्मिंग की वजह से बारिश होगी और पैदावार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वॉटर लेवल को सही करने में इससे मदद मिलेगी.

'हरा-भरा होगा पर्यावरण'

समाजसेविका संगीता का कहना है कि सोलर ट्यूबवेल की वजह से जंगलों को बचाया जा सकता है. जंगल लगातार सूखते जा रहे हैं, जिससे वॉटर लेवल भी नीचे जा रहा है. वहां सोलर पैनल ट्यूबवेल लगाने से पानी की समस्या दूर होगी और जंगल हरा-भरा होगा. उनका मानना है कि जब पेड़-पौधों को पानी मिलेगा तो वॉटर लेवल को रिकवर करने में भी मदद मिलेगी.

'सरकार जल्द करे विचार'

संगीता का कहना है कि सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना होगा, क्योंकि वॉटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है. अगर लेवल 100 मीटर से नीचे चला जाएगा तो सोलर ट्यूबवेल काम नहीं कर पाएगा. उनका मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स से काफी हद तक पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.

नई दिल्ली: दिल्ली की एक समाजसेवी हैं संगीता डोगरा. उन्होंने भारत सरकार को सोलर एनर्जी से संबंधित 2 खास प्रोजेक्ट सौंपे हैं. उनका मानना है कि अगर ये स्वीकार कर लिए गए, तो ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि किसानों के हालात में भी काफी सुधार होगा.

संगीता डोगरा ने सरकार को सौंपे सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स

इन प्रोजेक्ट्स में सोलर फार्मिंग और सोलर ट्यूबवेल शामिल हैं. आइए जानते हैं कि ये खास प्रोजेक्ट्स किस तरह काम करेंगे और कैसे फायदा पहुंचाएंगे.

'दूर होगा पानी का संकट'

आजकल पानी की समस्या ने देशभर में लोगों को परेशान कर रखा है. संगीता का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से ना सिर्फ गांव-शहर में पानी की समस्या का हल निकलेगा, बल्कि रेगिस्तान और जंगलों में भी पानी के संकट को दूर किया जा सकता है.

'किसानों को होगा फायदा'

संगीता डोगरा का तर्क है कि सोलर फार्मिंग की वजह से किसानों को काफी फायदा हो सकता है और प्रकृति के संतुलन को भी सही रखा जा सकता है. ये उन इलाकों के लिए सही है जहां पानी की समस्या है. सोलर फार्मिंग गुजरात और राजस्थान के लिए विशेषकर ज्यादा जरूरी है, क्योंकि वहां वॉटर लेवल काफी नीचे जा चुका है. उन इलाकों में बारिश में भी संतुलन बनाया जा सकता है.

ऐसे काम करेगा पैनल

सोलर पैनल खेतों में लगेंगे तो उसकी वजह से गर्मी पैदा होगी. इस गर्मी के जरिए भाप पर्यावरण की ऊपरी सतह तक जाएगी और फिर बादल इकट्ठा होंगे. इससे बारिश होने की संभावना ज्यादा होगी. संगीता ने कहा कि सोलर फार्मिंग की वजह से बारिश होगी और पैदावार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वॉटर लेवल को सही करने में इससे मदद मिलेगी.

'हरा-भरा होगा पर्यावरण'

समाजसेविका संगीता का कहना है कि सोलर ट्यूबवेल की वजह से जंगलों को बचाया जा सकता है. जंगल लगातार सूखते जा रहे हैं, जिससे वॉटर लेवल भी नीचे जा रहा है. वहां सोलर पैनल ट्यूबवेल लगाने से पानी की समस्या दूर होगी और जंगल हरा-भरा होगा. उनका मानना है कि जब पेड़-पौधों को पानी मिलेगा तो वॉटर लेवल को रिकवर करने में भी मदद मिलेगी.

'सरकार जल्द करे विचार'

संगीता का कहना है कि सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना होगा, क्योंकि वॉटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है. अगर लेवल 100 मीटर से नीचे चला जाएगा तो सोलर ट्यूबवेल काम नहीं कर पाएगा. उनका मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स से काफी हद तक पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.

Intro:डेडलाइन - दक्षिण दिल्ली (विकाजी कामा प्लेस )

दिल्ली की संगीता डोगरा भारत सरकार को जोकि सोलर एनर्जी पर खासा ध्यान दे रही है उसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने दो प्रोजेक्ट सौंपे हैं जिसमें सोलर फार्मिंग और सोलर ट्यूबवेल शामिल है दरअसल इसके पीछे उनका तर्क है कि अगर हमारे भारत सरकार का इससे संबंधित मंत्रालय स्वीकार करता है तो पर्यावरण को संरक्षण करने में काफी मदद मिलेगी साथ ही कृषि के उपज को भी बढ़ाया जा सकता है साथ ही इस प्रोजेक्ट के द्वारा जंगलों में पानी के संकट को भी दुर किया जा सकता है ।


Body:संगीता डोगरा का तर्क है कि सोलर फार्मिंग की वजह से किसानों को काफी फायदा हो सकता है और सोलर फार्मिंग की वजह से प्रकृति के संतुलन को भी सही रखा जा सकता है यह उन इलाकों के लिए सही है जहां पानी की समस्या है सोलर फार्मिंग गुजरात और राजस्थान के लिए विशेषकर ज्यादा जरूरी है जहाँ वाटर लेवल काफी नीचे जा चुका है उन इलाकों में सोलर फार्मिंग से बारिश में भी संतुलन बनाया जा सकता है सोलर फार्मिंग की वजह से किसानों की आमदनी को भी बढ़ाया जा सकता है दरअसल किसान अपनी खेती के लिए बारिश के पानी पर निर्भर रहते है जब सोलर पैनल खेतों में लगेंगे तो उसकी वजह से गर्मी पैदा होगी और गर्मी पैदा होगी तो भाप बन के ऊपर जाएगा और फिर बारिश वाले बादल इकट्ठा होंगे और फिर बारिश होने की संभावना ज्यादा होगी इस वजह से सोलर फार्मिंग की वजह से बारिश भी होगी और मौसम और प्रकृति सुंदर बनेगा इसलिए यह किसानों के लिए सही होगा और साथ ही वाटर लेवल को जो लगातार नीचे जा रहा है उसको सही करने में इससे मदद मिलेगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी

साथ ही संगीता डोगरा का कहना है कि सोलर ट्यूबवेल की वजह से देश के जंगलों को बचाया जा सकता है अपने देश के जंगलों में बिल्कुल सूखा हो चुका है पानी की काफी कमी है जीव जंतु मर रहे हैं पानी नहीं है पेड़ सूख रहे हैं वहां पर पड़े पत्ते सूख रहे हैं तो जब वहां पर हम सोलर पैनल टूवेल लगाएंगे तो वहां पानी की समस्या दूर होगी और फिर जंगल हरा भरा होगा तो वह पर्यावरण के लिए सही होगा साथ ही इससे जंगल में जब पानी की समस्या दूर हो जाएगी तो पेड़ पौधों को पानी मिलेगी और जिससे पेड़ पौधे ज्यादा होंगे और लगातार जो जंगलों का पानी का स्तर नीचे जा रहा है उसमें सुधार होगा और अपरा पर्यावरण की दृष्टि से बहुत ही अच्छा होगा साथ ही जीव जंतु ज्यादा होंगे तू जंगलों में जिओ के बीच का संतुलन भी प्रकार रहेगा और इसके कारण टाइगर को भी बचाया जा सकता है क्योंकि आजकल जंगलों में टाइगर भूख के कारण को कमजोर हो रहे हैं क्योंकि उनके भोजन के लिए जीव जंतु जंगलों में मौजूद नहीं है वह सारे जी जनती पानी के कमी के कारण या तो मर जाते हैं या तो जंगल छोड़कर भाग जाते हैं मददगार होगा

लेकिन इसके निर्णय के बारे में भी संगीता डोगरा कहती हैं इसके लिए जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा क्योंकि कोई भी मोटर ज्यादा नीचे पानी को खींच नहीं पाता है सरकार इस पर सरकार को इस पर जल्द से जल्द निर्णय लेना होगा क्योंकि लगातार वाटर लेवल पानी का स्तर नीचे जा रहा है उसके बाद सोलर ट्यूबवेल जंगलों में काम नहीं कर पाएगा क्योंकि अगर 100 मीटर से अधिक पानी का स्तर नीचे चला जाएगा तो सोलर ट्यूबवैल कार्य नहीं कर पाएंगे इसलिए सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए अगर इसको सरकार मान लेती है और इसको लागू करती है तो महज कुछ कम पैसे में ही पूरे जंगलों को बचाया जा सकता है और जब जंगल बचेंगे तो पर्यावरण तो पर्यावरण भी सुरक्षित होगा है।


Conclusion:सोलर ट्यूबवेल और सोलर पैनल प्रकृति के लिए अच्छा हो सकता है हालांकि सोलर से चलने वाली चीजों पर सरकार भी ध्यान दे रही है ।
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