नई दिल्ली: दिल्ली की एक समाजसेवी हैं संगीता डोगरा. उन्होंने भारत सरकार को सोलर एनर्जी से संबंधित 2 खास प्रोजेक्ट सौंपे हैं. उनका मानना है कि अगर ये स्वीकार कर लिए गए, तो ना सिर्फ पर्यावरण बल्कि किसानों के हालात में भी काफी सुधार होगा.
इन प्रोजेक्ट्स में सोलर फार्मिंग और सोलर ट्यूबवेल शामिल हैं. आइए जानते हैं कि ये खास प्रोजेक्ट्स किस तरह काम करेंगे और कैसे फायदा पहुंचाएंगे.
'दूर होगा पानी का संकट'
आजकल पानी की समस्या ने देशभर में लोगों को परेशान कर रखा है. संगीता का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से ना सिर्फ गांव-शहर में पानी की समस्या का हल निकलेगा, बल्कि रेगिस्तान और जंगलों में भी पानी के संकट को दूर किया जा सकता है.
'किसानों को होगा फायदा'
संगीता डोगरा का तर्क है कि सोलर फार्मिंग की वजह से किसानों को काफी फायदा हो सकता है और प्रकृति के संतुलन को भी सही रखा जा सकता है. ये उन इलाकों के लिए सही है जहां पानी की समस्या है. सोलर फार्मिंग गुजरात और राजस्थान के लिए विशेषकर ज्यादा जरूरी है, क्योंकि वहां वॉटर लेवल काफी नीचे जा चुका है. उन इलाकों में बारिश में भी संतुलन बनाया जा सकता है.
ऐसे काम करेगा पैनल
सोलर पैनल खेतों में लगेंगे तो उसकी वजह से गर्मी पैदा होगी. इस गर्मी के जरिए भाप पर्यावरण की ऊपरी सतह तक जाएगी और फिर बादल इकट्ठा होंगे. इससे बारिश होने की संभावना ज्यादा होगी. संगीता ने कहा कि सोलर फार्मिंग की वजह से बारिश होगी और पैदावार को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वॉटर लेवल को सही करने में इससे मदद मिलेगी.
'हरा-भरा होगा पर्यावरण'
समाजसेविका संगीता का कहना है कि सोलर ट्यूबवेल की वजह से जंगलों को बचाया जा सकता है. जंगल लगातार सूखते जा रहे हैं, जिससे वॉटर लेवल भी नीचे जा रहा है. वहां सोलर पैनल ट्यूबवेल लगाने से पानी की समस्या दूर होगी और जंगल हरा-भरा होगा. उनका मानना है कि जब पेड़-पौधों को पानी मिलेगा तो वॉटर लेवल को रिकवर करने में भी मदद मिलेगी.
'सरकार जल्द करे विचार'
संगीता का कहना है कि सरकार को इस पर जल्द निर्णय लेना होगा, क्योंकि वॉटर लेवल लगातार नीचे जा रहा है. अगर लेवल 100 मीटर से नीचे चला जाएगा तो सोलर ट्यूबवेल काम नहीं कर पाएगा. उनका मानना है कि इन प्रोजेक्ट्स से काफी हद तक पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.