नई दिल्लीः कोरोना माहामारी के दौरान सरकारी स्कूलों में काम कर रहे शिक्षक फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स की भूमिका निभा रहे हैं. ज्यादातर शिक्षकों की ड्यूटी राशन बांटने में लगी है, लेकिन इनकी सुरक्षा का ख्याल करने वाला कोई नहीं. ऐसा कहना है शालामार गांव के गवर्नमेंट बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल का.
इसी को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल राजेश के गुप्ता ने नॉर्थ वेस्ट डीएम को एक पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि राशन वितरण की जगह पर सैनिटाइजेशन करवाएं और सभी कर्मचारियों की कोरोना जांच करवाएं. पत्र में उन्होंने कहा कि 26 मार्च से सभी शिक्षकों की ड्यूटी राशन वितरण में लगी है.
पत्र में कहा गया है कि पूरे परिसर का सैनिटाइसेशन और कर्मचारियों की कोरोना जांच करने का अनुरोध किया गया था, लेकिन 2 माह से भी अधिक समय बीत जाने पर भी न कोई सैनिटाइजेशन हुआ और न ही कोरोना जांच.
लोग पाए जा रहे हैं कोरोना संक्रमित
पत्र में प्रिंसिपल राजेश के गुप्ता ने कहा कि जहां यह राशन वितरण की प्रक्रिया चल रही है. वहां स्कूल कर्मचारियों सहित डीओई के कर्मचारी और अन्य विधायक आदि राशन वितरित कर रहे हैं. वहीं आए दिन यहां आने वाले बाहरी लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में सभी कर्मचारी खतरे के बीच अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं.
सैनिटाइजेशन करने की की मांग
प्रिंसिपल ने कहा कि पत्र के जरिए डीएम से अनुरोध किया है कि इस बात को संज्ञान में लें. उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए पूरे परिसर का सैनिटाइशन कराया जाए और कर्मचारियों की कोरोना जांच कराई जाए.