ETV Bharat / state

Retinoblastoma Awareness Week: AIIMS में मनाया जा रहा रेटिनोब्लास्टोमा वीक, जानिए सबकुछ...

हर साल मई के दूसरे सप्ताह में आंख के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व रेटिनोब्लास्टोमा जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है.

AIIMS में मनाया जा रहा रेटिनोब्लास्टोमा वीक
AIIMS में मनाया जा रहा रेटिनोब्लास्टोमा वीक
author img

By

Published : May 20, 2023, 10:26 PM IST

AIIMS में मनाया जा रहा रेटिनोब्लास्टोमा वीक

नई दिल्ली: पूरे विश्व में रेटिनोब्लास्टोमा (बच्चों में आंख का कैंसर) वीक मनाया जा रहा है. यह दुनियाभर में 14 मई से 20 मई तक मनाया जाता है. भारत में इस बीमारी को काफी कम लोग जानते हैं, इसलिए इसको लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक सप्ताह का अभियान चलाया जाता है. देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुरविज्ञान संस्थान (एम्स) के आर पी सेंटर में भी जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है. क्या है यह बीमारी. किसको होती है यह बीमारी. क्यों होती है औऱ इसके क्या इलाज हैं. तमाम सवालों के जवाब यहां के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने विस्तार से बताया है.

कैंसर का नाम सुनते ही आदमी के पसीने छूटने लगते हैं. ये बीमारी जब बच्चों के आखों में हो तो इंसान निश्चित रूप से ज्यादा डर जाता है. ऐसे में लोगों को अब डरने की जरूरत नहीं है. समय से अगर आपको इसके लक्षण दिख जाए औऱ आप सही जगह इलाज के लिए पहुंच जाएंगे, तो इसका उपचार संभव है.

छः महीने से एक साल में इलाज सम्भव: एम्स के आर पी सेंटर के डॉक्टर प्रो. आर दादा औऱ डॉक्टर भावना चावला ने इसके बारे में विस्तार से बताया है. Retinoblastoma ये बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों मे होता है. सरल भाषा मे कहें तो ये आंखों का कैंसर होता है. इस बीमारी में जैसे कैंसर के लिए रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी इत्यादि होते हैं. उसी तरह Retinoblastoma के इलाज में भी होता है औऱ जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन भी होता है. 10 से 15 साल पहले तक इसका दवाई विदेशों से आता था, लेकिन अब ये भारत में ही निर्मित हो रहा है. समय रहते अगर इसका इलाज शुरू हो जाए, तो छः महीने से लेकर एक साल में इसका इलाज सम्भव है.

ये भी पढ़ें: Molesting Case: महिला IAS अधिकारी से छेड़छाड़ करने वाला IRS गिरफ्तार, कोर्ट से मिली जमानत

एम्स आर पी सेंटर की डॉक्टर भावना चावला ने बताया कि ये बीमारी क्यों होता है?. इसके लक्षण क्या होते हैं?. डॉ भावना ने बताया कि मां-बाप के ज्यादा उम्र में शादी, दोनों के उम्र में ज्यादा अंतर, ज्यादा मोबाइल यूज औऱ फैटी यानी जंक फूड इसके मुख्य कारण है. जिसका असर कभी-कभी बच्चों पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है यह सभी जानते हैं, लेकिन समय से इसका उपाचार हो, तो इसका इलाज सम्भव है.

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: कृष्णा पूनिया पहलवानों के समर्थन में फिर पहुंची जंतर मंतर, केंद्र पर साधा निशाना

AIIMS में मनाया जा रहा रेटिनोब्लास्टोमा वीक

नई दिल्ली: पूरे विश्व में रेटिनोब्लास्टोमा (बच्चों में आंख का कैंसर) वीक मनाया जा रहा है. यह दुनियाभर में 14 मई से 20 मई तक मनाया जाता है. भारत में इस बीमारी को काफी कम लोग जानते हैं, इसलिए इसको लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक सप्ताह का अभियान चलाया जाता है. देश के सबसे बड़े अस्पताल अखिल भारतीय आयुरविज्ञान संस्थान (एम्स) के आर पी सेंटर में भी जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है. क्या है यह बीमारी. किसको होती है यह बीमारी. क्यों होती है औऱ इसके क्या इलाज हैं. तमाम सवालों के जवाब यहां के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने विस्तार से बताया है.

कैंसर का नाम सुनते ही आदमी के पसीने छूटने लगते हैं. ये बीमारी जब बच्चों के आखों में हो तो इंसान निश्चित रूप से ज्यादा डर जाता है. ऐसे में लोगों को अब डरने की जरूरत नहीं है. समय से अगर आपको इसके लक्षण दिख जाए औऱ आप सही जगह इलाज के लिए पहुंच जाएंगे, तो इसका उपचार संभव है.

छः महीने से एक साल में इलाज सम्भव: एम्स के आर पी सेंटर के डॉक्टर प्रो. आर दादा औऱ डॉक्टर भावना चावला ने इसके बारे में विस्तार से बताया है. Retinoblastoma ये बीमारी पांच साल से कम उम्र के बच्चों मे होता है. सरल भाषा मे कहें तो ये आंखों का कैंसर होता है. इस बीमारी में जैसे कैंसर के लिए रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी इत्यादि होते हैं. उसी तरह Retinoblastoma के इलाज में भी होता है औऱ जरूरत पड़ने पर ऑपरेशन भी होता है. 10 से 15 साल पहले तक इसका दवाई विदेशों से आता था, लेकिन अब ये भारत में ही निर्मित हो रहा है. समय रहते अगर इसका इलाज शुरू हो जाए, तो छः महीने से लेकर एक साल में इसका इलाज सम्भव है.

ये भी पढ़ें: Molesting Case: महिला IAS अधिकारी से छेड़छाड़ करने वाला IRS गिरफ्तार, कोर्ट से मिली जमानत

एम्स आर पी सेंटर की डॉक्टर भावना चावला ने बताया कि ये बीमारी क्यों होता है?. इसके लक्षण क्या होते हैं?. डॉ भावना ने बताया कि मां-बाप के ज्यादा उम्र में शादी, दोनों के उम्र में ज्यादा अंतर, ज्यादा मोबाइल यूज औऱ फैटी यानी जंक फूड इसके मुख्य कारण है. जिसका असर कभी-कभी बच्चों पर पड़ता है. उन्होंने बताया कि कैंसर एक जानलेवा बीमारी है यह सभी जानते हैं, लेकिन समय से इसका उपाचार हो, तो इसका इलाज सम्भव है.

ये भी पढ़ें: Wrestlers Protest: कृष्णा पूनिया पहलवानों के समर्थन में फिर पहुंची जंतर मंतर, केंद्र पर साधा निशाना

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.