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दक्षिणी दिल्ली से 2 बार संसद पहुंची थीं सुषमा जी, बिधूड़ी ऐसे करते हैं याद - सुषमा स्वराज

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज की अंत्येष्टि के बाद ईटीवी भारत से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने सुषमा स्वराज से जुड़ी कुछ बाते बताईं.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के बारे में बताई कुछ खास बातें, etv bharat
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Published : Aug 8, 2019, 12:53 PM IST

Updated : Aug 8, 2019, 1:09 PM IST

नई दिल्ली: यूं तो देश भर में सुषमा स्वराज के चाहने वाले हैं, लेकिन दिल्ली से उनका हमेशा ही खास नाता रहा है. दक्षिणी दिल्ली से वे 1996 और 1998 में लगातार दो बार सांसद चुनी गईं. उसी दक्षिणी दिल्ली से आज रमेश बिधूड़ी सांसद हैं. सुषमा स्वराज की अंत्येष्टि के बाद रमेश बिधूड़ी से ईटीवी भारत ने सुषमा स्वराज से जुड़ी उनकी यादों को लेकर बातचीत की.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के बारे में बताई कुछ खास बातें

'सुषमा जी का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति'
रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के देहावसान को राष्ट्र की क्षति बताया. उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के लिए तो अपूरणीय क्षति है ही, देश के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा जी जो कहती थीं, वो करती थीं. उन्होंने हमेशा सेवा भाव से काम किया. विभिन्न पदों पर रहीं, लेकिन कभी भी किसी से कोई उपहार नहीं लिया. लोग बहुत उपदेश देते हैं, लेकिन सुषमा जी ने इसे जी कर दिखाया.

'सुषमा जी बेटा कहकर बोला करती थीं'
सुषमा स्वराज से आखिरी मुलाकात कब हुई थी ये पूछने पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उनके घर में शिफ्ट होने से करीब 5 दिन पहले हमारी मुलाकात हुई थी. 15-20 मिनट चर्चा हुई. उन्होंने बातचीत में कहा भी कि तुम संघर्ष कर रहे हो, करते रहो. रमेश बिधूड़ी ने बताया कि सुषमा स्वराज उन्हें बेटा कह कर बोला करती थीं और मैं उन्हें बहन जी कहा करता था.

'सुषमा जी में दीनदयाल उपाध्याय के संस्कार थे'
रमेश बिधूड़ी ने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज जी में दीनदयाल उपाध्याय के संस्कार थे और उनके उन्हीं संस्कारों और सुषमा जी की सीख को लेकर हम आगे बढ़ेंगे. अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह उन्हीं संस्कारों का नतीजा है, जिससे हम सफल हो पाए हैं.

नई दिल्ली: यूं तो देश भर में सुषमा स्वराज के चाहने वाले हैं, लेकिन दिल्ली से उनका हमेशा ही खास नाता रहा है. दक्षिणी दिल्ली से वे 1996 और 1998 में लगातार दो बार सांसद चुनी गईं. उसी दक्षिणी दिल्ली से आज रमेश बिधूड़ी सांसद हैं. सुषमा स्वराज की अंत्येष्टि के बाद रमेश बिधूड़ी से ईटीवी भारत ने सुषमा स्वराज से जुड़ी उनकी यादों को लेकर बातचीत की.

दक्षिणी दिल्ली के सांसद रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के बारे में बताई कुछ खास बातें

'सुषमा जी का जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति'
रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के देहावसान को राष्ट्र की क्षति बताया. उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के लिए तो अपूरणीय क्षति है ही, देश के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा जी जो कहती थीं, वो करती थीं. उन्होंने हमेशा सेवा भाव से काम किया. विभिन्न पदों पर रहीं, लेकिन कभी भी किसी से कोई उपहार नहीं लिया. लोग बहुत उपदेश देते हैं, लेकिन सुषमा जी ने इसे जी कर दिखाया.

'सुषमा जी बेटा कहकर बोला करती थीं'
सुषमा स्वराज से आखिरी मुलाकात कब हुई थी ये पूछने पर रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उनके घर में शिफ्ट होने से करीब 5 दिन पहले हमारी मुलाकात हुई थी. 15-20 मिनट चर्चा हुई. उन्होंने बातचीत में कहा भी कि तुम संघर्ष कर रहे हो, करते रहो. रमेश बिधूड़ी ने बताया कि सुषमा स्वराज उन्हें बेटा कह कर बोला करती थीं और मैं उन्हें बहन जी कहा करता था.

'सुषमा जी में दीनदयाल उपाध्याय के संस्कार थे'
रमेश बिधूड़ी ने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज जी में दीनदयाल उपाध्याय के संस्कार थे और उनके उन्हीं संस्कारों और सुषमा जी की सीख को लेकर हम आगे बढ़ेंगे. अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह उन्हीं संस्कारों का नतीजा है, जिससे हम सफल हो पाए हैं.

Intro:यूं तो देश भर में सुषमा स्वराज के चाहने वाले हैं, लेकिन दिल्ली से उनका हमेशा ही खास नाता रहा. दक्षिणी दिल्ली से वे 1996 और 1998 में लगातार दो बार सांसद चुनी गईं. उसी दक्षिणी दिल्ली से आज सांसद हैं, रमेश बिधूड़ी. सुषमा स्वराज की अंत्येष्टि के बाद रमेश बिधूड़ी से ईटीवी भारत ने सुषमा स्वराज से जुड़ी उनकी यादों को लेकर बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: रमेश बिधूड़ी ने सुषमा स्वराज के देहावसान को राष्ट्र की क्षति बताया. उन्होंने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी के लिए तो अपूरणीय क्षति है ही, देश के लिए भी एक बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने यह भी कहा कि सुषमा जी जो कहती थीं, वो करती थीं. उन्होंने हमेशा सेवा भाव से काम किया. विभिन्न पदों पर रहीं, लेकिन कभी भी किसी से कोई उपहार नहीं लिया. लोग बहुत उपदेश देते हैं, लेकिन सुषमा जी ने इसे जी कर दिखाया.

इसे लेकर पूछने पर कि सुषमा स्वराज से आखिरी मुलाकात कब हुई थी, रमेश बिधूड़ी ने कहा कि उनके घर में शिफ्ट होने से करीब 5 दिन पहले हमारी मुलाकात हुई थी. 15-20 मिनट चर्चा हुई. उन्होंने बातचीत में कहा भी कि तुम संघर्ष कर रहे हो, करते रहो. रमेश बिधूड़ी ने बताया कि सुषमा स्वराज उन्हें बेटा कह कर बोला करती थीं और मैं उन्हें बहन जी कहा करता था.

रमेश बिधूड़ी ने यह भी कहा कि सुषमा स्वराज जी में दीनदयाल उपाध्याय के संस्कार थे और उनके उन्हीं संस्कारों और सुषमा जी की सीख को लेकर हम आगे बढ़ेंगे. अनुच्छेद 370 का जिक्र करते हुए रमेश बिधूड़ी ने कहा कि यह उन्हीं संस्कारों का नतीजा है, जिससे हम सफल हो पाए हैं.


Conclusion:गौरतलब है कि बीती रात देहावसान के बाद आज शाम दिल्ली के लोधी कॉलोनी स्थित शवदाहगृह में सुषमा स्वराज का अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर विभिन्न दलों के सैकड़ों नेताओं सहित हजारों लोग मौजूद रहे और सबने नम आंखों से अपनी इस नेता को विदाई दी.
Last Updated : Aug 8, 2019, 1:09 PM IST
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