नई दिल्ली: जीटीबी हॉस्पिटल कैंपस में कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने के विरोध में छात्रों ने कैंपस में विरोध-प्रदर्शन किया. अस्पताल कैंपस की बायोडायवर्सिटी प्राकृतिक संरक्षण की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के छात्र यूनियन और गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल के जूनियर डॉक्टर, टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ एवं मेडिकल छात्रों ने धरना-प्रदर्शन किया.
छात्रों के इस धरना-प्रदर्शन में स्टूडेंट्स यूनियन टीचर्स एसोसिएशन, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, कर्मचारी यूनियन ने अपना समर्थन दिया. उनका मानना है कि कोविड हॉस्पिटल बनने से रेजिडेंट की सुरक्षा को खतरा पैदा हो जाएगा.
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स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष डॉ. रामन्श बंधु का कहना है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोविड-19 हॉस्पिटल बनाने का वह समर्थन करते हैं. लेकिन जीटीबी हॉस्पिटल कैंपस में ही अस्पताल बने वह ऐसा नहीं चाहते हैं. वह दिल्ली सरकार से मांग करते हैं कि वह जीटीबी अस्पताल कैंपस की बायोडायवर्सिटी का होने वाले नुकसान और कॉलेज के मेडिकल रिकग्निशन पर जो असर पड़ेगा उस पर विचार करे. साथ ही इस अस्पताल को इस हॉस्पिटल कैंपस से दूर इसी इलाके में कहीं दूसरी जगह बनाने का विचार करें.
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RWA के अध्यक्ष डॉ. कहर सिंह ने कहा कि जीटीबी हॉस्पिटल कैंपस में कोविड अस्पताल बनने से अस्पताल के कर्मचारियों और अस्पताल के रेजिडेंट के लिए सुरक्षा का एक बड़ा सवाल खड़ा हो जाएगा. कोरोना संक्रमण का खतरा हमेशा बना रहेगा. इससे अस्पताल का माहौल खराब होगा. इसीलिए बेहतर है कि अस्पताल को इसी इलाके में किसी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाए.
वहीं कर्मचारी यूनियन के कार्यकारी सदस्य प्रदीप कुमार का कहना है कि वह इस मुद्दे पर डॉक्टर्स का समर्थन करते हैं. अगर धरना-प्रदर्शन वो नहीं कर सकते तो प्रकृति की संरक्षण के लिये जो संस्था काम कर रही है उसे धरना में शामिल होने के लिये निमंत्रण देंगे. लेकिन जीटीबी अस्पताल कैंपस में कोविड अस्पताल नहीं बनने देंगे.