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अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

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Published : Mar 25, 2019, 5:35 PM IST

कैलाश सत्यार्थी ने कहा- हार्ट से जुड़े बीमार लोगों के लिए ट्रांसप्लांट की व्यवस्था ना हो पाना सबसे बड़ी दिक्कत होती है, क्योंकि अभी भी हमारे देश में ऑर्गन डोनर की काफी कमी है.

अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

नई दिल्ली: देशभर में लगातार हार्ट से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही है. इसी को देखते हुए सोसायटी फॉर हार्ट फैलियर एंड ट्रांसप्लांट नामक संस्था ने सेमिनार का आयोजन किया. सेमिनार में लोगों को हर्ट से जुड़ी बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को अवगत कराने की टिप्स दी गई.

अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और अपने भाषण के दौरान कहा कि उनका संगठन भी अब लोगों को अंगदान के बारे में बताएगा और ज्यादा से ज्यादा अंगदान करने को लेकर प्रेरित करेगा.

हार्ट से जुड़े बीमार लोगों के लिए ट्रांसप्लांट की व्यवस्था ना हो पाना सबसे बड़ी दिक्कत होती है, क्योंकि अभी भी हमारे देश में ऑर्गन डोनर की काफी कमी है. अंगदान के प्रति लोग अभी भी इतने जागरूक नहीं हैं. इसी को लेकर के सोमवार को इवेंट में चर्चा हुई कि कैसे लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाए.

डॉक्टर युगल मिश्रा (हेड कार्डियक साइंस मणिपाल हॉस्पिटल) का कहना है कि लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है कि एक्सीडेंट में मृत लोगों के अंग दान किए जाएं जिससे कई और ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं.

नई दिल्ली: देशभर में लगातार हार्ट से जुड़ी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही है. इसी को देखते हुए सोसायटी फॉर हार्ट फैलियर एंड ट्रांसप्लांट नामक संस्था ने सेमिनार का आयोजन किया. सेमिनार में लोगों को हर्ट से जुड़ी बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को अवगत कराने की टिप्स दी गई.

अंगदान से बचाई जा सकती हैं कई ज़िंदगियां- कैलाश सत्यार्थी

नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और अपने भाषण के दौरान कहा कि उनका संगठन भी अब लोगों को अंगदान के बारे में बताएगा और ज्यादा से ज्यादा अंगदान करने को लेकर प्रेरित करेगा.

हार्ट से जुड़े बीमार लोगों के लिए ट्रांसप्लांट की व्यवस्था ना हो पाना सबसे बड़ी दिक्कत होती है, क्योंकि अभी भी हमारे देश में ऑर्गन डोनर की काफी कमी है. अंगदान के प्रति लोग अभी भी इतने जागरूक नहीं हैं. इसी को लेकर के सोमवार को इवेंट में चर्चा हुई कि कैसे लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाए.

डॉक्टर युगल मिश्रा (हेड कार्डियक साइंस मणिपाल हॉस्पिटल) का कहना है कि लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है कि एक्सीडेंट में मृत लोगों के अंग दान किए जाएं जिससे कई और ज़िंदगियां बचाई जा सकती हैं.

Intro:देशभर में लगातार हार्ट से जुड़ी बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है इसी को देखते हुए सोसायटी फॉर हार्ट फैलियर एंड ट्रांसप्लांट नामक संस्था ने लोगों के बीच हार से जुड़ी बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने और लोगों को अवगत कराने के लिए आज एक सेमिनार का आयोजन किया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी पहुंचे


Body:हार्ट जुड़े बीमार लोगों के के लिए सबसे बड़ी दिक्कत होती है ट्रांसप्लांट की व्यवस्था ना हो पाना क्योंकि अभी भी हमारे देश में ऑर्गन डोनर की काफी कमी है लोग अंगदान के प्रति अभी भी इतने जागरूक नहीं हैं इसी को लेकर के आज के इवेंट में चर्चा हुई कि कैसे लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित किया जाए इस दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी जी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की और अपने भाषण के दौरान कहा कि उनका संगठन भी अब लोगों को अंगदान के बारे में बताएगा और ज्यादा से ज्यादा अंगदान करने को लेकर प्रेरित करेगा


Conclusion:भारत में 50,000 लोगों को ट्रांसप्लांट की डेथ होने पर केवल 3:30 सौ मरीजों को ही अंग मिल पाता है इस वजह से हर साल कई रोगियों की मौत हो जाती है भारत में सड़क दुर्घटनाओं में पिछले 10 सालों में लगभग 1300000 लोगों की मौत हुई है और मरने वालों में अधिकतर युवा वर्ग के ही लोग हैं डॉक्टर युगल मिश्रा जो हेड कार्डियक साइंस मणिपाल हॉस्पिटल से हैं उनका कहना है इन लोगों को इस बारे में जागरूक करने की जरूरत है एक्सीडेंट में मृत लोगों के अंग दान किए जाएं जिससे कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं
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